हाथ में लाठी, गले में भगवा गमछा और सिर पर सफेद मराठा टोपी पहने लोगों की भारी भीड़ का एक वीडियो, सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. ये जनसैलाब किसी सड़क से गुजरता हुआ दिख रहा है.
वीडियो को महाराष्ट्र के नागपुर में 17 मार्च को हुई सांप्रदायिक हिंसा के संदर्भ में शेयर किया जा रहा है. इसमें लिखा है, “जिसका डर था वहीं हुआ पूरा महाराष्ट्र पिटेगा अब मराठा आले”.
इस दावे के साथ वीडियो को इंस्टाग्राम और एक्स पर खूब शेयर किया जा रहा है. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का नागपुर हिंसा से कोई संबंध नहीं है. ये महाराष्ट्र के रायगढ़ का फरवरी का वीडियो है.
कैसे पता की सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये “shree_shivpratisthan_yenpe” नाम के एक इंस्टाग्राम पेज पर मिला. यहां इसे 12 फरवरी को शेयर किया गया था. इतनी बात तो यहीं साफ हो जाती है कि वीडियो नागपुर हिंसा होने के पहले से इंटरनेट पर मौजूद है.
कीवर्ड सर्च करने पर हमें ये वीडियो ABP MAJHA के यूट्यूब चैनल पर मिला. 11 फरवरी की इस वीडियो रिपोर्ट में बताया गया है कि ये यात्रा महाराष्ट्र के रायगढ़ के महाड में निकाली गई थी. ये यात्रा “शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान गडकोट” नाम की एक मुहिम का हिस्सा थी.
शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान, महाराष्ट्र के हिंदूवादी कार्यकर्ता संभाजी भिड़े का संगठन है. इस यात्रा के बारे में “एबीपी माझा” ने एक खबर भी छापी थी. इसमें बताया गया है कि इस संगठन से जुड़े लोगों ने छत्रपति शिवाजी के समर्थन में ये यात्रा निकाली थी. इस यात्रा में एक लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे.
ये यात्रा रायगढ़ के किले पर जाकर खत्म हुई थी जहां संभाजी भिड़े के एक समारोह का आयोजन हुआ था. समारोह में गौ हत्या और युवाओं में शराब के चलन पर चिंता जाहिर की गई थी. इस मुहिम के बारे में छपी कुछ अन्य खबरों में बताया गया है कि ये वार्षिक यात्रा होती है जिसमें महाराष्ट्र के लाखों लोग शामिल होते हैं.
शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान नाम के एक इंस्टाग्राम चैनल पर भी वायरल वीडियो जैसे अन्य वीडियो शेयर किए गए हैं जिनमें लाठी लिए और भगवा गमछा डाले लोगों की भीड़ दिख रही है.
यहां ये बात साफ हो जाती है वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है.