पुलवामा आतंकी हमले के बाद से सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब शेयर हो रहा है, जिसमें कुछ लोग एक युवक को बुरी तरह से पीटते हुए दिख रहे हैं. वीडियो के साथ दावे में यह दर्शाने की कोशिश की जा रही है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस संदिग्ध को पकड़ा है और पीट-पीट कर पूछताछ कर रही है. बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के संबंध में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को सात संदिग्धों को हिरासत में लिया था.
वीडियो में एक आदमी खटिया से बंधा हुआ दिख रहा है. दो लोग उसे चौड़े बेल्ट से बेरहमी से पीट रहे हैं और वह दर्द से चीख रहा है. वीडियो के कैप्शन में लिखा है - "जम्मू से कई संदिग्ध पकड़े जा चुके हैं. हमले का बदला लिया जाएगा. पहले बड़े प्यार से पूछताछ चल रही है, पकड़े गए गद्दारों से."
यहां पोस्ट का आर्काइव्ड यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का हिरासत में लिए संदिग्धों से कोई लेना देना नहीं है. यह वीडियो पिछले साल सितंबर से सोशल मीडिया पर उपलब्ध है और युवक को पीट रहे लोग पाकिस्तान आर्मी के हैं.
इस वीडियो को "रॉयल जाट" नाम के एक फेसबुक पेज ने पोस्ट किया है, जिसे अब तक 2000 से भी ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है. वीडियो को इंटरनेट पर खोजने पर पता चला कि पिछले साल पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर सहित कई पाकिस्तानियों ने इस वीडियो को कश्मीर का बताया था. इन लोगों ने वीडियो को लेकर यह भी दावा किया था कि कैसे भारतीय जवान कश्मीरियों पर बर्बरता कर रहे है.
उस समय ऑल्ट न्यूज और SM Hoax Slayer ने पाकिस्तानियों के इस दावे को ख़ारिज करते हुए बताया था कि युवक को पीट रहे लोग भारतीय नहीं बल्कि पाकिस्तान आर्मी के लोग है.
वीडियो में 17 सेकंड पर एक फ्रेम में एक सिपाही की वर्दी पर पाकिस्तान का झंडा भी देखा जा सकता है.
हमारी पड़ताल में यह साबित होता है कि यह वीडियो पुराना है और इसका पुलवामा हमले के संबंध में हिरासत में लिए संदिग्धों से कोई लेना देना नहीं.