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फैक्ट चेक: कर्नाटक CM सिद्धारमैया ने जनता दरबार में की महिला से बदसलूकी? जानिए इस वीडियो की सच्चाई

Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जनता दरबार में एक महिला से बदसलूकी की. सिद्धारमैया ने महिला से माइक छीना. लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जनता दरबार के दौरान एक महिला से बदसलूकी करते हुए उसका दुपट्टा खींच लिया.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो साल 2019 का है. उस वक्त सिद्धारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री नहीं थे.

सोशल मीडिया पर कुछ लोग एक वीडियो शेयर करते हुए कह रहे हैं कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जनता दरबार में एक महिला से बदसलूकी की और सरेआम उसका दुपट्टा खींच लिया.

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वीडियो में सिद्धारमैया एक कुर्सी पर बैठे दिख रहे हैं. आसपास सफेद कपड़ों में कुछ अन्य लोग नजर आ रहे हैं. सामने हरे रंग की सलवार कमीज पहने हुए एक महिला माइक पर तेज आवाज में कुछ कह रही है. अचानक सिद्धारमैया महिला से माइक छीनते हैं जिससे उसका दुपट्टा भी खिंचा चला आता है. दुपट्टा सही करने के बाद महिला दोबारा अपनी बात कहने लगती है.

एक फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, "बेहद ही शर्मनाक. कांग्रेस का दुःशासन. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने जनता दरबार में ही किया महिला का चीरहरण."

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कई लोग लिख रहे हैं कि मुख्यमंत्री के पद पर बैठे व्यक्ति का इस तरह का आचरण करना सही नहीं है.

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आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं बल्कि साल 2019 का है.  उस वक्त कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया नहीं बल्कि एच डी कुमारस्वामी थे.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

कीवर्ड सर्च के जरिये तलाशने पर हमें वायरल वीडियो से संबंधित इंडिया टुडे की 28 जनवरी, 2019 की रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया है कि ये घटना मैसूर में हुई थी. खबर के मुताबिक, हरे सलवार सूट वाली महिला, सिद्धारमैया से राजस्व विभाग के कर्मचारियों की शिकायत कर रही थी. इस पर उन्होंने महिला से पूछा कि क्या ऐसी समस्याओं का समाधान स्थानीय विधायक नहीं करते हैं? इस पर वो मेज थपथपाकर कहने लगीं कि विधायक तक उनकी कोई पहुंच नहीं है. दरअसल, ये महिला जिस विधायक की बात कर रही थीं, वो सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र थे. इसी के बाद सिद्धारमैया ने महिला से माइक छीन लिया.

इस घटना के बाद सिद्धारमैया ने सफाई देते हुए एक एक्स पोस्ट के जरिये कहा था कि इस मामले में जो हुआ, वो आकस्मिक तौर पर हुआ, न कि जानबूझकर. एक पार्टी कार्यकर्ता अपनी बात कहने के लिए जरूरत से ज्याद समय ले रही थीं और वो बस उसे रोक रहे थे. साथ ही, उन्होंने ये भी लिखा कि वो उस महिला को 15 साल से अधिक समय से जानते हैं और वो उनकी बहन जैसी है.

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"इंडियन एक्सप्रेस" की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वीडियो में दिख रही महिला पूर्व जिला पंचायत सदस्य जामालार थीं. उन्होंने इस घटना के बाद मीडिया को दिए गए बयान में कहा था, "मुझे कोई समस्या नहीं है. वो सबसे अच्छे मुख्यमंत्री थे. मैं बस उन्हें कुछ शिकायतें बता रही थी और मैंने अपनी बात कुछ ज्यादा ही तल्खी के साथ कही. मुझे एक पूर्व मुख्यमंत्री से इस तरह से बात नहीं करनी चाहिए थी. उन्हें गुस्सा इसलिए आया क्योंकि मैं मेज थपथपा रही थी."  

जामालार नामक इस महिला का पूरा बयान, अंग्रेजी अनुवाद के साथ यहां सुना जा सकता है.

इस घटना के बाद कांग्रेस की तरफ से भी सिद्धारमैया के बचाव में बयान आया था. कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने कहा था, "कभी-कभी जब लोग तल्ख तरीके से सवाल पूछते हैं और आपके सवाल सुनने के बाद भी वो नहीं रुकते तो आप उनसे माइक लेना चाहते हैं और माइक खींचते ही दुपट्टा भी साथ में खिंचा चला आता है. ऐसा कोई इरादा नहीं था."

साफ है, साल 2019 में हुई एक घटना का वीडियो सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री बनने के बाद का बताया जा रहा है जिससे लोगों में भ्रम फैल रहा है.

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