scorecardresearch
 

फैक्ट चेक: बुर्का पहनकर परीक्षा देने वाली छात्राओं के लिए नहीं है चिट्ठी ले जाने की शर्त

महाराष्ट्र में 18 फरवरी से 12वीं की परीक्षा शुरू हो गई है. इस बीच सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र सरकार की एक चिट्ठी शेयर की जा रही है. इस चिट्ठी के साथ दावा ​किया जा रहा है कि बुर्का पहनकर 12वीं की परीक्षा देने वाली लड़कियों को उस चिट्ठी का प्रिंट आउट साथ लेकर परीक्षा हॉल में जाना है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
बुर्का पहनकर 12वीं की परीक्षा देने वाली लड़कियों को सरकारी चिट्ठी का प्रिंट आउट लेकर परीक्षा केंद्र जाना है.
फेसबुक यूजर 'Sayyed Ismail Yusuf Mulani'
सच्चाई
महाराष्ट्र बोर्ड का ऐसा कोई आदेश नहीं है. वायरल हो रही सरकारी चिट्ठी सिर्फ एक लड़की को भेजी गई थी.

Advertisement

महाराष्ट्र में 18 फरवरी से 12वीं की परीक्षा शुरू हो गई है. इस बीच सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र सरकार की एक चिट्ठी शेयर की जा रही है. इस चिट्ठी के साथ दावा ​किया जा रहा है कि बुर्का पहनकर 12वीं की परीक्षा देने वाली लड़कियों को उस चिट्ठी का प्रिंट आउट साथ लेकर परीक्षा हॉल में जाना है. अगर बुर्का पहनकर परीक्षा हॉल में जाने से कोई लड़कियों को रोकता है या बुर्का उतारने को कहता है, तो उन्हें यह चिट्ठी दिखानी होगी.

क्या है दावा

फेसबुक यूज़र 'Sayyed Ismail Yusuf Mulani' ने एक सरकारी चिट्ठी का फोटो शेयर करते हुए अंग्रेजी में लिखा, "जो मुस्लिम लड़कियां बुर्का के साथ 12वीं की परीक्षा में शामिल होना चाहती हैं, उन्हें इस अनुमति पत्र का प्रिंट आउट लेना चाहिए. अगर उन्हें कोई रोकता है या हटाने के लिए कहता है…"

Advertisement

इस पोस्ट का अर्काइवड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

fact_check_022120041035.jpg

वायरल फोटो मराठी में लिखी एक सरकारी चिट्ठी की है. इस चिट्ठी के लेटर हेड पर 'महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, पुणे' लिखा है. 'विभागीय सचिव, पुणे विभागीय मंडल' को संबोधित इस चिट्ठी में लिखा गया है कि जैसा कि "सुश्री बेग मोमिना मिर्जा अख्तर फरवरी-मार्च में अपनी विभागीय परीक्षा के लिए उपस्थित होंगी. छात्राओं को परीक्षा के समय बुर्का पहनने की अनुमति दी गई है. इसके अलावा, यदि परीक्षा के समय आवश्यक हो, तो जांच के लिए एक महिला पुलिस अधिकारी या महिला शिक्षक स्टाफ की नियुक्ति करें. इसके अलावा, सावधान रहें कि इस संबंध में किसी की धार्मिक भावनाएं आहत न करें और नियमानुसार कार्रवाई करें." 15 फरवरी को जारी इस चिट्ठी की एक कॉपी छात्रा बेग मोमिना मिर्जा को भी भेजी गई है.

क्या है सच्चाई

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम ने पाया कि बुर्का पहनकर 12वीं की परीक्षा देने वाली छात्रों को इस सरकारी चिट्ठी की कॉपी परीक्षा केंद्र ले जाने की कोई जरूरत नहीं है. परीक्षा केंद्रों में शिक्षक लड़कियों के आई कार्ड और हॉल टिकट की जांच कर उन्हें परीक्षा देने के लिए केंद्र में प्रवेश देते हैं. किसी को बुर्का हटाने के लिए नहीं कहा गया है.

Advertisement

बुर्का पहनने वाली लड़कियों के लिए प्रावधान

बुर्का पहनकर 12वीं की परीक्षा देने वाली लड़कियों से जुड़ी इस चिट्ठी के बारे में जब हमने इंटरनेट पर सर्च किया तो हमे ऐसी कोई खबर नहीं मिली. इसके बाद हमने सरकारी चिट्ठी में दिए नंबर पर ही बोर्ड के सेक्रेटरी अशोक भोसले से बात की. भोसले ने कहा, "14 फरवरी को मोमिना बेग ने हमे ईमेल कर कहा था कि वे बुर्का पहन कर परीक्षा देना चाहती हैं और इसके लिए उन्हें इजाजत दी जाए. हम वैसे भी हर परीक्षा के सेंटर पर हर साल एक चिट्ठी भेजते हैं. इस चिट्ठी में हम यही सुनिश्चित करते हैं कि बुर्का पहनने वाली परीक्षार्थी को किसी तरह की परेशानी न हो और वे अच्छे से परीक्षा दे पाएं. जहां ये छात्रा परीक्षा देने वाली थी, हमने उस सेंटर को एक बार फिर वह चिट्ठी भेजी. हमने ये सरकारी चिट्ठी ईमेल भेजने वाली लड़की को भी भेज दी थी, जिससे परीक्षा के समय वो इन बातों की चिंता न करें."

