scorecardresearch
 

फैक्ट चेक: फर्जी दावे के साथ नुक्कड़ नाटक का वीडियो वायरल

फेसबुक यूजर देबेश मजूमदार  ने पिछले शुक्रवार को ढाई मिनट का ये वीडियो पोस्ट किया. इसमें दिखाया जा रहा है कि सफेद साड़ी में एक महिला एक टीवी पत्रकार से बात कर रही हैं.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
उलबेरिया से टीएमसी उम्मीदवार सजदा अहमद ने धमकी दी है कि बंगाल में हरिनाम, रामनाम और मार्क्स का नाम नहीं चलेगा, रोहिंग्या मुसलमानों को बंगाल में शरण दिया जाएगा.
फेसबुक यूजर “Debesh Mazumdar”
सच्चाई
ये एक नुक्कड़ नाटक का वीडियो है मगर ममता बनर्जी रोहिंग्या शरणार्थियों के प्रति नरम रुख अपनाए हुए हैं.

Advertisement

चुनावी मौसम में सोशल मीडिया राजनीतिक पोस्ट से भरे हुए हैं. कई वीडियो ऐसे हैं जिनके साथ किए गए दावे झूठे साबित हो रहे हैं. अंग्रेजी और बांग्ला में ऐसा ही एक वीडियो वायरल है जिसमें दावा किया जा रहा है कि उलबेरिया से टीएमसी की उम्मीदवार सजदा अहमद ने लोगों को धमकी दी है कि बंगाल में हरिनाम, रामनाम या मार्क्स का नाम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और रोहिंग्या मुसलमानों को पश्चिम बंगाल में शरण दिया जाएगा.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रुम (AFWA) की जांच में ये दावा झूठा निकला. ये महिला टीएमसी की उम्मीदवार नहीं है और ये वीडियो नुक्कड़ नाटक का हिस्सा है.  

फेसबुक यूजर “देबेश मजूमदार”  ने पिछले शुक्रवार को ढाई मिनट का ये वीडियो पोस्ट किया. इसमें दिखाया जा रहा है कि सफेद साड़ी में एक महिला एक टीवी पत्रकार से बात कर रही हैं. पीछे एक पुलिसवाला भी खड़ा है और पूरी बातचीत बांग्ला में हो रही है. इसमें महिला कह रही है कि बंगाल में रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण दी जाएगी.

Advertisement

वो लोगों को धमकी भी दे रही है कि बंगाल में हरिनाम, रामनाम और मार्क्स का नाम नहीं लेने दिया जाएगा. इस बातचीत में एक बार तो वो टीवी चैनल का लाइसेंस कैंसल करने की भी धमकी देती है. इस बातचीत में महिला बार बार अल्लाह का नाम लेती है.

इस पोस्ट को बांग्ला में फेसबुक पेज “United Hindu Concern ” पर भी शेयर किया जा गया. इस पोस्ट को खबर लिखे जाने तक 3600 से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं.

कई और फेसबुक यूजर्स ने भी इस पोस्ट को शेयर किया है.

हमने ये पाया कि ये एक पुरानी पोस्ट है जिसे पहले टीएमसी सांसद काकोली घोष दासतीदार के नाम से शेयर किया गया था. फेसबुक पेज “ True News ” ने इसे फेक न्यूज बताया था और लिखा ‘सावधान, बीजेपी/RSS सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के इरादे से ये फेक वीडियो फैला रहे हैं.’

वीडियो को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि एक्टर कई बार ओवर एक्टिंग कर देते हैं. महिला के पीछे खड़ा पुलिसवाला बार बार सिर हिला रहा है और महिला की बातों में हां में हां मिला रहा है जो देखने से पता चलता है. असल जिंदगी में पुलिस वाले ऐसा नहीं करते. एक जगह पर महिला दूसरे कलाकार से अपने पोजिशन पर रहने का हुक्म देती है.

Advertisement

हमें यूट्यूब पर इसी वीडियो का लंबा हिस्सा भी मिल गया जिसे श्री रतिन सनातन ने 6 मई 2018 को पोस्ट किया था. इस वीडियो के अंत में टीवी पत्रकार अपने पीटीसी में ये कहता पाया जाता है कि उसने ममता बनर्जी से बात की है. आप सभी जानते हैं कि इस वीडियो में ममता कहीं हैं ही नहीं.

टीएमसी की सांसद सजदा अहमद और काकोली घोष दासतीदार की तस्वीरों को इस वीडियो से मैच कराया गया और ये साफ हो गया कि दावा पूरी तरह झूठ है. सजदा अहमद और काकोली घोष दासतीदार की तस्वीर यहां आप देख सकते हैं.

साथ ही वीडियो में उस महिला की तस्वीर भी यहां है.

इस वायरल वीडियो का किसी भी TMC उम्मीदवार से कोई लेना देना नहीं है लेकिन कई अखबारों में खबरें छपी reports जिसके आधार पर ये कहा जा सकता है कि ममता बनर्जी रोहिंग्या मुसलमानों पर नरम रूख अपनाए हुए हैं. फेक्ट चेक वेबसाइट  “Boom Bangla ” ने भी इस खबर का पर्दाफाश किया था.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Advertisement
Advertisement