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फैक्ट चेक: चंदौली में ईवीएम के साथ हेराफेरी का दावा निकला गलत

सोशल मीडिया पर दो वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं जिनके जरिए दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के चंदौली में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई है. दोनों वीडियो एक ही जगह के नजर आ रहे हैं. एक वीडियो दिन का है, वहीं दूसरा वीडियो शाम का दिख रहा है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
उत्तर प्रदेश के चंदौली में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई है.
किसने किया दावा- सोशल मीडिया यूजर और  आम आदमी पार्टी गुरुग्राम
सच्चाई
हमारा निष्कर्ष- चुनाव आयोग के मुताबिक ईवीएम के साथ हेराफेरी होने का दावा गलत है. चुनाव आयोग के मुताबिक वीडियो में दिख रहीं ईवीएम रिजर्व्ड ईवीएम हैं.समाजवादी पार्टी ने भी चुनाव आयोग की कार्यवाही को लेकर अपनी संतुष्टि जाहिर की है.

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सोशल मीडिया पर दो वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं जिनके जरिए दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के चंदौली में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई है. दोनों वीडियो एक ही जगह के नजर आ रहे हैं. एक वीडियो दिन का है, वहीं दूसरा वीडियो शाम का दिख रहा है. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने दोनों वीडियो की पड़ताल की और पाया कि ईवीएम के साथ हेराफेरी होने का दावा गलत है.

पहला वीडियो

इस वीडियो में कुछ लोग ईवीएम को एक लोडिंग टेम्पो से उतारकर एक कमरे में रखते हुए नज़र आ रहे हैं. वीडियो में एक आदमी ईवीएम ले जाने वाले लोगों से सवालजवाब करते हुए सुनाई दे रहा है. वीडियो की पूरी बातचीत सुन कर लग रहा है कि उस आदमी को ईवीएम के साथ छेड़छाड़ होने की आशंका है. वीडियो में एक जगह ये शख्स पूछता हुआ सुनाई दे रहा है कि ये ईवीएम कहां से आ रही हैं. जवाब में एक ईवीएम ले जाने वाला आदमी बोल रहा है कि ये ईवीएम रिजर्व्ड है और सकलडीहा सेलाई जा रही हैं. वीडियो में भी एक जगह दीवार पर "रिज़र्व स्ट्रांग रूम सकलडीहा" लिखा हुआ नज़र आ रहा है. सकलडीहा उत्तर प्रदेश की एक विधानसभा सीट है जो कि चंदौली सेलगभग दस किलोमीटर दूर है. चंदौली में 19 मई को चुनाव हुए थे.

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वीडियो को रवि नायर नाम के एक ट्विटर यूजर ने शेयर किया है जिसे लगभग 7000 बार रीट्वीट किया जा चुका है. इस बारे में हमारी बात चंदौली के डीएम नवनीत चहल से हुई. उन्होंने हमें बताया कि ये रिज़र्व्ड ईवीएम हैं जो तकनीकी खराबी आने पर उपयोग की जाती हैं.

उनका कहना था कि ये रिज़र्व्ड ईवीएम सकलडीहा से चंदौली के नवीन मंडी स्थित रिज़र्व स्ट्रांग रूम में रखी जा रही थीं. इन ईवीएम को चुनाव होने के अगले दिन यहां लाया गया था. रवि नायर ने इस ट्वीट के साथ चुनाव आयोग का एक दस्तावेज भी जोड़ा है. इस लेटर के एक नियम में साफ़ लिखा है कि जिस समय वोट डालने के लिए इस्तेमाल हुई ईवीएम को स्ट्रांग रूम में जमा किया जाएगा, उसी समय रिज़र्व्ड ईवीएम को भी रिज़र्व्ड स्ट्रांग रूम में जमा करना होगा. इस बारे में डीएम का कहना था कि ऐसा समय की कमी के कारण हुआ.

दूसरा वीडियो

इस वीडियो में कुछ लोग ईवीएम को कमरे से निकाल कर कहीं और ले जा रहे हैं और लोग इसका वीडियो शूट करते हुए नज़र आ रहे हैं. वीडियो को आम आदमी पार्टी गुरुग्राम  के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से पोस्ट किया गया है. पोस्ट के साथ दावा है- "लोकतंत्र की हत्या! स्थानीय लोगों ने चंदौली की एक दुकान में 300 से ज्यादा ईवीएम पकड़ी है."  फेसबुक पर भी ये वीडियो इसी दावे के साथ खूब वायरल है.

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इस वीडियो के बारे में डीएम नवनीत चहल का कहना है थे कि- ये दावा भ्रामक है. रिज़र्व्ड ईवीएम को नवीन मंडी के रिज़र्व्ड स्ट्रांग रूम में रखे जाने पर कुछ राजनैतिक पार्टी को  ऐतराज़ था, इसी कारण से इन रिज़र्व्ड ईवीएम को कलेक्ट्रेट में ले जाया जा रहा था. इसी दौरान ये वीडियो बनाया गया.

इन दोनों वीडियो को लेकर हमारी बात सकलडीहा से सपा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव से भी हुई. उन्होंने रिज़र्व ईवीएम को कलेक्ट्रेट में रखे पर अपनी संतुष्टि जाहिर की. चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने भी एक लेटर ट्वीट किया है. लेटर में समाजवादी पार्टी के जिला मुखिया सत्यनारायण राजभर ने चुनाव आयोग की कार्यवाही को लेकर अपनी संतुष्टि जाहिर की है. इन वायरल वीडियो पर बूम लाइव ने भी खबर की है.

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