चुनाव हो या ना हों लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के धर्म, जाति और गोत्र को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा अब भी छाई रहती है. सोमवार को फेसबुक पर एक पोस्ट वायरल हुआ उस वीडियो में राहुल गांधी मुस्लिम उलेमाओं के साथ दुआ करते हुए दिखाई दे रहे हैं. पोस्ट में दावा किया गया कि चुनाव नतीजे आते ही कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘जनेऊ’ को पीछे छोड़ते हुए इस्लाम धर्म अपना लिया है.
इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि शेयर किया जा रहा वीडियो पुराना है और इसके साथ किया गया दावा झूठा है.
वीडियो में टॉप बैंड में हिन्दी में लिखा गया है- 'जनेऊ छोड़ फिर कट्टर इस्लाम की शरण.' वीडियो के साथ लोअर बैंड में लिखा गया है- 'चुनाव खत्म होते ही असली रंग में आ गए जनाब.'
वीडियो में देखा जा सकता है कि राहुल गांधी इस्लामी टोपी में वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के साथ दुआ कर रहे हैं. एक उम्रदराज उलेमा को राहुल के लिए दुआ करते सुना जा सकता है. वीडियो में वो सभी लाल कनात के नीचे खड़े नजर आ रहे हैं.
इस पोस्ट को मोदीनामा फेसबुक पेज पर 70,000 से अधिक बार देखा जा चुका है. इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक 4,000 से अधिक बार शेयर किया जा चुका है. एक और फेसबुक पेज ‘आर्ग्युमेन्टेटिव इंडियन’ ने इसी वीडियो को इसी दावे के साथ पोस्ट किया है. पोस्ट पर हजारों की संख्या में आई टिप्पणियों में अधिकतर ने राहुल की ये कहते हुए आलोचना की है कि उन्होंने चुनाव नतीजे आते ही इस्लाम को अपना लिया.
इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम ने राहुल के विभिन्न मुस्लिम धार्मिक स्थानों पर जाने से जुड़े वीडियो को सर्च किया. इसके लिए 'राहुल गांधी मजार' और 'राहुल गांधी दरगाह' कीवर्ड्स का इस्तेमाल किया गया. आखिरकार हमें यू ट्यूब पर 'सहारा समय' की एक न्यूज क्लिप मिली. इस क्लिप के दृश्य, जगह और लोग वायरल वीडियो से बिल्कुल मिलते हैं.
10 दिसंबर, 2016 को ये न्यूज क्लिप उस वक्त अपलोड हुई थी जब राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में किछौछा शरीफ दरगाह पहुंचे थे. इस पूरी न्यूज क्लिप को यहां देखा जा सकता है.
2016 में अयोध्या दौरे के वक्त राहुल ने पहले हनुमानगढ़ी मंदिर और फिर अंबेडकर नगर में किछौछा शरीफ का दौरा किया था.
‘आजतक’ की न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक राहुल तब 30 मिनट तक किछौछा शरीफ में रहे थे और मौलाना सुहेल अशरफ ने उनके साथ मिल कर 'देश में अमन और खुशहाली के लिए दुआ की थी.'
राहुल गांधी का दो साल पुराना वीडियो फिर सोशल मीडिया पर पूरी तरह झूठे दावे के साथ फिर फैलाया जा रहा है.