
उत्तर प्रदेश प्रशासन ने 3 अक्टूबर 2020 को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित पांच लोगों को हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने की अनुमति दे दी. इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने पीड़िता के परिवार से एक घंटे तक बंद कमरे में मुलाकात की है.
इस बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस शासित प्रदेश पंजाब में एक महिला कांस्टेबल के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई. इसके बाद लाश को सरेआम सड़क किनारे फेंक दिया गया. सड़क पर पड़ी पुलिस की वर्दी पहने एक महिला की लाश और उसके आईकार्ड की तस्वीरों के साथ लोग तंज कसते हुए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से पूछ रहे हैं कि क्या अब वह पंजाब की इस बलात्कार-हत्या पीड़िता के लिए भी आवाज उठाएंगे? क्या उनकी संवेदना सिर्फ उत्तर प्रदेश के हाथरस की पीड़िता के लिए ही है?
इस दावे का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा भ्रामक है. जिस महिला कांस्टेबल की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर हो रही है, उसकी मौत एक सड़क दुर्घटना में हुई थी. पंजाब पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि की है.
फेसबुक पर यह दावा करते हुए एक यूजर ने लिखा, “प्रियंका गांधी वाड्रा, यह भी एक महिला है. देखते हैं आपके मुंह में जुबान है या नहीं. पंजाब फतेहगढ़ चुरियन रोड यार्ड शंगना प्लेस संगतपुरा के करीब महिला कांस्टेबल का मिला शव, मामला रेप और हत्या का. #पंजाबपुलिस_नॉमी. वहां तो तुम्हारी सरकार है न.”
यह दावा फेसबुक पर काफी वायरल है. ट्विटर पर भी बहुत सारे लोग इसे शेयर कर रहे हैं.
पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, “कहां हैं राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा? क्या यह देश की बेटी नहीं थी?”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “पंजाब में तो महिला पुलिस तक सुरक्षित नहीं है.”
दावे की पड़ताल
वायरल पोस्ट में महिला कांस्टेबल के आईकार्ड की जो फोटो शेयर की जा रही है, उसमें उसका नाम ‘NOMI’ और पद ‘L/CONSTABLE’ लिखा है. साथ ही, अमृतसर सिटी भी लिखा है. इन कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें पता चला कि इस नाम की एक महिला कांस्टेबल की स्कूटी को एक स्कॉर्पियो कार ने टक्कर मार दी थी जिसके चलते उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी. ये घटना 1 अक्टूबर की है.
‘ट्रिब्यून’ और ‘दैनिक भास्कर’ की रिपोर्ट्स में इस घटना का ब्यौरा है.
‘दैनिक जागरण’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतका नोमी गांव काला अफगाना, तहसील बटाला की रहने वाली थी. उसके पिता का नाम सलीम मसीह है.
पंजाबी मीडिया में भी इस घटना से जुड़ी कई खबरें छपी हैं.
सभी रिपोर्ट्स में वायरल पोस्ट की तस्वीरों से मिलती-जुलती तस्वीरें हैं.
हमने अमृतसर सिटी के पुलिस कमिश्नर डॉ सुखचैन गिल से भी संपर्क किया और उन्हें वायरल तस्वीरें भेजीं. उन्होंने बताया “सोशल मीडिया पर जिस महिला कांस्टेबल की तस्वीरें शेयर की जा रही हैं, उसकी मौत सड़क दुर्घटना में हुई थी. वह अमृतसर जिला पुलिस की एमएसके शाखा में कार्यरत थी. उसके बलात्कार और हत्या की बात एकदम बेबुनियाद है.”
यानी यह साफ है कि अमृतसर की महिला कांस्टेबल नोमी की मौत एक सड़क दुर्घटना में हुई थी. उसके बलात्कार और हत्या की बात सिर्फ एक अफवाह है. (अनिल कुमार के इनपुट के साथ)