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फैक्ट चेक: बीच सफाई वाली मोदी की तस्वीर संग कार्ति चिदम्बरम ने पोस्ट की 14 साल पुरानी फोटो

तमिलनाडु के मामल्लापुरम बीच को साफ करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीडियो को इंटरनेट यूजर्स से अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया मिली है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
पीएम मोदी की ओर से बीच की सफाई के वक्त कैमरा क्रू की तस्वीर साथ देने से ऐसा संकेत कि ये 'फोटो-ऑप' है
कार्ती चिदंबरम
सच्चाई
पड़ताल से हम कह सकते हैं कि कार्ति चिदंबरम ने पीएम मोदी की मामल्लापुरम की तस्वीरों के साथ जो एक वायरल तस्वीर पोस्ट की, उसका आपस में कोई जुड़ाव नहीं था, इसलिए ये पोस्ट भ्रामक है.

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तमिलनाडु के मामल्लापुरम बीच को साफ करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीडियो को इंटरनेट यूजर्स से अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया मिली है. कई यूजर्स ने जहां पीएम के इस कदम की तारीफ की, वहीं कुछ ने इसे सुनियोजित फोटोशूट के सहारे की गई पीआर एक्सरसाइज बताया.

दावा

तमिलनाडु के सिवगंगा लोकसभा क्षेत्र से सांसद कार्ति चिदंबरम ने शनिवार रात को तीन तस्वीरें ट्वीट कीं. तीन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी बीच की सफाई कर रहे हैं. वहीं तीसरी तस्वीर में शूट के लिए तैयार कैमरा क्रू को देखा जा सकता है. कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट को 'जय श्री राम!' शीर्षक भी दिया.

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कार्ति चिदंबरम पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे हैं. पी चिदंबरम सीबीआई की ओर से दर्ज आईएनएक्स मीडिया केस के सिलसिले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं.

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इस स्टोरी को लिखे जाने तक कार्ति की पोस्ट को 2300 से ज्यादा यूजर लाइक कर चुके थे और इसे 800 से ज्यादा बार रीट्वीट किया जा चुका था. पोस्ट को यहां आर्काइव देखा जा सकता है.

क्या है सच?

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में कार्ति की पोस्ट को भ्रामक पाया. कैमरा क्रू से जुड़ी जो तस्वीर बताई गई उसका पीएम मोदी के मामल्लापुरम बीच की सफाई से कोई लेना देना नहीं था. ये तस्वीर 14 साल पुरानी है और स्कॉटलैंड के फिफे में सेंट एंड्रूज कैथेडेरल के पास वेस्ट सैंड्स बीच पर एक टीवी प्रोडक्शन क्रू की थी.

AFWA पड़ताल

तस्वीर को पहली नजर में देखने पर शक इसलिए हुआ, क्योंकि इसमें क्रू के अधिकतर सदस्य विदेशी प्रतीत हुए.

@pillai_007 ट्विटर हैंडल समेत कुछ यूजर्स ने कार्ति की पोस्ट पर इंगित किया कि ये वायरल तस्वीर टेस्क्रीन के वेबपेज से ली गई है. टेस्क्रीन स्कॉटलैंड के डुंडी शहर में स्थित है और मीडिया प्रोडक्शन से जुड़ी गतिविधियों के लिए स्कॉटलैंड की विभिन्न सरकारी काउंसिल्स के साथ काम करती है.

वायरल तस्वीर का जिओ-लोकेशन

वायरल तस्वीर को बड़े साइज में टेस्क्रीन की वेबसाइट पर देखा जा सकता है. इसमें बैकग्राउंड में यूरोपियन शैली की दो शिखर वाली पुरानी इमारतों और एक टॉवर को देखा जा सकता है.

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रिवर्स इमेज और कीवर्ड्स सर्च के जरिए की गई पड़ताल से पता चला कि वायरल तस्वीर की असल लोकेशन स्कॉटलैंड के फिफे में वेस्ट सैंड्स बीच की है.

सैटेलाइट इमेज और गूगल स्ट्रीट व्यू की मदद से

शिखर वाली दो पुरानी इमारतों और टॉवर की लोकेशन भी पड़ताल में सामने आ गई. ये फिफे, स्कॉटलैंड में स्थित सेंट एंड्रज कैथेडरल और सेंट रूल्स टॉवर के अवशेष हैं. इन ऐतिहासिक ढांचों को वेस्ट सैंड्स बीच से देखा जा सकता है, जहां टीवी क्रू अपने उपकरणों के साथ शूट कर रहा था.

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AFWA ने ढूंढ निकाला असल फोटोग्राफर

हमने इसी तस्वीर को एक और वेबसाइट पर भी देखा. 'इंस्टीट्यूट फॉर कैपिटेलाइजिंग ऑन क्रिएटिविटी' की ये वेबसाइट शोध गतिविधियों के लिए जानी जाती हैं. इस वेबसाइट में फोटो क्रेडिट जूली क्रायक, टेस्क्रीन स्कॉटलैंड को  दिया गया था. जब जूली क्रायक से AFWA ने संपर्क किया तो उन्होंने पुष्टि की कि इस तस्वीर को उन्होंने 2005 के आसपास खींचा था. लिंक्डिइन पर दिए जवाब में क्रायक ने कहा कि ये तस्वीर सेंट्र एंड्रज में टीवी प्रोडक्शन क्रू की है जिसे मैंने खुद की संचालित टेस्क्रीन के लिए लिया था. ये 2005 के आसपास की बात है.

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