क्या केंद्र सरकार का कोई कैबिनेट मंत्री खुलेआम अपनी सरकार की आलोचना कर सकता है? क्या कोई मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप लगा सकता है कि सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है? कुछ ऐसा ही दावा करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है.
न्यूज रिपोर्ट के फॉर्मेट में बनाए गए इस वीडियो में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्र सरकार की आलोचना करते दिख रहे हैं.
‘संवाद टीवी’ नाम के एक फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए इस वीडियो के थंबनेल में लिखा है, ‘शाम होते ही रंग में आ गए राजनाथ सिंह-मोदी की निकाल दी पूरी हेकड़ी..!!’
वीडियो की शुरुआत राजनाथ सिंह के बयान के साथ होती है. वो कहते हैं, ‘’ये सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह से विफल है और व्यवस्थाओं के प्रति जनसामान्य की आस्थाओं को इसने गंभीर चोट पहुंचाई है.”
राजनाथ आगे कहते हैं, “चाहे वो आर्थिक मोर्चा हो, चाहे वो कूटनीतिक मोर्चा हो अथवा आंतरिक और बाह्य सुरक्षा का मोर्चा हो, हर मोर्चे पर ये सरकार पूरी तरह से विफल है.”
फिर वॉयस ओवर आता है, “राजनाथ ने मारी भाजपा को ठोकर. कांग्रेस के समर्थन में उतरते हुए मोदी-शाह को उखाड़ फेंका.”
‘इंडिया टुडे’ की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि राजनाथ सिंह ने ये बयान मौजूदा एनडीए सरकार के खिलाफ नहीं दिया है. ये बयान बल्कि 11 मई,2013 का है जब उन्होंने यूपीए सरकार को घेरा था.
कैसे पता लगाई सच्चाई ?
राजनाथ सिंह एनडीए सरकार के वरिष्ठ मंत्री हैं. बतौर रक्षा मंत्री वो कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ( CCS) के सदस्य भी हैं. ऐसे में अगर वो अपनी सरकार की खुलेआम आलोचना करते तो ये खबर यकीनन सुर्खियों में रही होती.
हमने कीवर्ड्स के जरिए उनके इस बयान के बारे में थोड़ी खोजबीन की. हमें साल 2014 में एनडीए के सत्ता में आने के बाद से लेकर अब तक राजनाथ का ऐसा कोई बयान नहीं मिला.
राजनाथ सिंह के बयान का ये वायरल वीडियो एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा लग रहा है. लिहाजा हमने उनकी पार्टी बीजेपी के यूट्यूब चैनल पर मौजूद उनके साल 2014 से पहले के बयानों के वीडियो देखे.
हमें राजनाथ सिंह एक पुराना वीडियो मिला. ये प्रेस कॉन्फ्रेंस 11 मई, 2013 को दिल्ली स्थित बीजेपी के हेडक्वार्टर में आयोजित हुई थी. वायरल वीडियो इसी वीडियो का एक अंश है.
साल 2013 में राजनाथ सिंह बीजेपी के अध्यक्ष थे और केंद्र में मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार थी. राजनाथ सिंह उस वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यूपीए सरकार पर निशाना साध रहे थे.
साफ है, राजनाथ सिंह के एक पुराने बयान को नया बताकर पेश किया जा रहा है.
(रिपोर्ट: सुमित कुमार दुबे)