सोशल मीडिया पर एक तीन तस्वीरों का कोलाज वायरल हो रहा है, जिसमें भारी मात्रा में नोटों की गड्डियां और उनके साथ कुछ पुलिसकर्मी देखे जा सकते हैं. इन तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि गुजरात में आरएसएस के एक सर्मथक की कार से यह नकली नोटों का जखीरा पकड़ा गया है.
कई फेसबुक पेज जैसे “Aam Admi Zindabad” और “Mobile Technology” ने यह पोस्ट शेयर किया है और हिंदी में कैप्शन लिखा है, “गुजरात से नकली नोटों का भंडार पकड़ा गया और ईमानदार संघ समर्थक श्री केतन दवे की कार से मिला ये नकली नोटों का जखीरा”. बाद में इन दोनों ही पेज से पोस्ट डिलीट कर दी गई. इन दोनों पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है. पोस्ट में जिन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है वे गुजरात से नहीं, बल्कि तेलंगाना से हैं.
असल में, एक अन्य मामले में 2017 में केतन दवे नाम का एक फाइनेंसर गुजरात के राजकोट में धोखाधड़ी के केस में गिरफ्तार हुआ था. बाद में उसकी कार से नकली नोट भी बरामद हुए थे, लेकिन उसके आरएसएस से जुड़े होने के कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं हैं.
यह पोस्ट फेसबुक पर हजारों यूजर्स ने शेयर की है. इसी तरह की एक पोस्ट बांग्ला में भी मिली.
तेलंगाना की घटना
रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमने पाया कि वायरल हो रहीं ये तस्वीरें कुछ आर्टिकल में मौजूद हैं. “Telangana Today ” और “The Times of India ” की रिपोर्ट के मुताबिक, 2 नवंबर, 2019 को तेलंगाना पुलिस ने खम्मम में पांच लोगों के एक गिरोह को धर दबोचा और उनके पास से 6 करोड़ की कीमत के नकली नोट जब्त किए.
क्या इसका गुजरात से लेना- देना है?
कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमने पाया कि इसी तरह का एक मामला 2017 में गुजरात के राजकोट में सामने आया था.
खबरों के मुताबिक, राजकोट के फाइनेंसर केतन दवे से जुड़ी कार से 3.92 करोड़ की कीमत के 2000 के नकली नोट बरामद किए गए थे. केतन दवे धोखाधड़ी के केस में जेल में बंद था. संदेह था कि ये नकली नोट केतन दवे द्वारा छापे गए हैं.
इस घटना की खबर “Financial Express ”, “Live Hindustan ” और कुछ अन्य स्थानीय मीडिया संस्थानों में छपी थी.
हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिससे केतन दवे के आरएसएस से जुड़े होने की बात पुख्ता होती हो.
इस तरह पड़ताल में साफ हुआ कि दो अलग- अलग घटनाओं को एक साथ मिलाकर गलत दावा करते हुए एक पोस्ट वायरल की गई. तेलंगाना की तस्वीरें गुजरात की बताना और इसका संबंध आरएसएस से जोड़ना गलत है.