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फैक्ट चेक: न्यूज़ चैनल ने तोड़मरोड़ कर पेश की परेशान किसान की कहानी

मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमल नाथ और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि मामले को तेजी के साथ सुलझा लिया गया है.

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वीडियो से ग्रैब
वीडियो से ग्रैब

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मध्य प्रदेश में शिवपुरी के जिलाधिकारी के पैरों पर गिर कर गिड़गिड़ाते एक किसान का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ मुख्य धारा के मीडिया में भी सुर्खियां बटोर रहा है. ये किसान बिजली के कनेक्शन के लिए कलेक्टर साहिबा के आगे गुहार लगा रहा था.  

न्यूज़ चैनल एबीपी न्यूज़ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि किसान की ओर से बिल का भुगतान किए जाने के बावजूद उसका बिजली कनेक्शन काट दिया गया. इस रिपोर्ट को बड़ी संख्या में शेयर किए जाने के साथ खासी प्रतिक्रियाएं भी मिलीं. हालांकि ये रिपोर्ट भ्रामक निकली. रिपोर्ट में संपादित दृश्यों को देखने से यही ग़लत तस्वीर निकलती है कि महिला जिलाधिकारी अनुग्रह पी. ने किसान की गुहार पर गौर नहीं किया.

इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम ने पड़ताल में पाया कि दरअसल ये किसान अपने क्षेत्र में नए ट्रांसफॉर्मर को लगाए जाने के लिए जिलाधिकारी से दखल देने की मांग कर रहा था. हाल ही में नियुक्त जिलाधिकारी ने किसान की बात को सुना और संबंधित अधिकारियों से आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा. एक ही दिन बाद क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मर भी लग गया.

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न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट को करीब पांच लाख बार देखा गया और इस स्टोरी को लिखे जाने तक फेसबुक पर इसे लगभग 20,000 लोग शेयर कर चुके थे.

रिपोर्ट का  शीर्षक कहता है- “मध्य प्रदेश: शिवपुरी में कलेक्टर के पैरों में गिरा किसान, बिल भरने के बाद भी काट दी बिजली.”

एबीपी की न्यूज़ रिपोर्ट में देखा जा सकता है कि एक किसान हाथ में कुछ पौधे लिए है और कलेक्टर की कार तक पहुंचने के बाद उनके पैरों में गिर जाता है. पीछे से वॉयसओवर में कहा जाता है कि “मैडम तो ठहरी ही नहीं और किसान की बात नहीं सुनते हुए सीधे गाड़ी में जाकर बैठ गईं.” 35 सेकंड की इस रिपोर्ट में किसान को कलेक्टर के पैरों पर दो बार गिरते दिखाया गया लेकिन फिर आगे नहीं दिखाया कि क्या हुआ.

न्यूज एजेंसी ANI ने इस पूरी घटना को 31 दिसंबर 2018 को रिपोर्ट किया. ANI के पूरे वीडियो में देखा जा सकता है कि जिलाधिकारी ने कार में बैठते ही खिड़की का शीशा नीचे कर किसान को उसकी समस्या को तत्काल सुलझाए जाने का भरोसा दिया. ANI का पूरा वीडियो यहां देखा जा सकता है.

हमने संबंधित कलेक्टर अनुग्रह पी से इस घटना के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि गांव रिन्नाई के किसान अजिता सिंह ने 14 अगस्त 2018 को मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के तहत आवेदन दिया था जिससे कि सिंचाई में मदद मिल सके. किसान ने मध्य प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग में प्रोजेक्ट पर अमल के लिए आवश्यक रकम भी जमा करा दी थी.

कलेक्टर ने बताया कि प्रक्रिया को पूरा करने के लिए छह महीने का वक्त लगता है. अनुग्रह पी के मुताबिक “28 दिसंबर 2018 को किसान ने अचानक मेरे सामने आकर नाटकीय अपील की, उस वक्त मैं अपने दफ्तर से बाहर आ रही थी. उसने गुहार लगाई कि प्रोजेक्ट में तेज़ी लाई जाए क्योंकि उसकी फसलें सिंचाई के अभाव में सूख रही है.   

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कलेक्टर ने बताया, “मैंने तत्काल इस मामले पर गौर किया और अपने विभाग को जितनी जल्दी मुमकिन हो उतनी जल्दी ट्रांसफॉर्मर लगाने के लिए बिजली बोर्ड से बात करने के लिए कहा. साथ ही जांच के आदेश भी दिए.” अनुग्रह पी ने ये भी बताया कि उन्होंने इस घटना के एक दिन पहले ही यानी 27 दिसंबर 2018 को शिवपुरी जिलाधिकारी का चार्ज संभाला था.

हमारे शिवपुरी संवाददाता प्रमोद भार्गव के मुताबिक ट्रांसफॉर्मर लगाने की प्रक्रिया को अगले दिन ही शुरू कर दिया गया था और एक दिन बाद यानी 30 दिसंबर 2018 तक ट्रांसफॉर्मर रिन्नाई गांव में लग चुका था. हमारी किसान अजिता सिंह से बात नहीं हो सकी, लेकिन रिन्नाई के सरपंच के बेटे गोलू रघुवंशी ने पुष्टि की कि ट्रांसफॉर्मर अब काम कर रहा है. इसी आशय की रिपोर्ट इंडियन एक्सप्रेस ने प्रकाशित की.

मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमल नाथ और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि मामले को तेजी के साथ सुलझा लिया गया. इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम ने पाया कि एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट भ्रामक थी क्योंकि इसमें दावा किया गया था कि कलेक्टर परेशान किसान से कभी नहीं मिलीं और किसान के बिल भरने के बावजूद उसका बिजली कनेक्शन काट दिया गया.

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