अमेरिका में एक पुलिस अधिकारी के अत्यधिक बल प्रयोग करने के कारण अफ्रीकी मूल के अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हो गई थी. इस मौत के विरोध में पूरे अमेरिका में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प, इमारतों और वाहनों में आगजनी, दुकानों में तोड़-फोड़ और लूटपाट करने वाले तमाम वीडियो और फोटो इंटरनेट पर भरे पड़े हैं.
इसी बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बड़ी संख्या में लोग एक सफेद इमारत के सामने हंगामा करते हुए दिखाई दे रहे हैं. कुछ गलियारे में शीशे तोड़ते हुए भी दिखते हैं. इस इमारत के प्रवेश द्वार पर सफेद खंभे हैं और ऊपर एक सफेद गुंबद भी है, जिसके दोनों तरफ अमेरिकी ध्वज को लहराते हुए देखा जा सकता है.
सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है और इसके साथ में दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी सरकार के कार्यालय व्हाइट हाउस में प्रदर्शनकारियों ने तोड़-फोड़ की. फेसबुक पेज “Products and Services Promotions ” ने यह वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है, 'इतिहास में पहली बार- अमेरिकी इतिहास में पहली बार व्हाइट हाउस में प्रदर्शनकारियों ने तोड़-फोड़ की.'
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. हालांकि, यह सच है कि व्हाइट हाउस के पास विरोध-प्रदर्शन किया गया है, लेकिन वीडियो में दिख रही इमारत वॉशिंगटन डीसी में स्थित राष्ट्रपति निवास और कार्यस्थल व्हाइट हाउस नहीं, बल्कि ओहियो स्टेटहाउस है.
यह वीडियो ट्विटर पर भी वायरल हो रहा है.
AFWA की पड़ताल
रिवर्स सर्च की मदद से हमने पाया कि कई सोशल मीडिया यूजर्स ने ये वीडियो शेयर करते हुए दावा किया है कि ये ओहियो स्टेटहाउस है.
अमेरिकी न्यूज वेबसाइट “Fox8 ” ने भी इसी तरह के एक वीडियो के साथ 29 मई को एक आर्टिकल प्रकाशित किया है. इस आर्टिकल के मुताबिक, वीडियो में दिख रहा विरोध प्रदर्शन जार्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में हो रहा है जो शुक्रवार को ओहियो के कोलंबस स्थित स्टेटहाउस में हुआ.BREAKING: #OHIO STATE HOUSE STORMED AND BEING DESTROYED.
This is where the “White House” video is from— although there’s protesters fighting the secret sevice & trying to breach the security. pic.twitter.com/fO9vB67Uy0
— AS-Source News (@ASB_Breaking) May 30, 2020
इस घटना के कुछ अन्य वीडियो भी इंटरनेट पर उपलब्ध हैं, जिसमें प्रदर्शनकारी ओहियो स्टेटहाउस की खिड़कियों को तोड़ते हुए देखे जा सकते हैं.
इस तरह से ये स्पष्ट है कि वायरल वीडियो व्हाइट हाउस का नहीं, बल्कि ओहियो स्टेटहाउस का है. हालांकि, व्हाइट हाउस के पास भी विरोध-प्रदर्शन हुए हैं. खबरों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने वहां पर पत्थर फेंके और पुलिस बैरिकेड तोड़ दिया, जिसके चलते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस के बंकर में ले जाना पड़ा.
इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस के पास एक 200 साल पुराने चर्च में भी तोड़-फोड़ की और आग लगा दी.
कौन थे जॉर्ज फ्लॉयड और क्यों जल रहा अमेरिका?
जॉर्ज फ्लॉयड 46 वर्ष के अफ्रीकी-अमेरिकी थे. 25 मई को उनको गिरफ्तार किया गया था लेकिन पुलिस के बल प्रयोग के चलते उनकी मौत हो गई थी. मिनियापोलिस के एक स्टोर ने पुलिस बुलाई थी और जॉर्ज फ्लॉयड पर नकली नोटों का इस्तेमाल करने का शक जाहिर किया था.
पुलिस अधिकारी डेरेक चौविन ने फ्लॉयड को नियंत्रित करने के लिए उनकी गर्दन अपने घुटने से दबा ली और आठ मिनट से अधिक समय तक दबाए रखा. किसी ने इस घटना का वीडियो बना लिया था जो वायरल हो गया. वीडियो में फ्लॉयड को कई बार यह दोहराते सुना जा सकता है कि "मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं".
घटना में शामिल चार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है और चौविन पर हत्या का आरोप लगाया गया है. लेकिन इस घटना के बाद पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. अमेरिका के 17 शहरों में करीब 1,400 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है.