
नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को लेकर ऐसी कई तस्वीरें आ रही हैं जिनमें पुलिस और किसानों के बीच संघर्ष देखा जा सकता है. इन्हीं में से एक तस्वीर काफी चर्चा में है जिसमें सुरक्षा बल का एक जवान एक बुजुर्ग सिख को लाठी दिखाते हुए नजर आ रहा है. बताया जा रहा है कि ये बुजुर्ग आदमी एक किसान है. इस चर्चित तस्वीर को राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी की आलोचना करते हुए ट्वीट किया. राहुल गांधी ने लिखा कि ये फोटो बड़ी दुखद है और इसमें देखा जा सकता है कि कैसे प्रधानमंत्री के अहंकार ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया है.
अब राहुल गांधी के इस ट्वीट के जवाब में शनिवार को बीजेपी ने पलटवार किया. पार्टी के आई.टी. सेल हेड अमित मालवीय ने एक वीडियो ट्वीट किया. इस वीडियो में एक तरफ वही तस्वीर है जिसे राहुल गांधी ने ट्वीट किया, उस तस्वीर के ऊपर 'प्रोपेगेंडा' लिखा है. वहीं दूसरी तरफ इसी तस्वीर का वीडियो चल रहा है जिसमें भागते हुए बुजुर्ग सिख पर जवान लाठी फटकारते हुए नजर आ रहा है. वीडियो में दावा किया गया है कि पुलिस की ओर से बुजुर्ग किसान को पीटने की बात प्रोपेगेंडा है, क्योंकि वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस की लाठी किसान को छू तक नहीं पाई.
Rahul Gandhi must be the most discredited opposition leader India has seen in a long long time. https://t.co/9wQeNE5xAP pic.twitter.com/b4HjXTHPSx
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 28, 2020
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि अमित मालवीय का वीडियो पूरी सच्चाई नहीं बताता. ये वीडियो अधूरा है. पूरे वीडियो में देखा जा सकता है कि बुजुर्ग शख्स के प्रति सुरक्षा बल का बर्ताव सचमुच सवाल खड़ा करने वाला है. साथ ही, घटनास्थल पर मौजूद कुछ पत्रकारों के मुताबिक पुलिस लाठी चार्ज में इस बुजुर्ग व्यक्ति को भी लाठी लगी थी. अमित मालवीय के ट्वीट को सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है. हजारों लोग इस ट्वीट को रीट्वीट और लाइक कर चुके हैं. ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
कैसे पता चली सच्चाई?
खोजने पर हमें अमित मालवीय के वीडियो का लंबा वर्जन अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्था 'RT' के यूट्यूब चैनल पर मिला. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि तस्वीर वाले जवान से पहले भी खाकी वर्दी पहने एक जवान ने बुजुर्ग शख्स पर लाठी चलाई थी. अमित मालवीय के वीडियो में ये वाला हिस्सा नहीं है. इसके साथ ही 'RT' के वीडियो में दिख रहा है कि बुजुर्ग शख्स के अलावा कुछ और लोगों पर भी सुरक्षा बल की ओर से लाठी फटकारी जा रही है. अमित मालवीय के ट्वीट पर कमेंट करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी 'RT' के इस वीडियो को शेयर किया है.
पड़ताल में हमें 'RT' के वीडियो से भी लंबा एक वीडियो न्यूज़ एजेंसी एसोसिएट प्रेस (AP) की वेबसाइट पर मिला. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि बुजुर्ग आदमी पर एक के बाद एक तीन सुरक्षा बल के जवानों ने लाठी फटकारी थी. ये वीडियो फ्रीलांसर फोटोग्राफर दिनेश जोशी ने शूट किया था.
किसने खींची थी ये चर्चित तस्वीर ?
हमें पता कि इस तस्वीर को न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के फोटो जर्नलिस्ट रवि चौधरी ने लिया था. तस्वीर को लेकर हमने रवि से संपर्क किया. रवि ने हमें बताया कि ये तस्वीर उन्होंने दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाली सिंघु बॉर्डर पर 27 नवंबर को खींचा था. कृषि कानूनों के विरोध के चलते किसानों की पुलिस से झड़प हो गई थी. तस्वीर भी उसी समय की है. रवि चौधरी का कहना था कि प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेड तोड़े जाने के बाद सुरक्षा बल ने लाठी चार्ज किया, जिसमें इस बुजुर्ग व्यक्ति को भी लाठी लगी थी. फोटोग्राफर दिनेश जोशी ने भी हमें बताया कि पुलिस ने बुजुर्ग शख्स पर असल में लाठी चलाई थी.
रवि चौधरी ने वायरल तस्वीर सहित इस झड़प की कई तस्वीरें अपने इंस्टाग्राम अकॉउंट पर साझा की हैं. इनमें से एक तस्वीर में पुलिसकर्मी को इसी बुजुर्ग आदमी पर लाठी चलाते हुए साफ तौर पर देखा जा सकता है.
हालांकि हमें कुछ रिपोर्ट्स ऐसी भी मिली जिसमें किसानों द्वारा हिंसक प्रदर्शन करने का जिक्र किया गया है. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस का कहना है कि किसानों ने उन पर हमला किया और पुलिस की कई गाड़ियों को नुकसान भी पहुंचाया है.