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फैक्ट चेक: आगरा में राणा सांगा जयंती के लिए पहुंचे करणी सेना के कार्यकर्ताओं का नहीं है ये वीडियो

12 अप्रैल को मेवाड़ के महान राजपूत शासक राणा सांगा की जयंती के अवसर पर करणी सेना ने आगरा में जमकर हंगामा किया. विवाद का मुख्य कारण समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन का राणा सांगा को गद्दार कहने वाला बयान है. हालांकि, वायरल वीडियो करणी सेना के कार्यकर्ताओं का नहीं है. जानें वीडियो की पूरी सच्चाई.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये क्षत्रिय समाज का काफिला है जो राणा सांगा की जयंती पर रैली निकालने के लिए कुछ इस तरह आगरा पहुंचा.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
इस वीडियो का राणा सांगा विवाद से कोई लेना-देना नहीं है. ये घोड़ा गाड़ी दौड़ का वीडियो है, जो हर साल कर्नाटक के चिंचली से महाराष्ट्र के सांगली तक होती है.

मेवाड़ के राजपूत शासक राणा सांगा की जयंती 12 अप्रैल को मनायी गई. लेकिन, राजपूतों के संगठन करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने इस दिन आगरा में जमकर हंगामा किया. हंगामे का कारण था यूपी से समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन का संसद में दिया गया एक विवादित बयान, जिसमें उन्होंने राणा सांगा को गद्दार बोल दिया था. कुछ दिन पहले भी इस टिप्पणी के खिलाफ नाराजगी जताते हुए करणी सेना ने आगरा में सुमन के घर पर तोड़फोड़ की थी. 

इस बीच सोशल मीडिया पर इस विवाद से जोड़ते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें किसी सड़क पर एक विशाल बाइक रैली निकाली जा रही है. रात को शूट हुए इस वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी भी सड़कों पर तैनात हैं. लोगों का कहना है कि ये क्षत्रिय समाज का काफिला है, जो राणा सांगा की जयंती पर रैली निकालते हुए कुछ इस तरह आगरा पहुंचा.

वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, “वीडियो आगरा का है जहां राणा सांगा जयंती पर रैली कुछ इस तरह आगरा के रणभूमि में, पहुंचते हुए क्षत्रिय रणबांकुरे. रात्रि के समय आगरा पहुचते हुए क्षत्रियों का काफिला”. इस कैप्शन के साथ वीडियो को एक्स और फेसबुक पर कई लोग शेयर कर चुके हैं.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का राणा सांगा विवाद से कोई लेना-देना नहीं है. ये घोड़ा गाड़ी दौड़ का वीडियो है, जो हर साल कर्नाटक के चिंचली गांव से महाराष्ट्र के सांगली जिले तक होती है.

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कैसे पता की सच्चाई?

वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये फरवरी 2025 के कुछ इंस्टाग्राम पोस्ट में मिला. बता दें कि रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को राणा सांगा को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. ये बात साफ है कि इस वीडियो का राणा सांगा विवाद से कोई संबंध नहीं हो सकता क्योंकि ये पहले से इंटरनेट पर मौजूद है.

इस वीडियो के लंबे वर्जन को 17 फरवरी को पोस्ट करते हुए एक यूजर ने मराठी में लिखा था “मायाक्का चिंचणी ते सांगलवाडी, सांगली”. लंबे वर्जन में कुछ बाइक सवारों को घोड़ा गाड़ी दौड़ाते हुए भी देखा जा सकता है. 

हमें वायरल वीडियो वाली बाइक रैली से मिलते-जुलते और भी कई वीडियो मिले, जिन्हें 17 फरवरी को शेयर किया गया था. इनमें से एक वीडियो श्रेयस अंगाणी नाम के एक इंस्टाग्राम यूजर ने पोस्ट किया था. संपर्क करने पर श्रेयस ने हमें बताया कि वायरल वीडियो महाराष्ट्र के सांगली का है और हर साल कर्नाटक के चिंचली से महाराष्ट्र के सांगली के बीच, करीब 65 किमी के रास्ते पर घोड़ा गाड़ी दौड़ होने की प्रथा है. वायरल वीडियो उसी दौड़ का है. 

इस बारे में हमें ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की 19 फरवरी को छपी की एक रिपोर्ट भी मिली. इसमें बताया गया है कि ये बाइक सवार हर साल आयोजित होने वाले मायक्का देवी के मेले में शामिल होने के लिए पड़ोसी राज्य कर्नाटक के चिंचली जाते हैं. वहां से सांगली तक एक घोड़ा गाड़ी दौड़ का आयोजन होता है. इस साल दौड़ में 200 से ज्यादा बाइक सवार शामिल हुए थे. रेस के दौरान हंगामा मचाने की वजह से सांगली पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया था.

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इसके अलावा, जानवरों के संरक्षण के लिए काम करने वाले संगठन PETA ने सांगली पुलिस में इस रेस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. कार्रवाई करते हुए पुलिस ने घोड़ो पर क्रूरता करने के लिए रेस के आयोजनकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज की थी. साथ ही, 27 फरवरी को सांगली में होने वाली गधों की एक रेस पर भी पुलिस ने रोक लगा दी थी. 

साफ है, वायरल हो रहे वीडियो का राणा सांगा विवाद से कोई लेना-देना नहीं है.

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