
छत्रपति संभाजी महाराज के शौर्य और मुगल शासक औरंगजेब की क्रूरता को दिखाती फिल्म ‘छावा’ को लेकर विवाद बना हुआ है. जहां फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट हो चुकी है, वहीं कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया है. बरेलवी समुदाय के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने ‘छावा’ पर बैन लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि ये फिल्म सांप्रदायिक तनाव बढ़ा रही है और नागपुर में हुई हिंसा की जिम्मेदार है.
अब इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिये दावा किया जा रहा है कि फ्रांस की राजधानी पेरिस में ‘छावा’ की रिलीज का विरोध करते हुए मुस्लिम समुदाय ने दंगे किए.
वीडियो में सड़क पर खड़ी पुलिस की गाड़ी पर काले कपड़े पहने कुछ लोग हमला करते हुए दिख रहे हैं. वीडियो को शेयर करते हुए यूजर्स कैप्शन में लिख रहे हैं, “फ्रांस की राजधानी पेरिस में भी फिल्म 'छावा' के रिलीज होने से ही कल रात से मुस्लिम दंगे कर रहें हैं”.
इस दावे के साथ वीडियो फेसबुक और एक्स पर कई लोग शेयर कर चुके हैं. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो है तो फ्रांस का ही लेकिन 2021 का है. इसका ‘छावा’ फिल्म से कोई संबंध नहीं है.
कैसे पता की सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये जनवरी 2021 के एक एक्स पोस्ट में मिला. ये बात तो यहीं साफ हो गई कि वीडियो पुराना है और फिल्म छावा की रिलीज से संबंधित नहीं है. ये ट्वीट फ्रांस के मीडिया संस्थान ‘Actu17’ का है. इसमें बताया गया है कि पेरिस के पैंटिन इलाके में कुछ लोगों ने पुलिस पर हमला किया.
कीवर्ड की मदद से सर्च करने पर हमें इसे लेकर फ्रेंच भाषा में छपी कई खबरें मिलीं. इनमें बताया गया है कि पुलिस पर ये हमला 24 जनवरी 2021 को हुआ था. खबरों के मुताबिक, पुलिस पर ये हमला तब हुआ था जब वे किसी गाड़ी की तलाशी ले रहे थे. हमलावर इसी इलाके में एक रैप वीडियो की शूटिंग कर रहे थे.
खबरों में बताया गया है कि भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा था. मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था. इस तरह ये बात यहां स्पष्ट हो जाती है कि फ्रांस के चार साल से ज्यादा पुराने वीडियो को झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
इसके अलावा ‘छावा’ 14 फरवरी को भारत सहित कई दूसरे देशों में भी रिलीज हुई थी. सिनेमा से जुड़ी वेबसाइट IMDb के अनुसार, 14 फरवरी को छावा फ्रांस में भी रिलीज हुई थी. लेकिन हमें ऐसी कोई विश्वसनीय खबर नहीं मिली जिसमें फ्रांस में ‘छावा’ की रिलीज को लेकर हुई किसी हिंसा का जिक्र किया गया हो.