सोशल मीडिया पर एक स्कूल का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बच्चे एक पहचान पत्र स्कैनर के जरिये अपनी उपस्थिति दर्ज कराते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो दिल्ली के एक स्कूल का है जहां अरविंद केजरीवाल सरकार ने अटैंडेंस के लिए हाइटेक मशीनें लगवाई हैं.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल वीडियो दिल्ली का नहीं, बल्कि पाकिस्तान के रावलपिंडी का है. फेसबुक पेज 'Shyam Prakash' ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा है, 'देखो केजरीवाल ने दिल्ली के स्कूलों को क्या बना दिया, जिसे सारा संसार देखने आ रहा है, बच्चों के स्कूल में हाजिरी लगते ही मैसेज घर पहुंच जाता है'.
खबर लिखे जाने तक यह पोस्ट 30,000 से ज्यादा बार शेयर हो चुकी है. इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. यह वीडियो फेसबुक पर वायरल है.
AFWA की पड़ताल
इस दावे की जांच के लिए हमने वीडियो के एक की-फ्रेम को रिवर्स सर्च किया. हमने पाया कि यही वीडियो पाकिस्तान के एक फेसबुक यूजर 'Gul Laghari ' ने भी पोस्ट किया है. कैप्शन में उन्होंने उर्दू में लिखा है, “रावलपिंडी के एक प्राइवेट स्कूल में हाजिरी देते छात्र. अभिभावकों को एसएमएस अलर्ट के जरिये सूचना देने वाली ऑनलाइन अटैंडेंट सिस्टम.” यह वीडियो 31 जुलाई को पोस्ट किया गया है.
हमने और भी पड़ताल की और पाया कि यही वीडियो, इसी दिन, इसी कैप्शन के साथ एक और फेसबुक यूजर 'Bilal Keyani ' ने भी पोस्ट किया है.
हालांकि, बिलाल केयानी ने करीब एक हफ्ते पहले यह वीडियो रीपोस्ट करते हुए लिखा, 'लीडियन्य स्कूल सिस्टम'. बिलाल के फेसबुक पेज पर बायो में लिखा है कि वे पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित 'लीडियन्स स्कूल सिस्टम एंड मॉन्टेसरी' के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.
हमने बिलाल से संपर्क किया तो उन्होंने इसकी पुष्टि की कि लीडियन्स स्कूल के इस्लामाबाद और रावलपिंडी में पांच कैंपस हैं और सभी जगह यह सिस्टम लगाया गया है. जब भी बच्चे स्कूल में दाखिल होते हैं या स्कूल से बाहर निकलते हैं तो उन्हें अटैंडेंस सिस्टम में अपना कार्ड पंच करना होता है और उनके अभिभावकों को मैसेज के जरिये इसकी सूचना पहुंच जाती है. बिलाल ने बताया कि जो वीडियो वायरल हो रहा है वह लीडियन्स स्कूल सिस्टम के रावलपिंडी कैंपस का है.
इस स्कूल के आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी हमें यही वीडियो मिला जो कि 31 जुलाई को सुबह 7:50 बजे पोस्ट किया गया है. हमें पेज पर बिलाल की तस्वीरें भी मिलीं जिनमें वे भाषण दे रहे हैं या स्कूल के बच्चों को पुरस्कार दे रहे हैं.
दिल्ली सरकार ने अपने किसी भी स्कूल में ऐसा सिस्टम शुरू किया है या नहीं, यह जानने के लिए हमने अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की. अगर उनका जवाब आता है तो खबर अपडेट कर दी जाएगी.
इस तरह स्पष्ट है कि वायरल हो रहे वीडियो का दिल्ली या केजरीवाल सरकार से कोई लेना देना नहीं है. यह वीडियो रावलपिंडी, पाकिस्तान के एक स्कूल का है.