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फैक्ट चेक: पाकिस्तान आ रहे शरणार्थियों का नहीं, कोरोना में घर लौटते अफगानियों का है ये वीडियो

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां गृहयुद्ध जैसे हालात हैं. इससे डरकर लाखों अफगानी वहां से भागने की कोशिश कर रहे हैं. बहुत से लोग पड़ोसी पाकिस्तान और तजाकिस्तान में भी दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि पाकिस्तान ने अपनी सीमा खोल दी है जिसके बाद बड़ी संख्या में अफगान शरणार्थी तालिबान से पाकिस्तान की ओर भाग रहे हैं.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो अप्रैल 2020 का है जब पाकिस्तान ने कोरोना के चलते बंद तोरखम बॉर्डर खोला था और पाकिस्तान में फंसे हजारों लोग अफगानिस्तान लौटे थे.

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां गृहयुद्ध जैसे हालात हैं. इससे डरकर लाखों अफगानी वहां से भागने की कोशिश कर रहे हैं. बहुत से लोग पड़ोसी पाकिस्तान और तजाकिस्तान में भी दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं.

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इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग एक गेट से गुजरते हुए दिख रहे हैं. गेट पर पाकिस्तान का झंडा बना दिख रहा है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान ने अपना अफगानिस्तान बॉर्डर खोल दिया है, जिसके बाद बड़ी संख्या में अफगानी पाकिस्तान में दाखिल हो रहे हैं.  
 

ऐसी कुछ पोस्ट के आर्काइव यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये वीडियो अप्रैल 2020 का है जब पाकिस्तान ने कोरोना के चलते बंद बॉर्डर को खोला था और पाकिस्तान में बड़ी संख्या में रह रहे अफगान नागरिक अपने देश लौटे थे.

AFWA की पड़ताल

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कीवर्ड सर्च की मदद से हमने पाया कि “द टेलीग्राफ” ने 8 अप्रैल, 2020 को अपने यूट्यूब चैनल पर यही वीडियो अपलोड किया था. इसके मुताबिक, वीडियो में दिख रहे लोग पाकिस्तान से अपने घर लौट रहे अफगानी हैं. ये वीडियो खैबर दर्रे के पास तोरखम बॉर्डर पर शूट किया गया था. कोरोना केस बढ़ने के चलते ये बॉर्डर करीब दो हफ्ते तक बंद था.  

यही वीडियो इसी सूचना के साथ “बीबीसी उर्दू” ने भी ट्वीट किया था. कुछ और मीडिया रिपोर्ट्स में भी ऐसा ही बताया गया है.
 
पाकिस्तानी मीडिया संस्थान “डॉन” के मुताबिक, बॉर्डर पर अफगान नागरिकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अफगानिस्तान ने  पाकिस्तान से बॉर्डर खोलने की अपील की थी. इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने 6 अप्रैल, 2020 को चार दिनों की ढील देते हुए तोरखम बॉर्डर खोल दिया था.

इस फैसले के बाद पाकिस्तान में फंसे हजारों अफगानी तोरखम बॉर्डर पहुंचे और पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें बॉर्डर पार करने दिया.

इस दौरान मची अफरातफरी को एक ट्विटर थ्रेड में मौजूद वीडियोज में भी देखा जा सकता है.  
 
गूगल मैप पर तोरखम बॉर्डर की जियोलोकेशन यानी भौगोलिक स्थिति यहां देखी जा सकती है. तोरखम बॉर्डर की गूगल इमेज और “द टेलीग्राफ” के वीडियो के स्क्रीनग्रैब की तुलना नीचे दी गई तस्वीरों में देखी जा सकती है.
 

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खबरों के मुताबिक, एक तरफ पाकिस्तान ने कहा है कि वह अफगान शरणार्थियों को पनाह नहीं देगा, दूसरी ओर स्पिन बोल्डक-चमन बॉर्डर खुले होने के चलते हजारों की संख्या में अफगानी पाकिस्तान में दाखिल हो रहे हैं.

बहरहाल, पड़ताल से साफ है कि जो वीडियो वायरल हो रहा है वह पाकिस्तान में दाखिल हो रहे अफगान शरणार्थियों का नहीं, बल्कि कोरोना के दौरान पाकिस्तान से वापस अफगानिस्तान जा रहे लोगों का है.  

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