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फैक्ट चेक: पारले-G बिस्किट वाली जादुई पीली ड्रिंक से चुटकियों में 'लंपी रोग' का इलाज? वीडियो पर न करें यकीन

पशुपालकों को दहशत में डाल रहे इस रोग पर नियंत्रण पाने के लिए यूपी सरकार ने एक स्पेशल टीम का गठन किया है. इस दहशत के माहौल में सोशल मीडिया पर इस रोग के कथित इलाज से जुड़ा एक वीडियो लोग खूब शेयर कर रहे हैं. वीडियो में कुछ लोगों ने  जमीन पर लेटी हुई एक गाय को उसके सींग से कस कर पकड़ रखा है. वहीं एक और व्यक्ति उसका मुंह पकड़ कर उसे एक बोतल से कोई पीले रंग की ड्रिंक पिला रहा है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
लंपी वायरस से पीड़ित जानवरों को हल्दी, पारले-जी बिस्किट, पैरासिटामॉल और पानी का घोल पिला कर ठीक किया जा सकता है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो भ्रामक है. वीडियो में जो ड्रिंक पशुओं को पिलाई जा रही है उससे उनको कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा लेकिन ये लंपी रोग का इलाज नहीं है.

गुजरात, राजस्थान और पंजाब के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी लंपी वायरस ने अपने पैर पसार लिए हैं.  लंपी रोग पशुओं को होने वाला एक ऐसा वायरल इंफेक्शन है जिससे उनके शरीर पर चकत्ते  हो जाते हैं, बुखार होता है. और कई बार तो पशु की मौत भी हो जाती है.

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पशुपालकों को दहशत में डाल रहे इस रोग पर नियंत्रण पाने के लिए यूपी सरकार ने एक स्पेशल टीम का गठन किया है.

इस दहशत के माहौल में सोशल मीडिया पर इस रोग के कथित इलाज से जुड़ा एक वीडियो लोग खूब शेयर कर रहे हैं. वीडियो में कुछ लोगों ने  जमीन पर लेटी हुई एक गाय को उसके सींग से कस कर पकड़ रखा है. वहीं एक और व्यक्ति उसका मुंह पकड़ कर उसे एक बोतल से कोई पीले रंग की ड्रिंक पिला रहा है.

इस वीडियो के साथ किसी व्यक्ति की आवाज भी सुनाई दे रही है जो बता रहा है कि गाय को बिस्किट, हल्दी और पैरासिटामॉल का घोल पिलाया जा रहा है. वो आगे कहता है, "ये रामबाण इलाज है. ये गाय थोड़ी देर में ठीक हो जाएगी, बहुत जल्दी रिकवर होती है. तुरंत इलाज हो रहा है." हैरानी की बात ये है कि कुछ ही देर में ड्रिंक पीने वाली गाय खड़ी हो जाती है. इस वीडियो में आगे कई और गायों को भी ये ड्रिंक बना कर पिलाया जाता है और इस कथित इलाज को आगे शेयर करने के लिए कहा जाता है.

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सोशल मीडिया पर एक यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए इस ड्रिंक को बनाने की पूरी सामग्री बताई है. उसने लिखा है, "गौमाता लम्पी वायरस से मरती जा रही है कुछ लोग एक साधारण प्रयोग से गौमाता को ठीक कर उसका जीवन बचा रहे है. दो लीटर स्वचछ जल मे 100 ग्राम हल्दी पावडर 7-8 पैकेट पारले बिस्कुट 2 पैरासिटामॉल टेबलेट घोल कर पिला दे. कमजोर व बैठी हुई गाय उठती नजर आ रही है."

इसी तरह के एक ट्वीट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने विशेषज्ञों से बात करके पाया कि वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक है. इस वीडियो में जो ड्रिंक पशुओं को पिलाई जा रही है उससे लंपी रोग का इलाज नहीं  हो सकता.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

किसी भी भरोसेमंद वेबसाइट पर हमें इस बिस्किट-हल्दी-पैरासिटामॉल वाली ड्रिंक के बारे में कुछ नहीं मिला.

न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, विशेषज्ञों का मानना है कि लंपी का कोई ठोस इलाज नहीं है.

लेकिन राष्‍ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने इस रोग के लिए एक परंपरागत उपचार की विधि बताई  है. इस देसी इलाज से पशुओं को इस रोग से काफी राहत मिल सकती है. लेकिन डेयरी बोर्ड ने जो इलाज बताया वो इस बिस्किट वाली ड्रिंक से एकदम अलग है.

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लंपी रोग का इलाज बताई जा रही इस जादुई पीली ड्रिंक के बारे में हमने यूपी के पशुपालन विभाग के अपर निदेशक डॉ एसके अग्रवाल से बात की. उन्होंने भी बताया कि लंपी स्किन रोग का कोई इलाज नहीं है.

डाक्टर अग्रवाल के मुताबिक, "जहां तक इस पीले ड्रिंक की बात है, हल्दी में एंटीबायोटिक और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो लंपी रोग में कुछ हद तक राहत दे सकते हैं. साथ ही पारले-जी में भी ग्लूकोज होता है जो ताकत देता है. हालांकि दो टैबलेट पैरासिटामॉल से बड़े जानवरों पर कोई खास असर नहीं पड़ता है. कुल मिला के ये ड्रिंक पशुओं के लिए हानिकारक नहीं है लेकिन सिर्फ इस ड्रिंक से चुटकियों में लंपी रोग का इलाज नहीं किया जा सकता है."

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के पूर्व संयुक्त निदेशक डॉ जेडी सिंह ने हमें बताया कि लंपी रोग से पीड़ित पशुओं का कोई एक दवाई या ड्रिंक से इलाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, "इस रोग के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं आई है लेकिन पशु को इस रोग से बचाने के लिए गोट पॉक्स वैक्सीन लगाई जा रही है. इसके अलावा इंफेक्शन रोकने के लिए जरूरी है कि बीमार पशु को स्‍वस्‍थ पशुओं से दूर रखा जाए और उनका जूठा पानी या चारा अन्‍य पशुओं को न दिया जाए."  

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जाहिर है, बिस्किट-हल्दी-पैरासिटामॉल वाली ड्रिंक से लंपी रोग के इलाज की बात में दम नहीं है.

(रिपोर्ट- संजना सक्सेना)

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