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फैक्ट चेक: पहाड़ की चोटी पर नजर आ रहा मंदिर, शिव मंदिर नहीं है

वीडियो में 58 सेकंड पर चीन का मशहूर शौहुआशान ग्लास रोड नजर आता है. यह प्लैंक रोड 455 मीटर लंबा है जिसमें करीब 69 मीटर लंबा रोड कांच का बना है. यह रास्ता चीन के शौहुआ माउंटेन फॉरेस्ट पार्क स्थित क्वानलॉन्ग टेम्पल की ओर जाता है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
अति दुर्गम जगह पर भगवान भोलेनाथ का मंदिर
फेसबुक पेज अग्रवाल सैंडी
सच्चाई
वीडियो में नजर आ रहे मंदिर चीन में स्थित बौद्ध मंदिर हैं, वहीं इनमें से कुछ पर्यटन स्थल भी हैं. इनमें कोई भी महादेव का मंदिर नहीं है.

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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो एक बार फिर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में पहाड़ों की चोटियों पर कुछ इमारतें दिखाई दे रही हैं. इन इमारतों के लिए दावा किया जा रहा है कि यह भगवान भोलेनाथ का मंदिर है. यह वीडियो कई महीनों से सोशल मीडिया पर घूम रहा है और महाशिवरात्रि के चलते एक बार फिर शेयर किया जा रहा है.

वीडियो का अर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो चीन के कई बौद्ध मंदिरों का है.

फेसबुक पेज "अग्रवाल सैंडी" ने यह वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा:

"अति दुर्गम जगह पर भगवान भोलेनाथ जी का मंदिर, दर्शन जरूर करें, हर हर महादेव."

यह वीडियो 9 लाख से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका था. पोस्ट पर कमेंट्स के जरिए जहां कुछ लोग इसे सही मानते हुए यहां पहुंचने का तरीका पूछते नजर आए, वहीं कुछ लोगों ने यह भी लिखा कि यह भोलेनाथ मंदिर नहीं बल्कि चीन में स्थित कोई मंदिर है.

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वायरल वीडियो के दावे का सच पता करने के लिए जब हमने खोज शुरू की तो पाया कि वीडियो में एक नहीं बल्कि छह से सात अलग-अलग जगह दिखाई दे रही हैं. वीडियो को रिवर्स सर्च करने पर हमें यही वीडियो एक चीनी वेबसाइट टेनसेंट वीडियो पर मिला जहां इसका टाइटल दिया गया था — "चीन की सबसे भव्य इमारतें". वहीं एक चीनी न्यूज वेबसाइट केके न्यूज पर हमें एक आर्टिकल भी मिला जिसमें वीडियो में नजर आ रही कुछ इमारतों का जिक्र था. इनमें से ज्यादातर चीन में स्थित बौद्ध मंदिर हैं.

वीडियो में सबसे पहले नजर आती हैं दो पहाड़ियां जिन्हें एक छोटा सा पुल जोड़ता है. इस जगह का नाम है फनजिंगशन जिंडिंग. यह चीन के गुइजाऊ प्रांत में स्थित है. यह वुलिंग माउंटेन रेंज की मुख्य चोटी है और इसे होंग्युन ​जिंडिंग के नाम से भी जाना जाता है. दोनों पहाड़ियों पर एक जैसे दिखने वाले बौद्ध मंदिर बने हैं. एक में सक्यामुनि बुद्ध की पूजा होती है, जबकि दूसरे में मैत्रेया बुद्ध की पूजा की जाती है. सक्यामुनि मॉर्डन बुद्ध को दर्शाता है जबकि मैत्रेया भविष्य के बुद्ध को दर्शाता है.

वहीं वीडियो में 58 सेकंड पर चीन का मशहूर शौहुआशान ग्लास रोड नजर आता है. यह प्लैंक रोड 455 मीटर लंबा है जिसमें करीब 69 मीटर लंबा रोड कांच का बना है. यह रास्ता चीन के शौहुआ माउंटेन फॉरेस्ट पार्क स्थित क्वानलॉन्ग टेम्पल की ओर जाता है.

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इसी तरह वीडियो में 1 मिनट 53 सेकंड पर झांगजियाजी बेलॉन्ग लैडर देखा जा सकता है. पहाड़ पर बना यह 326 मीटर ऊंचा खड़ा ए​लिवेटर है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इसका नाम विश्व के सबसे ऊंचा आउटडोर एलिवेटर के तौर पर दर्ज है.

पड़ताल में यह साबित हुआ कि वीडियो में नजर आ रहीं इमारतों में से कुछ चीन के बौद्ध मंदिर हैं और कुछ पर्यटन स्थल हैं. इनमें से कोई भी शिव मंदिर नहीं है.

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