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लोकसभा चुनाव 2019 में तकरीबन 68 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला था. यानी 32 फीसद जनता ने सरकार चुनने के लिए अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल नहीं किया.
लेकिन अगर एक अखबार में छपी खबर कि मानें तो चुनाव आयोग वोट ना डालने वालों के लिए एक नया नियम लाया है. वायरल हो रही इस खबर के अनुसार, "चुनाव आयोग ने कहा है कि अब अगर किसी ने चुनाव में वोट नहीं डाला तो उसके बैंक अकाउंट से ₹350 कट जाएंगे.
यहां तक कि यह भी कहा गया है कि अगर किसी के अकाउंट में ₹350 नहीं हुए तो यह पैसा उसके मोबाइल रिचार्ज से काट लिया जाएगा. इस आदेश के लिए चुनाव आयोग पहले ही कोर्ट से मंजूरी ले चुका है. वोट न डालने वालों की पहचान उनके आधार कार्ड से होगी और इससे लिंक उनके बैंक खाते से यह रकम कट जाएगी."
फेसबुक और ट्विटर पर अखबार की ये कटिंग काफी वायरल हो रही है. कुछ लोगों ने इस कथित नियम की आलोचना करते हुए लिखा है कि तानाशाही का शासन शुरू हो गया है.
क्या है सच्चाई?
इंडिया टुडे ने अपनी जांच में पाया कि वोट न डालने पर खाते से ₹350 कटने की बात झूठ है. दरअसल, साल 2019 में होली के मौके पर "नवभारत टाइम्स" ने इस खबर को मजाक के तौर पर छापा था, जिसे कुछ लोगों ने सच समझ लिया. चुनाव आयोग खुद भी इस खबर का खंडन कर चुका है.
ये भ्रामक खबर साल 2019 में भी वायरल हो चुकी है. कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें "नवभारत टाइम्स" की 23 मार्च 2019 की एक खबर मिली. इस खबर में वायरल हो रही अखबार की कटिंग का स्पष्टीकरण दिया गया था. "नवभारत टाइम्स" ने लिखा था कि यह एक मजाकिया खबर थी, जिसे 21 मार्च 2019 को होली विशेषांक में छापा गया था. चुनाव आयोग ने इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया है. अखबार ने इसके लिए खेद भी व्यक्त किया था. हालांकि, उस समय "नवभारत टाइम्स" ने इस खबर के आखिर में "बुरा ना मानो होली है" लिखा था जिससे इसे व्यंग समझा जाए. लेकिन कई लोगों को इस खबर के सच होने का भ्रम हो गया.
इस खबर को लेकर हमें चुनाव आयोग के प्रवक्ता का हाल ही का एक ट्वीट भी मिला, जिसमें वायरल कटिंग को फेक न्यूज बताया गया है. इस भ्रामक खबर का खंडन चुनाव आयोग ने मार्च 2019 में भी किया था जब "नवभारत टाइम्स" में यह खबर मजाक के तौर पर छापी गई थी.
यहां यह बात पुख्ता हो जाती है कि वोट न डालने पर जुर्माना लगने का यह दावा झूठा है. लगभग तीन साल पुराने एक व्यंग को सच समझकर शेयर किया जा रहा है.