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फैक्ट चेक: भारतीय सेना का नहीं है महिला के साथ बदसलूकी कर रहा ये जवान

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें सुरक्षा बल का एक जवान एक महिला के साथ बदसलूकी करता हुआ नजर आ रहा है. तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि ये भारतीय सेना का असम में महिलाओं के प्रति व्यवहार है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
एक तस्वीर जिसमें भारतीय सेना का एक जवान असम में महिला के साथ बदसलूकी कर रहा है.
S M Sameem नाम के एक फेसबुक यूजर
सच्चाई
वायरल तस्वीर काठमांडू की है और तस्वीर में दिख रहे जवान नेपाल पुलिस के हैं.

 

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सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें सुरक्षा बल का एक जवान एक महिला के साथ बदसलूकी करता हुआ नजर आ रहा है. तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि ये भारतीय सेना का असम में महिलाओं के प्रति व्यवहार है.

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S M Sameem नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस तस्वीर को शेयर किया है और कैप्शन में तंज कसते हुए लिखा है- "असाम में भरतीय सेना महिलाओं का आदर करते हुए". कैप्शन में किसी Nitin Sonone नाम के फेसबुक यूजर को टैग करते हुए धन्यवाद भी कहा गया है. खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को लगभग 900 बार शेयर किया जा चुका है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. वायरल तस्वीर करीबन 12 साल पुरानी है और नेपाल की राजधानी काठमांडू की है. तस्वीर में दिख रहे सुरक्षा बल के जवान नेपाल पुलिस के हैं.

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वायरल तस्वीर को Tin Eye टूल पर रिवर्स सर्च करने पर हमें ये तस्वीर Adobe Stock की वेबसाइट पर मिली. Adobe Stock के मुताबिक ये फोटो 24 मार्च 2008 को ली गई थी जब तिब्बती प्रदर्शनकारी काठमांडू में संयुक्त राष्ट्र संघ की इमारत के सामने चीन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. इसी प्रदर्शन में नेपाल पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई थी, जिसके बाद पुलिस प्रदर्शनकारियों को घसीट कर डिटेंशन सेंटर ले गई थी. ये तस्वीर भी उसी समय ली गई थी.

इसी प्रदर्शन से जुड़ी एक खबर हमें रायटर्स पर मिली जिसे 17 मार्च 2008 को प्रकाशित किया गया था. इस खबर में बताया गया है कि प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए नेपाल पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे और लाठियों का इस्तमाल किया था. तिब्बती ये प्रदर्शन तिब्बत देश को चीन से आजाद करवाने के लिए कर रहे थे.

 

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