हाल ही में आया मोटर व्हिकल एक्ट 1 सितंबर 2019 से पूरे देश में लागू हो गया. इसके लागू होने के बाद कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें नियमों का उल्लंघन करने वालों को भारी-भरकम जुर्माना भरना पड़ा.
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि 'ट्रैफिक नियम बदलते ही पुलिस का आतंक शुरू हो गया है. अवैध वसूली का विरोध करने पर निरीह जनता की पिटाई की जा रही है.'
वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ पुलिसकर्मी सड़क पर लाठी से कुछ लोगों को पीट रहे हैं और जीप में भरकर उन्हें कहीं ले जा रहे हैं.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा झूठा है. यह वीडियो राजस्थान के अलवर का है और नये ट्रैफिक नियम लागू होने के पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है.
कुछ यूट्यूब चैनलों ने भी इस वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया है.
जब हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो को रिवर्स सर्च किया तो हमें इस वीडियो से जुड़ी हुई कुछ खबरें मिलीं. पत्रिका की 27 अगस्त की एक रिपोर्ट कहती है कि अलवर के राज ऋषि कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव के बाद वोटों की गिनती पर सवाल उठाने वाले कुछ प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया था.
AFWA को Rajasthan Tak का भी एक वीडियो मिला जिसमें इसी घटना के बारे में बताया गया है.
इस तरह यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो का मोटर व्हिकल एक्ट के नये ट्रैफिक नियमों से कोई लेना-देना नहीं है.