scorecardresearch
 

फैक्ट चेक: कश्मीर की 4 साल पुरानी तस्वीर दिल्ली हिंसा से जोड़कर वायरल

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक सुरक्षाकर्मी एक आदमी को लात मारता दिख रहा है. तस्वीर के साथ कैप्शन में तंज करते हुए लिखा गया है कि दिल्ली पुलिस मुसलमानों से इस तरह शांति की अपील करती है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
मुस्लिम युवक को लात मारते हुए दिल्ली पुलिस की तस्वीर.
फेसबुक यूजर “Naween Kumar Sah” और अन्य
सच्चाई
यह तस्वीर कम से कम चार साल पहले कश्मीर में खींची गई थी.

Advertisement

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक सुरक्षाकर्मी एक आदमी को लात मारता दिख रहा है. तस्वीर के साथ कैप्शन में तंज करते हुए लिखा गया है कि दिल्ली पुलिस मुसलमानों से इस तरह शांति की अपील करती है.

फेसबुक यूजर “Naween Kumar Sah” ने इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा है, “दिल्ली पुलिस मुसलमानों से शांति की अपील करते हुए!!” स्टोरी लिखे जाने तक यह पोस्ट 350 से ज्यादा बार शेयर की जा चुकी है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

1_030720075634.jpgफेसबुक पोस्ट

यह तस्वीर ट्विटर पर भी दिल्ली में हुई हिंसा से जोड़कर वायरल हो रही है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह तस्वीर कम से कम चार साल पुरानी है और कश्मीर की है.

Advertisement

हमें कोई ऐसी न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली जो इस वायरल तस्वीर के बारे में कोई विस्तृत जानकारी दे सके. हालांकि, हमने पाया कि यही तस्वीर फेसबुक पर मार्च 2016 में बांग्ला भाषा में कैप्शन के साथ अपलोड की गई थी. इस तस्वीर पर किसी सोफी एहसान का कॉपीराइट हस्ताक्षर भी है.

2_030720075748.jpgफेसबुक पोस्ट

इंडिया टुडे ने सोफी एहसान के बारे में इं​टरनेट पर सर्च किया तो इसी नाम के एक पत्रकार के बारे में पता चला जो कश्मीर से हैं. सोफी एहसान वर्तमान में 'इंडियन एक्सप्रेस', चंडीगढ़ में कार्यरत हैं. हमने सोफी से संपर्क किया तो उन्होंने पुष्टि की कि यह तस्वीर कुछ साल पहले श्रीनगर में एक प्रदर्शन के दौरान उन्होंने ही खींची थी.

सोफी ने कहा, “यह तस्वीर कश्मीर की है. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यह तस्वीर कश्मीर की है, क्योंकि मेरे पास इन अर्धसैनिक बलों की और भी तस्वीरें हैं जिनमें वे ऐसी ही कार्रवाई करते दिख रहे हैं. मैंने इसे कुछ साल पहले खींची थी जब मैं श्रीनगर में एक विरोध प्रदर्शन की कवरेज कर रहा था. हालांकि, मैं यह भी कहना चाहता हूं कि तस्वीर में जो व्यक्ति दिख रहा है, वह प्रदर्शनकारी नहीं था. अगर उसकी पहचान की जानी है तो उसे इस तरह नहीं पहचाना जाना चाहिए.”

Advertisement

सोफी ने हमें प्रदर्शन की इस घटना की अन्य तस्वीरें भी भेजीं जिसमें पीले कुर्ते में वही आदमी दिख रहा है जो वायरल तस्वीर में दिख रहा है.

3_030720075914.jpgपीले कुर्ते में शख्स

इस तरह से पड़ताल से स्पष्ट है कि वायरल पोस्ट में किया गया दावा गलत है. यह तस्वीर दिल्ली की नहीं, बल्कि कश्मीर की है और चार साल पुरानी है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Advertisement
Advertisement