
“बहुत मारा, दाढ़ी पकड़कर, बाल पकड़कर जैसे चाहा मारा और जब मारते-मारते मन भर गया तो एक चौकीदार को बुलाया और उससे बोला कि हाथ पकड़कर इसे लाठी से इतना मारो कि ठिकाने लग जाए”. कार में बैठा एक आदमी रोते हुए ये आपबीती बाहर खड़े पत्रकारों को बता रहा है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल है.
कहा जा रहा है कि इस आदमी का ये हाल यूपी पुलिस ने किया है. कुछ लोग वीडियो को शेयर करते हुए लिख रहे हैं कि ये शख्स एक मुसलमान है जो हिंदुओं पर पत्थर फेंक रहा था और इसी कारण से उसे पीटा गया. इन अलग-अलग दावों के साथ ये वीडियो फेसबुक और थ्रेड्स पर तमाम लोग शेयर कर चुके हैं.
एक फेसबुर यूजर ने वीडियो के साथ लिखा, “अपराधियों के साथ कार्यवाही कैसी हो ये काम पूरी दुनियां में सिर्फ़ यूपी स्टेट की पुलिस ही कर सकती है..!! बाबा के यहां ,ना देर है और ना ही अंधेर है..सीधी बात नो बकवास..जय श्री राम”. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. वीडियो विचलित कर देने वाला है इसलिए हम इसे सीधे तौर पर खबर में नहीं दिखा रहे हैं.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का यूपी पुलिस से कोई लेना-देना नहीं है. ये मामला बिहार के मधुबनी का है जहां के कुछ पुलिसकर्मियों पर इस आदमी को बेरहमी से पीटने का आरोप लगा है.
कैसे पता की सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ‘Badalta Hindustan’ नाम के यूट्यूब चैनल की एक रिपोर्ट मिली. 2 फरवरी की इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो का लंबा वर्जन मौजूद है.
वीडियो में इस शख्स से सवाल कर रहा व्यक्ति ‘Badalta Hindustan’ का पत्रकार है जो बता रहा है कि कैसे मधुबनी के कटैया गांव के निवासी मो. फिरोज को पुलिस ने बुरी तरह पीटा और जातिसूचक गालियां भी दी. पुलिस ने फिरोज को इतना पीटा कि उसके शरीर पर चोट के निशान बन गए. ये आरोप बेनीपट्टी थाने के पुलिसकर्मियों पर लगे हैं. वीडियो रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि फिरोज मस्जिद का इमाम है.
इस बारे में कीवर्ड सर्च करने पर हमें कई खबरें भी मिलीं. एबीपी न्यूज की खबर में बताया गया है कि 30 जनवरी को पुलिस ने फिरोज को वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ा था. हिरासत में उसके साथ कथित तौर पर मारपीट हुई जिसके बाद बवाल खड़ा हो गया.
हालांकि, पुलिस का कहना था कि वाहन जांच के समय फिरोज भागने लगा था इसलिए पुलिस ने उसे पकड़ा. घटना के बाद जिले के एसपी ने पांच पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया था.
खबर के मुताबिक, जांच में एएसआई मुकेश कुमार, हवलदार रंजीत, सिपाही विक्रम कुमार, चौकीदार सुरेश पासवान और चौकीदार सुरदीप मंडल को दोषी पाया गया और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था. तेजस्वी यादव भी पीड़ित ने मिलने गए थे.
जी न्यूज ने भी इस घटना के बारे में खबर छापी थी. इस रिपोर्ट में एसपी के हवाले से लिखा है कि मोटरसाइकिल चेकिंग के दौरान फिरोज को रुकने का इशारा करने पर वो रुके नहीं और भागने लगे. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने बल प्रयोग किया, जिससे फिरोज की बाइक फिसल गई. वो बाइक से गिर गए और कुछ दूर तक घिसटते चले गए.
इस मामले को लेकर मधुबनी पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट भी शेयर किया था.
इस तरह ये साबित हो जाता है कि इस आदमी को पीटने के आरोप यूपी नहीं, बिहार पुलिस पर लगे हैं.