भोसले ने बताया कि हर सेंटर पर जहां बुर्का पहनकर लड़कियां परीक्षा देने आती हैं, वहां पर महिला सुरक्षाकर्मी या फिर महिला शिक्षक तैनात की जाती हैं जो बुर्का पहनने वाली लड़कियों के आई कार्ड और हॉल टिकट की जांच कर उन्हें परीक्षा देने देती हैं. लड़कियों को नकाब, हिजाब या बुर्का उतारने के लिए नहीं कहा जाता.

Advertisement

इस बात की पुष्टि के लिए हमने बोर्ड को ईमेल भेजने वाली लड़की बेग मोमिना मिर्जा अख्तर से बात करने की कोशिश की पर उन्होंने बात करने से मना कर दिया.

क्या कहना है परीक्षार्थियों का

महाराष्ट्र में सैकड़ों बुर्का पहनने वाली लड़कियां 12वीं की परीक्षा दे रही हैं. ईमेल लिखने वाली लड़की बेग मोमिना पुणे के एक कॉलेज से हैं. हमने वहां पर कुछ बुर्का पहनकर परीक्षा देनेवाली 12वीं की छात्राओं से बात की. पूना कॉलेज की छात्रा जैनब आजमी तम्बोली जो बुर्का पहनती हैं, ने कहा, "हमें कोई एप्लीकेशन देने या परमिशन लेने के लिए नहीं कहा गया था. हमने हिजाब पहन कर परीक्षा दी है."

इसी कॉलेज की दूसरी छात्रा जुवैरिया आरिफ शेख ने भी कहा, "परीक्षा सेंटर पर मौजूद महिला इन्विजिलेटर्स हमारे चेहरे को आई कार्ड से मैच करते हैं और हम लोग परीक्षा देते हैं. किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है."

यही नहीं, पास के ही जिले वाशिम के कारंजा शहर में भी हमने बुर्का पहनकर परीक्षा देनेवाली लड़कियों से बात की. कारंजा के नगर निगम और गुलाम नबी आजाद उर्दू हाईस्कूल की 12वीं कक्षा की 155 से ज्यादा छात्राओं ने गुरुवार को उर्दू की परीक्षा दी.

छात्राओं ने बताया कि नकाब या बुर्का को लेकर उन्हें कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. वे किसी तरह की सरकारी चिट्ठी लेकर नहीं गई थीं. छात्राओं ने बताया कि उनकी और उनके आइडेंटिटी कार्ड की पुष्टि महिला टीचर ने की. छात्रा नसरीन प्यारेवाले ने कहा, "नकाब उतारने की कोई बात नहीं हुई. हमने बहुत अच्छे से परीक्षा दी."

Advertisement

छात्रा आलिया खान ने कहा, "हमें टीचर ने चेक किया लेकिन नकाब को लेकर कोई सवालात नहीं उठे." छात्रा फिजा रायेलिवाले ने कहा, "मैडम ने हमारी चेकिंग की थी लेकिन हिजाब को लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा. हम लोग काफी सहज थे. आराम से परीक्षा दी."

एक और शहर औरंगाबाद की डॉक्टर रफीक जकारिया कॉलेज फॉर वूमेन की 12वीं की छात्रा शेख तुबा फातिमा ने कहा, "एग्जाम हॉल में घुसने के पहले पूरी तरह चेक किया जाता है. जो लड़कियां एग्जाम हॉल में नकाब में रहती हैं उनका नकाब उतारा जाता है, ताकि जो एग्जामिनर है वह लड़कियों की पहचान उनके हॉल टिकट के साथ कर सके. उसके अलावा बुर्का या नकाब निकालने की कोई बात नहीं होती."

निष्कर्ष

जाहिर है कि वायरल हो रही सरकारी चिट्ठी एक छात्रा की चिट्ठी के जवाब में भेजी गई थी. महाराष्ट्र में 12वीं की परीक्षा में बुर्का पहनने वाली छात्राओं को ये चिट्ठी लेकर परीक्षा केंद्र नहीं पहुंचना है.

(पुणे से पंकज खेलकर, औरंगाबाद से इसरार चिश्ती और वाशिम से जाका खान का इनपुट)

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Advertisement
Advertisement