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फैक्ट चेक: ‘दुर्लभ सुर्खाब’ पक्षी के नाम पर वायरल वीडियो का ये है सच

क्या सचमुच सुर्खाब पक्षी इतना दुर्लभ होता है कि इसका वीडियो बनाने के लिए 16 फोटोग्राफर्स को तकरीबन दो महीने का वक्त लगे? सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट में तो ऐसा ही दावा किया जा रहा है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
सुर्खाब पक्षी का वीडियो, जिसे शूट करने के लिए 16 फोटोग्राफर्स ने दो महीने तक मेहनत की.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
वीडियो में नजर आ रहा पक्षी सुर्खाब नहीं, बल्कि मैंडरिन डक है. मैंडरिन डक दुर्लभ पक्षी नहीं है.

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हो सकता है कि आपने सुर्खाब पक्षी नहीं देखा हो, लेकिन 'सुर्खाब के पर' वाली कहावत जरूर सुनी होगी. क्या सचमुच सुर्खाब पक्षी इतना दुर्लभ होता है कि इसका वीडियो बनाने के लिए 16 फोटोग्राफर्स को तकरीबन दो महीने का वक्त लगे? सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट में तो ऐसा ही दावा किया जा रहा है.

दरअसल, सच्चाई यह है कि वीडियो में दिख रहा पक्षी न तो सुर्खाब है, न ही दुर्लभ है. बल्कि, यह मैंडरिन डक है. फेसबुक और वॉट्सएप पर वायरल हो रहे इस वीडियो के बारे में अविश्वसनीय दावे किए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने अब तक इसे नहीं देखा है, उन्हें तुरंत इसे देख लेना चाहिए. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इस पक्षी को कैमरे में कैद करने के लिये 16 वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स ने 62 दिनों तक तपस्या की.

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इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है.

खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट पर करीब 19000 लोग रिएक्शन दे चुके थे और तकरीबन 10000 लोग इसे शेयर कर चुके थे. इसे वॉट्सएप पर भी खूब शेयर किया जा रहा है.

वीडियो की पड़ताल

दुर्लभ नहीं है मैंडरिन डक

वीडियो में दिख रहे पक्षी के बारे में जानने के लिए जब हमने रिवर्स सर्च किया तो हमें पता चला कि यह मैंडरिन डक है. पक्षियों से जुडी वेबसाइट्स की मदद से हमें पता चला कि रंग-बिरंगे पंखों वाली यह खूबसूरत डक चीन, रूस और जापान जैसे देशों में पाई जाती है.

इसके बारे में हमने जानवरों और पक्षियों के विशेषज्ञ डॉ के प्रवीण राव से बातचीत की. डॉ प्रवीण आगरा में एडीशनल प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट्स हैं. उन्होंने बताया कि मैंडरिन डक लुप्त हो रहे पक्षियों की श्रेणी में नहीं आती.

प्रवासी पक्षी है सुर्खाब

पक्षियों से जुडी वेबसाइट्स से हमें पता लगा कि सुर्खाब भी एक किस्म का बतख है. इसे भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. कोई इसे चकवा-चकवी कहता है तो कोई ब्राह्मणी बतख. अंग्रेजी भाषा में इसे रूडी शेलडक कहा जाता है. डॉ के प्रवीण राव बताते हैं कि सुर्खाब एक प्रवासी पक्षी है जो चीन और अफ्रीका जैसे देशों में पाया जाता है. ये पक्षी अक्टूबर के महीने में भारत आते हैं और अप्रैल तक वापस लौट जाते हैं.

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खूब ऊंचा उड़ता है सुर्खाब

बतख एक ऐसा पक्षी है, जो बहुत ज्यादा ऊंचाई तक उड़ नहीं सकता. लेकिन एक रिपोर्ट में लिखा है कि सुर्खाब बतख की प्रजाति से होने के बावजूद हिमालय की ऊंचाई तक उड़ सकता है.

पड़ताल से यह बात बिल्कुल साफ है कि वीडियो में दिख रहा पक्षी सुर्खाब नहीं, बल्कि मैंडरिन डक है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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