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फैक्ट चेक: जानिए शहीद जवानों के शवों के साथ बदसुलूकी के दावे का सच

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर के जरिए दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों के शवों के साथ मोदी सरकार ने बदसलूकी की है. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने की तस्वीर और दावे की पड़ताल.

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वायरल वीडियो की सच्चाई जानने की गई पड़ताल
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने की गई पड़ताल

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सोशल मीडिया पर एक तस्वीर के जरिए दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों के शवों के साथ मोदी सरकार ने बदसलूकी की है. तस्वीर देखकर लग रहा है कि कुछ शवों को कार्ड बोर्ड में लपेटकर रखा गया है. फोटो में कुछ जवान भी खड़े हुए दिख रहे हैं.

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फोटो के साथ कैप्शन में लिखा गया है- 'राष्ट्र के लिए जान देने वाले गढ़चिरौली के शहीदों के शवों के लिए राष्ट्रवादी सरकार की शर्मनाक व्यवस्था'

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये तस्वीर दो साल पुरानी है और अलग कहानी बयान करती है.

अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म से इस पोस्ट को हजार से भी ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है.

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फोटो को रिवर्स सर्च करने पर पता चला कि ये अक्टूबर 2017 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुए एक हेलीकाप्टर क्रैश के दौरान ली गई थी.

इस दुर्घटना में सात जवानों की मौत हो गई थी जिनके शवों को घटनास्थल से कार्ड बोर्ड में लपेटकर लाया गया था. उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह, गौतम गंभीर सहित कई लोगों ने शवों के साथ ऐसे व्यवहार पर नाराजगी जताई थी.

हालांकि इसके बाद सेना ने अपनी सफाई में कहा था कि ऊंचाई वाले क्षेत्र में हेलीकाप्टर से इतना भार ले जाना मुमकिन नहीं होता. इसी कारण शहीदों के पार्थिव शवों को ताबूत के बजाए उस समय मौजूद कार्डबोर्ड में लपेटकर भेजना पड़ा. गुवाहाटी बेस हॉस्पिटल पहुंचने के बाद शवों को पूरे सम्मान के साथ ताबूत में रखा गया था. इस वाकये को मीडिया में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था.

बूम लाइव और ऑल्ट न्यूज़ ने भी इस दावे को ख़ारिज किया है.

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