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फैक्ट चेक: नहीं, राहुल गांधी किसानों का कर्ज माफ़ करने के वादे से पीछे नहीं हटे

ModiNama के शेयर किए गए वीडियो में साथ में दिया गया संदेश है- ‘वादे से पलटे राहुल’. 43  सेकंड के वीडियो में ‘पहले’ और ‘बाद’ के राहुल के वीडियो देते हुए साथ दावा किया गया- “जीत के 24 घंटे के अंदर ही दिखा पप्पू का असली रंग.”

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राहुल गांधी (फोटो-रॉयटर्स)
राहुल गांधी (फोटो-रॉयटर्स)

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किसानों के कर्ज माफी का वादा कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनावों में जीत के अहम कारणों में से एक रहा. लेकिन क्या राहुल गांधी अपने इस वादे से पीछे हट रहे हैं कि नई कांग्रेस सरकारें बनने के 10 दिन के अंदर किसानों के कर्ज माफी के वादे को पूरा कर दिया जाएगा? इस तरह का दावा सोशल मीडिया पर हजारों लोगों की ओर से किया जा रहा है. दरअसल भ्रामक संदेश देने के लिए दो क्लिप्स को जोड़कर वीडियो तैयार किया गया.

दो जाने पहचाने दक्षिणपंथी फेसबुक पेजों- ‘मोदीनामा’ और ‘नेशन विद नमो’ की ओर से अपलोड किए गए वीडियो में दावा किया गया कि राहुल कर्ज माफी के अपने वादे से पीछे हट चुके हैं. इन पेजों की ओर से शेयर किया गया वीडियो दो अलग वीडियो क्लिप्स को जोड़ कर बनाया गया. पहला क्लिप छत्तीसगढ़ में राहुल की एक जनसभा का है. वहीं दूसरा क्लिप मंगलवार को विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद दिल्ली में राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस का है.

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ModiNama के शेयर किए गए वीडियो में साथ में दिया गया संदेश है- ‘वादे से पलटे राहुल’. 43  सेकंड के वीडियो में ‘पहले’ और ‘बाद’ के राहुल के वीडियो देते हुए साथ दावा किया गया- “जीत के 24 घंटे के अंदर ही दिखा पप्पू का असली रंग.”   

 Nation with NaMo पेज पर इसी वीडयो का इस्तेमाल करते हुए शीर्षक दिया गया- नतीजे आने के 24 घंटों के भीतर ही कर्ज माफी के वादे से पीछे हटे.

मोदीनामा पेज की पहली विंडो में दिए वीडियो के साथ शीर्षक दिया गया है- ‘चुनाव जीतने से पहले.’ इस वीडियो में राहुल के चुनावी भाषण का एक हिस्सा लिया गया है. इसमें राहुल को ये वादा करते सुना जा सकता है कि कांग्रेस अगर सत्ता में आती है 10 दिन के अंदर ही किसानों के कर्ज माफ़ कर दिए जाएंगे.

मोदीनामा पेज के दूसरे विंडो में वीडियो का शीर्षक दिया गया है- ‘चुनाव जीतने के बाद.’ इस वीडियो में राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का छोटा सा हिस्सा लिया गया है, जिसमें उन्हें कहते सुना जा सकता है कि ‘कर्ज माफ़ी समाधान नहीं है .’

इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक इस पोस्ट को फेसबुक पर 22,000 बार शेयर किया जा चुका है. मोदीनामा के 19 लाख फॉलोअर्स हैं. इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि ‘मोदीनामा’ की पोस्ट भ्रामक है.

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चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने कांग्रेस के सत्ता में आने पर किसानों के कर्ज 10 दिन में माफ करने का वादा किया था. नतीजे आने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी राहुल ने अपने वादे को दोहराया. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि ‘कर्ज माफी’ किसानों की दिक्कतों का समाधान नहीं है बल्कि ‘सहारा देने का सिर्फ़ एक कदम’ है.

वायरल वीडियो का पहला हिस्सा राहुल गांधी की छत्तीसगढ़ में दिए गए चुनावी भाषणा का हिस्सा है. इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘किसानों के कर्ज़ माफ़ करने में नाकाम रहने’ का आरोप लगाते हुए हल्ला बोला. फिर वादा किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो किसानों के कर्ज 10 दिन में माफ कर दिए जाएंगे.  

वीडियो के दूसरा हिस्सा राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से लिया गया जिसे यहां देखा जा सकता है.

14 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस मे राहुल गांधी ने कर्ज माफी के अपने वादे को दोहराया और कहा कि सरकार बनने के साथ ही इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा.

हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का जवाब देते हुए राहुल ने साफ किया, ‘मैंने अपने चुनावी भाषणों में भी कहा है कि कर्ज माफी सहारा देने का एक कदम है. कर्ज माफी समाधान नहीं है. किसानों की तकलीफों का समाधान बहुत जटिल प्रक्रिया होगा. समाधान इन्फ्रास्ट्रक्चर खडा करने से और किसानों तक तकनीक लाने से निकलेगा.’

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राहुल के इसी जवाब से ये हिस्सा लिया गया कि कर्ज माफी समाधान नहीं है. और फिर उसे चुन कर भ्रामक वीडियो बनाने में इस्तेमाल किया गया.  इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम की पड़ताल से साबित हुआ कि राहुल गांधी कर्ज माफी के अपने वादे से पीछे नहीं हटे हैं और वायरल वीडियो भ्रामक है.

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