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कश्मीर घाटी में हफ्ते भर में हुई सात हत्याओं के बाद से एक बार फिर वहां दहशत का माहौल हो गया है. आतंकियों द्वारा की गई इन हत्याओं में चार लोग अल्पसंख्यक (गैर-मुस्लिम) समुदाय से थे. इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसके साथ दावा किया गया है कि कश्मीर में मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहा है. तस्वीर में एक आदमी घुटनों के बल, जमीन पर सिर टिकाए पड़ा हुआ है. वह दोनों हाथों से अपना सिर पकड़े हुए है और कुछ लोग उसे लाठी-डंडों से बुरी तरह पीट रहे हैं.
फोटो को शेयर करते हुए कुछ टि्वटर यूजर कश्मीर में मुस्लिमों के लिए मदद की मांग कर रहे हैं. ये पोस्ट ट्विटर पर काफी वायरल है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह पोस्ट पूरी तरह से सच नहीं है. फोटो फरवरी 2020 यानी पिछले साल दिल्ली में हुए दंगों के दौरान ली गई थी और इसका कश्मीर से कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि, यह बात सही है कि तस्वीर में जिस व्यक्ति को लोग पीट रहे हैं वह एक मुस्लिम ही है.
तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें इसको लेकर कई खबरें मिलीं. फरवरी 2020 में नागरिकता कानून को लेकर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के इलाकों में दंगे हुए थे जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी. विचलित कर देने वाली ये तस्वीर भी इन्हीं दंगों की ही है.
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की वेबसाइट पर यह तस्वीर मौजूद है. यहां बताया गया है कि इसे 24 फरवरी 2020 को रॉयटर्स के वरिष्ठ फोटोग्राफर दानिश सिद्धीकी ने दिल्ली दंगों के दौरान खींचा था. यह दिल्ली दंगों के दौरान ली गई सबसे चर्चित तस्वीरों में से एक है.
कुछ अन्य खबरों से पता चलता है कि तस्वीर को दिल्ली के चांद बाग इलाके में खींचा गया था. फोटो में दिख रहे पीड़ित का नाम मोहम्मद जुबैर है. उपद्रवियों द्वारा किए गए हमले में जुबैर को गंभीर चोटें आईं थीं. दंगों के कुछ दिनों बाद जुबैर ने कहा था कि उनकी ये फोटो देखकर किसी ने नहीं सोचा होगा कि वे बच जाएंगे.
यहां हमारी जांच में साबित हो जाता है कि वायरल तस्वीर कश्मीर की नहीं बल्कि दिल्ली की है. कश्मीर में बीते दिनों हुए आतंकी हमलों के बीच इसे शेयर किया जा रहा है.