राजधानी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर एक तस्वीर फेसबुक पर वायरल हो रही है. इस तस्वीर में एक आत्मघाती हमलावर अपने शरीर में बम बांधे हुए नजर आ रहा है. तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिल्ली के सीलमपुर और यूपी के अमरोहा में कुछ जगहों पर छापेमारी की और छात्रों व मौलवी समेत 16 लोगों को गिरफ्तार किया है.
फेसबुक यूजर “Deepak Kumar” ने शरीर में विस्फोटक बांधे हुए एक आत्मघाती हमलावर का फोटो अपलोड किया है. उन्होंने फोटो के साथ हिंदी में लंबा कैप्शन लिखा है, जिसे संक्षेप में यहां दिया जा रहा है- “NIA ने दिल्ली और यूपी पुलिस ने दिल्ली और यूपी में छापेमारी की और 16 लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें छात्र, अमरोहा मस्जिद का मौलवी और ऑटो चालक शामिल हैं. छापेमारी में सीलमपुर दिल्ली में एक रॉकेट लॉन्चर, अन्य जगहों पर 25 किलो विस्फोटक सामग्री, 150 फोन, 300 सिम कार्ड, 200 अलार्म घड़ियां और लोहे के पाइप, टनों कीलें मिलीं. सुसाइड वेस्ट और टाइमर वाले बम मिले. गिरोह के सरगना मुफ्ती ने बताया कि इनका हैंडलर दुबई में है. अगर आप इसे सिर्फ दंगा मान रहे हैं तो आप बड़े भोले हैं, ये युद्ध है.'
गलत है सोशल मीडिया का यह दावा
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने हाल ही में उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया था. उनके इस दौरे को लेकर मुख्यधारा के मीडिया ने खबरें प्रकाशित की थीं.
सोशल मीडिया पर फर्जी दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि पोस्ट में किया गया दावा गलत है. आत्मघाती हमलावर की यह वायरल तस्वीर 10 साल पुरानी है और अफगानिस्तान की है. पोस्ट में एनआईए की छापेमारी का जो लंबा विवरण है, वह घटना भी दो साल पुरानी है और उसका दिल्ली में हुई हालिया हिंसा से कोई संबंध नहीं है.
स्टोरी लिखे जाने तक यह पोस्ट 250 से ज्यादा बार शेयर की जा चुकी है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. फेसबुक पर यह पोस्ट तमाम यूजर्स ने शेयर की है.
AFWA की पड़ताल
हमने TinEye रिवर्स इमेज सर्च की मदद से पाया कि वायरल तस्वीर इंटरनेट पर 2010 से ही मौजूद है.
मीडिया में 2010 में प्रकाशित खबरों के मुताबिक, तस्वीर में दिख रहा शख्स तालिबान का आत्मघाती हमलावर है, जिसे अफगानिस्तान के फराह प्रांत से अफगान सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया था.वायरल पोस्ट में जिस दिल्ली के सीलमपुर और यूपी के अमरोहा में NIA की छापेमारी का जिक्र है, उसके बारे में इंटरनेट पर सर्च करने पर हमें इससे संबंधित कुछ मीडिया रिपोर्ट मिलीं. यह घटना 2018 की है, जिसके बारे में कई मीडिया संस्थानों ने रिपोर्ट प्रकाशित की थी.
समाचार वेबसाइट “BBC Hindi” में छपी खबरों के मुताबिक, एनआईए ने यूपी पुलिस के साथ यूपी और दिल्ली में 17 जगहों पर छापेमारी करते हुए ISIS के एक मॉड्यूल का खुलासा किया था और इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया था.
इस तरह स्पष्ट है कि वायरल पोस्ट पूरी तरह भ्रमित करने वाली है. पोस्ट के विवरण में दूसरी घटना है और उसके साथ जो तस्वीर लगाई है वह पुरानी है और दोनों का आपस में कोई संबंध नहीं है. इसके अलावा इस पोस्ट के विवरण और फोटो का दिल्ली में हुई हिंसा से भी कोई संबंध नहीं है.