
आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में भगदड़ मचने से कम-से-कम छह लोगों की जान चली गई और 30 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए. खबरों के मुताबिक, ये घटना बैकुंठ द्वार दर्शन के टोकन लेने के लिए हुई धक्का-मुक्की के चलते हुई.
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक दिल दहला देने वाला वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें किसी अस्पताल के स्ट्रेचर पर बेसुध पड़े एक बच्चे को एक व्यक्ति उठाता है और उसे लेकर बाहर खड़ी एक बाइक की पिछली सीट पर बैठ जाता है.
कई लोगों का कहना है कि वीडियो में दिख रहे बच्चे की जान तिरुपति मंदिर की हालिया भगदड़ में गई है. इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि बच्चे के पिता उसकी लाश को 90 किलोमीटर तक बाइक पर लेकर गए, क्योंकि एंबुलेंस वाले उनसे 20 हजार रुपये मांग रहे थे.
ये वीडियो '#TirupatiStampede' और '#TirumalaStampede' जैसे हैशटैग्स के साथ खूब शेयर हो रहा है.
एक एक्स यूजर ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “एक पिता को एम्बुलेंस तक नहीं मिली अपने बेटे के शव के लिए??? तिरुपति हादसे में जान गवाई थी मासूम ने.”
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो अप्रैल 2022 का है जब तिरुपति के एक सरकारी अस्पताल में बीमारी से जान गंवाने वाले एक बच्चे के पिता उसकी लाश को 90 किलोमीटर तक बाइक से ले गए थे क्योंकि वो महंगी एंबुलेंस का खर्च नहीं उठा सकते थे.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से हमें 27 अप्रैल, 2022 की वनइंडिया की एक रिपोर्ट मिली. इसमें वायरल वीडियो देखा जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना आंध्र प्रदेश के तिरुपति की है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में दिख रहे बच्चे के पिता आम के बगीचे में मजदूरी करते थे. उनका बेटा तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर रामनारायण रुइया सरकारी अस्पताल में भर्ती था. 25 अप्रैल, 2022 को किडनी और लिवर फेल होने के चलते उसकी मौत हो गई.
बच्चे के पिता ने कुछ देर तो सरकारी एम्बुलेंस का इंतजार किया, लेकिन जब वो नहीं मिली, तो वो बाहर खड़े प्राइवेट एम्बुलेंस वालों से बात करने गए. प्राइवेट एम्बुलेंस वालों ने उनसे कहा कि उनके बेटे की लाश को राजमपेट के चितवेल में स्थित उनके घर तक ले जाने के दस हजार रुपये लगेंगे. ये सुनकर बच्चे के पिता ने उनसे कहा कि उनके पास इतना पैसा नहीं है, लेकिन वो नहीं माने.
बच्चे के पिता ने अपने एक रिश्तेदार से बात करके किसी और एम्बुलेंस वाले को बुलाया जो बिना पैसे लिए उनके बेटे के शव को उनके घर तक पहुंचाने के लिए तैयार हो गया. लेकिन अस्पताल के बाहर खड़े प्राइवेट एम्बुलेंस वालों ने उसे मारपीट कर भगा दिया. आखिरकार मजबूर होकर वो व्यक्ति अपने बेटे के शव को को खुद ही बाइक से लेकर गया.
इस घटना के बाद अस्पताल की रेसिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ. सरस्वती को सस्पेंड कर दिया गया था और सुप्रिटेंडेंट डॉ. भारती को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. वहीं, चार आरोपी एम्बुलेंस चालकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज हुआ था.
जब इस पुरानी घटना का वीडियो अभी का बताकर वायरल हो गया, तो आंध्र प्रदेश पुलिस ने भी इस बारे में स्पष्टीकरण जारी किया.
तिरुपति मंदिर की हालिया भगदड़ के बाद आई कुछ खबरों के मुताबिक जब तिरुपति मंदिर में भगदड़ मची, उस समय वहां टोकन केंद्रों पर एम्बुलेंस मौजूद नहीं थी, जबकि नियमों के मुताबिक ऐसा होना चाहिए था. रिपोर्ट्स के अनुसार भगदड़ के बाद एम्बुलेंस को आने में लगभग 15-20 मिनट लगे.