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फैक्ट चेक: पांच साल तक के बच्चों की यात्रा मुफ्त ही है, रेलवे ने नहीं बनाया कोई नया नियम

भारतीय रेलवे ने एक साल तक के बच्चों का पूरा टिकट वसूलना शुरू नहीं किया है. पांच साल तक के बच्चों की यात्रा मुफ्त ही है. रेलवे ने कोई नया नियम नहीं बनाया है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
भारतीय रेलवे ने अब पांच साल से कम उम्र के बच्चों की यात्रा का भी किराया वसूलना शुरू कर दिया है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
रेलवे पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मुफ्त यात्रा पर कोई रोक नहीं लगाई है. दो साल पुराने एक नियम के तहत पूरा बच्चों के लिए अलग से बर्थ बुक कराई जा सकती है.

क्या भारतीय रेलवे ने अब गुपचुप तरीके से ट्रेनों में एक साल तक के बच्चों का भी पूरा टिकट वसूलना शुरू कर दिया है? सोशल मीडिया पर एक न्य़ूज रिपोर्ट के स्क्रीन शॉट के साथ ये खबर वायरल हो रही है.

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‘दैनिक जागरण’ की इस रिपोर्ट को शेयर करते हुए कई यूजर्स सरकार पर तंज कस रहे हैं.

एक ट्विटर यूजर ने इस स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए व्यंग किया- “थैंक यू मोदी जी”.     

वहीं, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मसले पर ट्वीट करके सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा, “1 साल के बच्चों पर फ़ुल रेल टिकट लगानेवाली भाजपा सरकार का शुक्र मनाइए कि उसने ये नहीं कहा कि गर्भवती महिला से रेल में अतिरिक्त टिकट वसूला जाएगा. रेल अब ग़रीबों की नहीं रही. अब जनता भाजपा की फ़ुल टिकट काटेगी.“ उनके ट्वीट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
 
‘दैनिक जागरण’ की इस खबर की हेडलाइन है, ‘Railway News: रेलवे ने यात्रियों को दिया बड़ा झटका, अब एक साल के बच्चे का भी लगेगा फुल टिकट’ 
  
‘इंडिया टुडे’ की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि ये खबर भ्रामक है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए ट्रेन में यात्रा करना अभी भी मुफ्त है. इसके लिए कोई नया नियम नहीं बनाया गया है. साल 2020 में एक नियम के तहत सरकार ने सुविधा दी थी कि अगर यात्री चाहें तो ट्रेन में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए पूरा किराया चुका कर अलग से बर्थ बुक करा सकते हैं. ये सुविधा वैकल्पिक है. ऐसा न करने पर भी पांच साल तक के बच्चों की मुफ्त यात्रा का नियम पहले की ही तरह बरकरार है.

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कैसे पता लगाई सच्चाई?

खोजने पर ये खबर हमें ‘दैनिक जागरण’ की वेबसाइट पर मिली. इस खबर का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. 15 अगस्त, 2022 को छपी इस खबर के मुताबिक, एक यात्री ने राजकोट से सोमनाथ तक 13 अगस्त की यात्रा के लिए ओखा-सोमनाथ एक्सप्रेस में एसी फर्स्ट में अपने एक साल के बेटे सहित चार यात्रियों का रिजर्वेशन कराया था. रेलवे ने उनके बेटे की टिकट के रिजर्वेशन के लिए भी पूरा किराया वसूल लिया.

‘दैनिक जागरण’ खबर के मुताबिक रेलवे ने अब मुफ्त यात्रा करने वाले चार साल तक के बच्चों के रिजर्वेशन की बुकिंग की कीमत वसूलना शुरू कर दिया है.   
 
रेलवे के प्रवक्ता राजीव जैन ने इस खबर को भ्रामक बताया. उन्होंने कहा, ‘ये ढाई साल पुराना नियम है. कोई नया नियम नहीं बनाया गया है. यात्रियों की मांग पर उन्हें अपने पांच साल से कम उम्र के बच्चे के लिए भी टिकट बुक करने का विकल्प दिया गया था. अगर कोई यात्री अपने बच्चे के लिए बर्थ बुक नहीं करना चाहता तो वो बच्चा पहले की ही तरह मुफ्त यात्रा करता है.’
 

भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर भी हमें इस मसले से जुड़ा एक सर्कुलर मिला. छह मार्च, 2020 को रेलवे बोर्ड के पैसेंजर मार्केटिंग डायरेक्टर के नाम से जारी हुए इस सर्कुलर में लिखा है कि पांच साल से कम उम के बच्चों की यात्रा मुफ्त है. अगर उनके लिए बर्थ बुक कराई जाएगी तो उसका पूरा किराया लगेगा.   

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वहीं रेलवे के नियमों के मुताबिक अगर पांच साल से 12 साल तक के बच्चे के लिए बर्थ बुक कराई जाती है तो उसका भी पूरा किराया लगेगा. अगर बर्थ बुक नहीं कराई जाती तो उस बच्चे का आधा किराया चुकाना होगा.  

 
इन नियमों की सच्चाई जानने के लिए हमने रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट आईआरसीटीसी पर उसी ट्रेन में टिकट में टिकट बुक करने की प्रकिया शुरू की जिसका जिक्र ‘दैनिक जागरण’ की रिपोर्ट में किया गया है.

हमने 20 अगस्त के लिए राजकोट से सोमनाथ तक, ओखा- सोमनाथ एक्सप्रेस में टिकट बुक करना शुरू किया.

जहां हमने ‘ऐड पैसेंजर’ वाले ऑप्शन में जाकर  ‘एक तीन साल से कम उम्र के बच्चे का टिकट भी बतौर यात्री जोड़ने की कोशिश की तो हमें वेबसाइट पर बच्चे को ‘बर्थ के साथ’ या ‘ बर्थ के बिना’ जोड़ने का विकल्प मिला. ‘बर्थ के बिना’ ऑप्शन को क्लिक करने के बाद हमारी टिकट बुकिंग की प्रकिया आगे बढ़ कर भुगतान के विकल्प तक पहुंच गई.   

साफ है, अपनी सुविधा के लिए यात्री पांच साल से कम उम्र के बच्चे के लिए पूरा किराया चुका कर अलग से एक बर्थ बुक कर सकते है लेकिन रेलवे ने ऐसे बच्चों के लिए टिकट खरीदना अनिवार्य नहीं किया है. उनकी यात्रा मुफ्त ही है.   
  
(रिपोर्ट: सुमित कुमार दुबे)  

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