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फैक्ट चेक: समाजवादी पार्टी काल में छपी खबर के जरिए योगी आदित्यनाथ पर साधा गया निशाना

"डीएम सर, मैं पढ़ना चाहता हूं मास्टर साहब भगा देते हैं" इस हेडलाइन के साथ अखबार की एक कतरन सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. कतरन की फोटो के जरिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की आलोचना की जा रही है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
यूपी के गोंडा में रामानुज यादव नाम का एक छात्र स्कूल में एडमिशन लेना चाहता है लेकिन स्कूल का प्रधानाध्यापक हरिराम शुक्ला उसे मारकर भगा देता है. योगी राज में हिंदुओं का ये हाल हो रहा है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये खबर अभी की नहीं बल्कि 2016 की है. उस समय यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और सीएम अखिलेश यादव थे.

"डीएम सर, मैं पढ़ना चाहता हूं मास्टर साहब भगा देते हैं" इस हेडलाइन के साथ अखबार की एक कतरन सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. कतरन की फोटो के जरिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की आलोचना की जा रही है. वायरल खबर में यूपी के गोंडा शहर के रहने वाले रामानुज यादव नाम के एक छात्र की आपबीती बताई गई है.

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खबर के अनुसार, रामानुज जूनियर हाईस्कूल में कक्षा छह में प्रवेश लेना चाहता था लेकिन प्रधानाध्यापक हरिराम शुक्ला ने उसे मार-पीटकर और गाली देकर भगा दिया. प्रधानाध्यापक ने रामानुज से कहा कि वो पढ़-लिख कर कौन सा मुख्यमंत्री बन जाएगा इसलिए खेत में जाकर काम करे. इसी वजह से रामानुज ने प्रधानाध्यापक की शिकायत डीएम से की है.

एक ट्विटर यूजर ने फोटो के साथ कैप्शन में लिखा है," रामानुज यादव को स्कूल मे एडमीशन नही दे रहा ब्राह्मण शिक्षक... उसका कहना है कि, "जाओ खेत मे काम करो"...ऐसे बचाए जा रहे हैं आज हिन्दू उत्तर प्रदेश में... योगी राज में अब जय श्रीराम!!". ट्विटर और फेसबुक पर ये पोस्ट काफी वायरल हो रही है.

क्या है सच्चाई?

इंडिया टुडे ने पाया कि फोटो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये खबर अभी की नहीं बल्कि साल 2016 की है. उस समय यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और सीएम अखिलेश यादव थे.

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कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें इस मामले को लेकर "सब रंग" नाम की एक वेबसाइट की खबर मिली. ये खबर 20 सितंबर 2016 को प्रकाशित हुई थी. इस खबर में भी वही जानकारी दी गई है जैसा कि वायरल हो रही अखबार की कटिंग में पढ़ा जा सकता है. इसके साथ ही कई लोगों ने भी इस कटिंग को 19 सितंबर 2016 को फेसबुक पर पोस्ट किया था.

वायरल कटिंग से पता चलता है कि ये खबर "हिन्दुस्तान" अखबार में छपी थी. इस बारे में हमारी बात साल 2016 में गोंडा में "हिन्दुस्तान" के रिपोर्टर रहे कमर अब्बास से हुई. अब्बास ने भी हमें यही बताया कि ये खबर कई साल पुरानी है और समाजवादी पार्टी के सत्ता में रहते समय की है. इसे गोंडा के एक स्थानीय पत्रकार ने "हिन्दुस्तान" के लिए कवर किया था.

यहां बता दें कि योगी आदित्यनाथ मार्च 2017 में यूपी के मुख्यमंत्री बने थे और वायरल हो रही‌‌ ये खबर इससे पहले की है जब सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे. यहां हमारी पड़ताल में स्पष्ट हो जाता है कि पांच साल से ज्यादा पुरानी खबर को हाल-फिलहाल का बताकर बीजेपी, उत्तर प्रदेश सरकार और योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा जा रहा है.

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