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फैक्ट चेक: किसान नेता राकेश टिकैत का बैंक खाता सील होने की बात है कोरी अफवाह

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि पंजाब किसान यूनियन के महासचिव राकेश टिकैत नहीं बल्कि गुरनाम सिंह भीखी हैं जिनका कोई खाता सील नहीं हुआ है. राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और उन्होंने भी अपना खाता सील किए जाने की बात से इंकार किया है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
किसान संगठन ‘पंजाब किसान यूनियन’ के महासचिव राकेश टिकैत का बैंक खाता सील कर दिया गया क्योंकि उसमें कनाडा से ‘खालिस्तानी टेरर फंडिंग’ के जरिये डोनेशन का पैसा आया था.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
‘पंजाब किसान यूनियन’ के महासचिव गुरनाम सिंह भीखी हैं, जिनका कोई खाता सील नहीं हुआ है. वायरल पोस्ट में ‘भारतीय किसान यूनियन’ के नेता राकेश टिकैत की फोटो इस्तेमाल की गई है और उन्होंने भी अपना बैंक खाता सील किए जाने से इनकार किया है.

हाल ही में चर्चित किसान नेता राकेश टिकैत ने बयान दिया कि किसान आंदोलन में गुरुद्वारों की कमेटियां तो लंगर सेवा दे रही हैं पर मंदिरों के पंडित कहीं नजर नहीं आ रहे हैं. मंदिरों के ट्रस्टों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए.

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ये बयान आने के बाद कई ब्राह्मण संगठनों ने इसे लेकर विरोध जताया. उन्हें जान से मारने की धमकी तक मिली. एक संगठन ने तो योगी सरकार को ज्ञापन भेजकर उनकी संपत्ति की जांच की मांग तक रख दी.

टिकैत के जिस बयान को लेकर इतना बवाल मचा है, उसे नीचे दिए गए ट्वीट में सुना जा सकता है.

विरोध के बाद टिकैत ने ट्विटर पर सफाई दी कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. किसान आंदोलन सभी का है.

इन सबके बीच सोशल मीडिया पर टिकैत की फोटो के साथ एक सनसनीखेज दावा किया जा रहा है कि कनाडा से खलिस्तानी टेरर फंडिंग का पैसा आने के चलते पंजाब के मोगा शहर में स्थित उनका बैंक खाता सील कर दिया गया है.

एक फेसबुक यूजर ने टिकैत की फोटो शेयर करते हुए लिखा, “पंजाब किसान यूनियन के महासचिव का बैंक खाता सील. PNB की मोगा ब्रांच में कल 1½ करोड़ रुपए आया कनाडा से खालिस्तान टैरर फंडिंग में कार्रवाई.”

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इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
 
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि पंजाब किसान यूनियन के महासचिव राकेश टिकैत नहीं बल्कि गुरनाम सिंह भीखी हैं जिनका कोई खाता सील नहीं हुआ है. राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और उन्होंने भी अपना खाता सील किए जाने की बात से इंकार किया है. भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) नामक किसान संगठन के एक पदाधिकारी के खाते को लेकर जरूर पंजाब एंड सिंध बैंक, मोगा के फॉरेक्स विभाग ने आपत्ति जताई थी.

फेसबुक पर ये दावा काफी वायरल है. एक यूजर ने राकेश टिकैत पर हमलावर होते हुए एक लंबी-चौड़ी पोस्ट लिखी, जिसकी कुछ लाइनें हैं, “पंजाब किसान यूनियन के महासचिव राकेश टिकैत का बैंक खाता सील PNB की मोगा ब्रांच में कल 1½ करोड़ रुपये आया कनाडा से खालिस्तान टैरर फंडिंग में कार्रवाई. किसानों को उल्लू बना कर अपना बैंक बैलेंस बढ़ा रहा है.जानिये हकीकत इन करोड़पति कथित किसान नेताजी की.”

