scorecardresearch
 

फैक्ट चेक: फेसबुक की अंखी दास ने काटा तिरंगा केक, सोशल मीडिया का ये दावा है फेक

गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमने पाया कि कुछ ट्विटर यूजर्स ने कुछ दिनों पहले इन्हीं तस्वीरों को शेयर करते हुए भारतीय राजदूत की आलोचना की है.  

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
बीजेपी नेताओं के हेट स्पीच के खिलाफ नरमी बरतने को लेकर आलोचना झेलने वाली, भारत में फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी प्रमुख अंखी दास ने तिरंगा केक काटकर भारत का अपमान किया है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
वायरल तस्वीर में दिख रही महिला बेलारूस में भारत की राजदूत संगीता बहादुर हैं जिन्होंने बेलारूस में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान केक काटा था.

हाल ही में “द वॉल स्ट्रीट जर्नल” की एक रिपोर्ट में कहा गया कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने बीजेपी नेताओं की ओर से नफरत फैलाने वाले भाषणों के प्रति नरमी बरती. इसके बाद फेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी प्रमुख अंखी दास को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.
 
इसी बीच, सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिनमें एक महिला केक काट रही है. ये केक भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के डिजाइन में बना है. तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि तिरंगा केक काटकर अंखी दास ने भारत का अपमान किया है.

Advertisement

कई फेसबुक यूजर्स ने इन तस्वीरों को पोस्ट करते हुए लिखा है, “देश का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान फेसबुक की अंखी दास ने तिरंगे का केक बनाकर काटा अगर यही काम किसी मुसलमान ने किया होता मीडिया से लेकर नेता तक विधवा विलाप करने लगते।”

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है. तस्वीर में दिख रही महिला बेलारूस में भारत की राजदूत संगीता बहादुर हैं, जिन्होंने इस साल बेलारूस की राजधानी मिंस्क में भारतीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान केक काटा था.
 
गलत दावे के साथ ये पोस्ट फेसबुक और ट्विटर पर खूब वायरल हो रही है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
 
AFWA की पड़ताल  

गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमने पाया कि कुछ ट्विटर यूजर्स ने कुछ दिनों पहले इन्हीं तस्वीरों को शेयर करते हुए भारतीय राजदूत की आलोचना की है.  

Advertisement

हमने बेलारूस में भारतीय दूतावास का ट्विटर हैंडल चेक किया. हमने पाया कि दूतावास ने भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न की कुछ तस्वीरें अपलोड की हैं.  

बेलारूस में भारतीय दूतावास की वेबसाइट पर भी स्वतंत्रता दिवस समारोह की कुछ तस्वीरें पोस्ट की गई हैं. इन तस्वीरों में भी वही महिला तिरंगा केक के साथ उसी लोकेशन पर मौजूद है, जैसा कि वायरल तस्वीर में है.

AFWA ने बेलारूस में भारतीय राजदूत संगीता बहादुर का फेसबुक प्रोफाइल खंगाला, जहां उन्होंने खुद भी स्वतंत्रता दिवस समारोह की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किया है. वायरल तस्वीरें यहां मौजूद हैं.

In the midst of the ongoing turmoil in Belarus, we celebrated India's 74th Independence Day at the Embassy in Minsk. Our...

Posted by Sangeeta Bahadur on Saturday, August 15, 2020

इस तरह साबित होता है कि तस्वीरों में 'तिरंगा केक' काट रही महिला अंखी दास नहीं, बल्कि ये बेलारूस में भारतीय राजदूत संगीता बहादुर हैं.  
 
क्या 'तिरंगा केक' काटना नियम के विरुद्ध है?

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में ड्यूटी काउंसिल (वकील) दीपक मासी ने AFWA को बताया कि तिरंगे के डिजाइन का केक जिस पर अशोक चक्र भी बना हो, काटना दंडनीय अपराध हो सकता है, अगर इरादा राष्ट्रीय झंडे का अपमान करने का हो. यह राष्ट्रीय गौरव का अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के तहत एक गैर-संज्ञेय अपराध होगा. इसके तहत दोषी को तीन साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं.

Advertisement

ऐसे कई उदाहरण हैं जब तिरंगा केक काटने के बाद कई मशहूर हस्तियों और राजनीतिक से जुड़े लोगों को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.

2007 में सचिन तेंदुलकर को इंदौर की एक अदालत ने राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के आरोप पर जवाब देने के लिए कहा था. उन्होंने जमैका में भारतीय ​क्रिकेट टीम के दौरे के समय तिरंगा केक काटा था. क्रिकेट के दिग्गज तेंदुलकर ने बाद में कहा कि उनका इरादा निश्चित रूप से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करना नहीं था.

कौन हैं अंखी दास
 
अंखी दास भारत समेत दक्षिण और मध्य एशिया में फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर हैं. कुछ दिन पहले “द वॉल स्ट्रीट जर्नल” ने एक रिपोर्ट छापी थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि फेसबुक ने भारत में बीजेपी नेताओं के खिलाफ अपनी हेट स्पीच विरोधी नीतियों का पालन करने को लेकर समझौता किया.

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि अंखी दास ने फेसबुक के कर्मचारियों से कहा था कि नफरत फैलाने वाले बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने से भारत में कंपनी की “व्यावसायिक संभावनाओं” को नुकसान होगा.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Advertisement
Advertisement