सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोगों की भीड़ हाथ में तख्तियां लिए और नारे लगाते हुए मार्च कर रही है. दावा किया जा रहा है कि गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई, ट्रैफिक के कड़े नियम और पेट्रोल, डीजल व गैस के दाम बढ़ने से नाराज जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो जून 2018 का है और मार्च निकाल रहे लोग आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ता हैं.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
फेसबुक पर वायरल इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा जा रहा है, "देश की जनता प्रधानमंत्री आवास की तरफ निकल चुकी है..देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था, महंगाई, ट्रेफिक जैसे कड़क नियम पेट्रोल डीजल और गेस के बढ़ते दाम को लेकर देश की जनता अब मोदीजी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए निकल चुकी है..मीडिया वाले ये खबर नहीं दिखाएंगे.."
वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे का सच जानने के लिए सबसे पहले हमने इस वीडियो को ध्यान से देखना व सुनना शुरू किया. वीडियो में हमें 36वें सेकेंड पर लोगों के हाथों में तख्तियां नजर आईं जिन पर लिखा था "LG साहब IAS की हड़ताल खत्म कराओ".
वहीं वीडियो में "एलजी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी नहीं चलेगी" के नारे भी सुनाई दे रहे थे. इसके अलावा वीडियो में ऐसे बहुत से लोग नजर आए जिन्होंने आम आदमी पार्टी की सफेद टोपी पहनी हुई थी जिसके ऊपर "आम आदमी पार्टी" लिखा हुआ भी नजर आया.
वीडियो में 9.44 मिनट पर कुछ लोग एक बैनर पकड़ कर चलते दिख रहे हैं. इस बैनर पर अंग्रेजी में लिखा गया है: "गो अहैड केजरीवाल, यू विल ऑल्वेज फाइंड अस स्टैंडिंग बिहाइंड यू (बढ़े चलो केजरीवाल, आप हमेशा अपने पीछे हमें खड़ा पाएंगे)".
वीडियो से मिल रहे इन तमाम संकेतों का इस्तेमाल करते हुए हमने इंटरनेट पर इस घटना के बारे में सर्च किया. हमें आम आदमी पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर इस प्रदर्शन का एक और वीडियो मिल गया जिसमें लोगों के हाथ में इसी तरह की तख्तियां और बैनर नजर आए. "आप प्रोटेस्ट मार्च टू द पीएमओ" कैप्शन के साथ यह वीडियो 17 जून, 2018 को अपलोड किया गया था.
राज्य में आईएएस अफसरों की कथित हड़ताल को खत्म करवाने की मांग लेकर आप कार्यकर्ताओं ने 17 जून, 2018 को 7 रेस कोर्स रोड (इसे अब लोक कल्याण मार्ग के नाम से जाना जाता है) स्थित प्रधानमंत्री आवास की तरफ मार्च शुरू किया था. पुलिस ने यह मार्च बीच में ही रुकवा दिया था. इस मार्च को लेकर देश के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने खबर भी प्रकाशित की थी.
पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल हो रहा वीडियो पुराना है. यह मार्च आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने यह मार्च निकाला था.