एक वीडियो के जरिए सोशल मीडिया पर दावा किया गया है कि मुसलमानों के धार्मिक स्थल मक्का मदीना में एक शिवलिंग मौजूद है. वीडियो में एक बड़ा गहरे रंग का पत्थर देखाई दे रहा है, जिसे लोग छूते हुए नजर आ रहे हैं.
वीडियो के कैप्शन में कहा जा रहा है- 'हर-हर महादेव.....पहली बार सोशल मीडिया ने दिखाया, मक्का मदीना में शिवलिंग की वीडियो. आज हर हिन्दू शेयर करेगा....समर्थन में पेज लाइक करें.'
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. वीडियो में जो पत्थर दिखाई दे रहा है, वो मक्का में स्थित इस्लाम के पवित्र स्थलों में से एक है.इस वीडियो को फेसबुक पेज 'We Support Modi Ji' ने शेयर किया है. इस फेसबुक पेज के साथ 50,000 से से भी ज्यादा लोग जुड़े है.
यह वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ साल 2017 में भी वायरल हुआ था. चौकाने वाली बात है कि उस समय फेसबुक पेज 'I Support Yogi Adityanath' से इस पोस्ट को दो लाख से भी ज्यादा बार शेयर किया गया था, जबकि करीब 85 लाख लोगों ने इसे देखा था.
जब हमने Intel Techniques सॉफ्टवेयर की मदद से इस वीडियो को खोजा तो हमें कई ऐसे यूट्यूब वीडियो मिले, जहां इसे 'रुक्न यामिनी' बताया गया था.
रुक्न यामिनी के बारे में इंटरनेट पर बहुत जानकारी उपलब्ध है. islamiclandmarks.com नाम की वेबसाइट ने रुक्न यामिनी पर लेख में एक तस्वीर को इस्तमाल किया है, जो कि वायरल वीडियो में दिख रहे पत्थर से मेल खाती है.
लेख के अनुसार इस जगह का नाम 'रुक्न यामिनी' है. रुक्न यामिनी सऊदी अरब के मक्का में स्थित काबा इमारत का एक कोना है. इससे यह बात साफ होती है कि वीडियो में दिख रहा पत्थर शिवलिंग नहीं, बल्कि इस्लाम का एक पवित्र स्थल है.