गया, बिहार के महाबोधि मंदिर में कुछ बौद्ध भिक्षु पिछले कई दिनों से अनशन पर बैठे हुए हैं. उनकी मांग है कि बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (बीटीएमसी) के सभी सदस्य बौद्ध हों. फिलहाल, इस कमेटी में केवल चार सदस्य बौद्ध हैं, जबकि अध्यक्ष समेत बाकी पांच सदस्य हिन्दू हैं.
इस बीच सोशल मीडिया पर कथित तौर पर इस आंदोलन का एक वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें डंडे और रायट शील्ड (ढाल) पकड़े पुलिसकर्मी एक बौद्ध व्यक्ति को लात मारते हुए किसी जगह से भगा रहे हैं. लोग इस वीडियो को बिहार पुलिस का बताते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार और बीजेपी की आलोचना कर रहे हैं.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो बिहार का नहीं, बल्कि नेपाल में 6 अप्रैल, 2024 को हुए एक प्रदर्शन के दौरान का है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो में एक जगह ‘नेपाल खबर’ का लोगो दिखाई दे रहा है, जिससे लगता है कि ये भारत नहीं, बल्कि नेपाल की घटना है.
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें 7 अप्रैल, 2024 का एक यूट्यूब वीडियो मिला, जिसमें वायरल क्लिप मौजूद है. इसके डिसक्रिप्शन में ‘नेपाल पुलिस’ का हैशटैग लगा हुआ है.
हमें अप्रैल 2024 के और भी कई पोस्ट्स में इस घटना के वीडियो और फोटो मिले. इससे ये साफ हो गया कि ये घटना हाल-फिलहाल की नहीं है.
इसके बाद हमें इस घटना से जुड़ी कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. अप्रैल 2024 में छपी नेपाली भाषा की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ये वीडियो काठमांडू, नेपाल का है. दरअसल, नेपाल के वरिष्ट नेता राजेंद्र महतो के नेतृत्व में ‘राष्ट्रीय मुक्ति क्रांति’ अभियान चलाया जा रहा है. इसी अभियान के तहत काठमांडू में एक प्रदर्शन चल रहा था, जिसमें प्रदर्शनकारियों का पुलिस के साथ झगड़ा हो गया. जब प्रदर्शनकारी वहां से जाने लगे तभी किसी पुलिसकर्मी ने उनमें से एक को पीछे से लात मार दी. वायरल वीडियो इसी घटना का है.
6 अप्रैल, 2024 को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई इस झड़प में दो पुलिसकर्मी समेत छह लोग घायल हो गए थे, और चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. खबरों में ये भी बताया गया है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के बैरीकेड हटाते हुए उनपर पत्थरबाजी की थी, जिससे विवाद बढ़ गया. वहीं, घटना का वीडियो वायरल होने के बाद 8 अप्रैल, 2024 को नेपाल पुलिस मुख्यालय ने ऐलान किया था कि बौद्ध साधु के साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
साफ है, नेपाल में हुई एक पुरानी घटना के वीडियो को बिहार का बताकर भ्रम गिलाया जा रहा है.