सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वायरल वीडियो में एक सरदार युवक भारतीय सेना की वर्दी पहने अपने विचार व्यक्त करता नजर आ रहा है. फेसबुक पर 19 जून को उसने यह वीडियो लाइव किया था. इसमें वह दिल्ली के मुखर्जी नगर में सिख ऑटो ड्राइवर और पुलिस के बीच मारपीट की घटना का जिक्र करते हुए खालिस्तान की मांग करता दिख रहा है. यह वीडियो यूट्यूब पर भी खूब वायरल हो रहा है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो में नजर आ रहा व्यक्ति भारतीय सेना का जवान नहीं है. भारतीय सेना की ओर से जारी ताजा बयान के अनुसार यह कोई बहरूपिया है.पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
फेसबुक पेज " ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਮੋਹਾਲੀ ਦੀਆਂ ਖਬਰਾਂ chandigarh mohali news " पर 19 जून को इस व्यक्ति ने यह वीडियो लाइव किया था. वीडियो की शुरुआत में वह पंजाबी में कहता है: ‘मैं सतवीर सिंह इंडियन आर्मी दा सोल्जर पीलीभीत उत्तर प्रदेश दा रहन वाला हां.’ करीब 31 मिनट के इस लाइव वीडियो में वह दिल्ली में सिख ऑटो ड्राइवर की पिटाई के मामले पर, कुछ दिनों पहले पंजाब में एक बोरवेल में गिर कर मरे चार साल के फतेह वीर सिंह, देश में सबसे बड़े स्टेच्यू, छोटे बच्चों से रेप, दामिनी केस आदि का जिक्र करते हुए खालिस्तान की मांग करता दिखता है.
सोशल मीडिया पर यह वीडियो जैसे ही वायरल हुआ भारतीय सेना के एडिशनल डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ पब्लिक इंफॉर्मेशन (ADG PI) ने ट्वीट करते हुए यह स्पष्ट किया कि यह व्यक्ति भारतीय सेना का हिस्सा नहीं है.
'Be Cautious - Be Vigilant'
❌Imposter wearing Indian Army combat uniform in video spreading disinformation.❌
✅Soldiers of #IndianArmy are committed to uphold the core values of our Constitution and the rich history of Courage, Valour and Sacrifice. ✅
We are at it. pic.twitter.com/GHPYtZAwnA
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) June 22, 2019
ADG PI ने फेसबुक पर भी इसकी जानकारी दी.
भारतीय सेना की ओर से बयान जारी होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग इस बहरूपिए की गिरफ्तारी की मांग करने लगे हैं. वहीं कुछ लोग अब उसके इस वीडियो पर कमेंट कर अन्य लोगों को सावधान करने का भी काम कर रहे हैं.
AFWA ने फेसबुक पेज "ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਮੋਹਾਲੀ ਦੀਆਂ ਖਬਰਾਂ chandigarh mohali news" को खंगालना शुरू किया तो पाया कि यह पेज चंडीगढ़—मोहाली की खबरें कम देता है और खालिस्तानी प्रोपगेंडा को ज्यादा प्रमोट करता है. पेज पर ऐसे बहुत से पोस्ट नजर आए जिससे यह बात सिद्ध होती है. यह पेज 7 दिसंबर 2017 को बनाया गया था और इसे करीब 23500 लोग फॉलो करते हैं. हमने वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली. संपर्क होने पर इस आर्टिकल को अपडेट कर दिया जाएगा.
बता दें कि भारतीय सेना की वर्दी से मेल खाती ड्रेस कई जगह आसानी से उपलब्ध है. हालांकि, जनवरी 2016 में पठानकोट में एयरफोर्स स्टेशन पर आतंकी हमले के बाद सेना ने आम जनता से अपील की थी कि वे सेना की वर्दी या उससे मेल खाते प्रिंट वाले ड्रेस न पहनें. सेना ने यह भी साफ किया था कि सेना की वर्दी किसी अनाधिकृत व्यक्ति को बेचना गैरकानूनी है. कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने सेना का यह बयान प्रकाशित भी किया था.
लिहाजा यह स्पष्ट हुआ कि वायरल वीडियो का भारतीय सेना से कोई लेना देना नहीं है.