नूपुर शर्मा पर टिप्पणी करने वाले दो जजों में से एक जेबी पारदीवाला ने हाल ही में कहा कि देश में सोशल मीडिया को
व्यवस्थित करना अब बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि इसके जरिये जजों पर व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं.
नुपुर मामले से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के बयान का कई लोगों ने समर्थन किया था, तो बहुतों ने इसे लेकर विरोध भी जताया था.
इसी बीच कई सोशल मीडिया यूजर्स ऐसा कह रहे हैं कि जज जेबी पारदीवाला का जन्म ईरान में हुआ था.
साथ ही, ये भी कहा जा रहा है कि वो पहले पारसी थे, लेकिन धर्म परिवर्तन करवा के मुस्लिम बन गए.
दरअसल, एक स्क्रीनशॉट धड़ल्ले से शेयर हो रहा है, जिस पर लिखा है, कन्हैयालाल की हत्या के लिए नुपुर शर्मा
जिम्मेदार- सुप्रीम कोर्ट जज जेबी पारदीवाला.
पूरा नाम: जमशेद बुरजोर पारदीवाला.
जन्म स्थान: ईरान.
धर्म: पारसी से मुस्लिम धर्म परिवर्तन.
पिता: बुरजोर कवाशजी पारदीवाला, गुजरात के वलसाड से कांग्रेस के दो बार विधायक.
2015 में 58 राज्यसभा सांसद महाभियोग प्रस्ताव लाए परन्तु कांग्रेसी उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बचा लिया था.
गुजरात हाईकोर्ट से 30 दिनों के लिए सस्पेंड हुआ. अफजल गुरु और कसाब की फांसी का विरोधी.
इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि न तो जस्टिस जेबी पारदीवाला का जन्म ईरान में हुआ था और न ही वो मुस्लिम हैं.
वो पारसी हैं और मुंबई में पैदा हुए थे.
हां, ये बात सच है कि जेबी पारदीवाला के पिता बुर्जोर कावासजी पारदीवाला कांग्रेस विधायक रहे थे.
साथ ही, ये भी सही है कि साल 2015 में जेबी पारदीवाला की आरक्षण पर की गई टिप्पणी से खफा होकर 58 राज्यसभा सांसद उनके
खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में महाभियोग प्रस्ताव लाए थे.
क्या लिखा है सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट में?
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट में लिखा है कि जस्टिस जेबी पारदीवाला का जन्म 12 अगस्त, 1965 को मुंबई में हुआ था.
कानूनी मसलों से जुड़ी वेबसाइट ‘बार एंड बेंच’ में भी यही बताया गया है.
किसी भी सरकारी वेबसाइट या न्यूज रिपोर्ट में उनका जन्म ईरान में होने की बात नहीं लिखी है. जाहिर है, ये बात गलत है.
उनके मुस्लिम होने का कोई सबूत नहीं है
जस्टिस जेबी पारदीवाला ने 9 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ ली थी. उस वक्त उनके बारे में मीडिया में काफी चर्चा हुई थी.
‘एएनआई’ न्यूज एजेंसी ने 9 मई,2022 को इस बारे में एक रिपोर्ट छापी थी, जिसमें लिखा है कि जेबी पारदीवाला सुप्रीम कोर्ट के जज बनने वाले चौधे ‘पारसी’ व्यक्ति हैं.
सुप्रीम कोर्ट से संबंधित मामलों की वेबसाइट ‘सुप्रीम कोर्ट ऑब्जर्वर’ में भी पारदीवाला का धर्म पारसी बताया गया है.
उनके धर्म परिवर्तन करके मुसलमान बन जाने की बात कहीं नहीं लिखी है.
‘द प्रिंट’ से बातचीत में पारदीवाला के पुराने दोस्त सीनियर एडवोकेट जल उनवाला ने बताया था कि पारदीवाला बेहद धार्मिक और ईश्वर से प्यार करने वाले व्यक्ति हैं.
वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ एक मुस्लिम जज हैं, जिनका नाम अब्दुल नजीर है.
सच है महाभियोग वाली बात
साल 2015 में 58 सांसदों ने तत्कालीन उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के सामने गुजरात हाईकोर्ट जज जेबी पारदीवाला के खिलाफ
महाभियोग चलाने का नोटिस दिया था. दरअसल उस वक्त पारदीवाला ने आरक्षण पर एक टिप्पणी की थी जिसका काफी विरोध हुआ था.बाद में पारदीवाला ने अपनी टिप्पणी वापस ले ली थी.
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर जस्टिस जेबी पारदीवाला को पूर्व कांग्रेस विधायक बताया जा रहा था. उस वक्त भी
हमने इसकी सच्चाई बताई थी.