इस दावे की सच्चाई तीन अलग-अलग किसान संगठनों से जुड़ी है. एक-एक कर इन तीनों के बारे में बात करते हैं.

1. पंजाब किसान यूनियन

वायरल पोस्ट में जिस संगठन के महासचिव का बैंक खाता बंद होने की बात है, उसका नाम है पंजाब किसान यूनियन.

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‘पंजाब किसान यूनियन’ के नाम से हमें फेसबुक पर तीन अलग-अलग पेज मिले, जिनमें सबसे ज्यादा फॉलोवर्स वाले संगठन से हमने संपर्क किया.

इस संगठन की राज्य कमेटी के सदस्य कंवलजीत सिंह ने बताया कि उनकी संस्था का हेडऑफिस पंजाब के मानसा जिले में है. उन्होंने कहा, “मोगा शहर में हमारी संस्था के काम से संबंधित कोई बैंक खाता नहीं है. साथ ही, हमारी संस्था के महासचिव गुरनाम सिंह भीखी हैं, न कि राकेश टिकैत. राकेश टिकैत किसान आंदोलन में हमें मिलते जरूर हैं, पर वो हमारी संस्था से जुड़े नहीं हैं. हमारी संस्था के कामकाज के लिए विदेश से कोई पैसा नहीं आता.”

2. भारतीय किसान यूनियन

वायरल पोस्ट में जो फोटो इस्तेमाल की गई है, वो किसान नेता राकेश टिकैत की है. रिवर्स सर्च करने पर ये फोटो हमें ‘दैनिक जागरण’  और ‘पंजाब केसरी’ की रिपोर्ट्स में मिली. टिकैत भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. आजतक से बातचीत में उन्होंने बताया कि उनका बैंक खाता सील होने की बात एकदम फर्जी है. उनका पंजाब के मोगा में कोई खाता ही नहीं है. पंजाब किसान यूनियन से जुड़े होने की बात से भी उन्होंने इनकार किया.

3. भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां)

हाल ही में पंजाब एंड सिंध बैंक के फॉरेक्स विभाग ने भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) नामक संगठन के एक नेता सुखदेव सिंह कोकरीकलां के खाते को लेकर आपत्ति जताई थी. इस बारे में ‘द हिंदुस्तान टाइम्स’ ने खबर भी छापी थी.

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आजतक से बातचीत में सुखदेव सिंह ने बताया, “कनाडा में रहने वाले एक व्यक्ति ने पंजाब एंड सिंध बैंक के मेरे खाते में किसान आंदोलन में मदद के लिए कुछ पैसा भेजा था. बैंक वालों ने मुझसे कहा कि मैं वो पैसा तभी ले सकता हूं जब वो व्यक्ति मेरा रिश्तेदार हो. मैंने उन्हें लिखकर दे दिया कि वो मेरा रिश्तेदार नहीं है, सिर्फ एक परिचित है जो आंदोलन के लिए डोनेशन दे रहा है. इस पर बैंक मैनेजर ने मुझसे कहा कि वो पैसा उस व्यक्ति को वापस कर दिया जाएगा.”

भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) संगठन ने आरोप लगाया था कि सरकार विदेशी फंडिंग रोक कर किसान आंदोलन को कमजोर करने की साजिश कर रही है. पंजाब एंड सिंध बैंक की कोकरीकलां, मोगा शाखा के मैनेजर ने ‘द वायर’ से बात करते हुए कहा, “सुखदेव सिंह के पास विदेशी फंड्स लेने के लिए जरूरी लाइसेंस नहीं था.”

यानी ये बात साफ है कि जिस किसान संगठन के साथ हाल ही में विदेशी डोनेशन संबंधी विवाद हुआ था, उसका नाम ‘भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां)’ है. राकेश टिकैत के संगठन ‘भारतीय किसान यूनियन’ और एक अन्य संगठन ‘पंजाब किसान यूनियन’ का नाम इस विवाद से जोड़कर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.
 

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