
आम खाते हुए रेसलर दिलीप सिंह राणा उर्फ 'द ग्रेट खली' की दो तस्वीरों का एक कोलाज सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इन तस्वीरों में मुस्लिम टोपी पहने हुए कुछ लोग भी खड़े दिख रहे हैं. कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि खली ने मुसलमानों के ठेले से आम खाए और इसी वजह से उन्हें फूड पॉइजनिंग हो गई. इस कोलाज में 'टाइम्स नाउ नवभारत' की एक कथित खबर का स्क्रीनशॉट भी है जिसमें यही बात लिखी है.
एक फेसबुक यूजर ने वायरल कोलाज शेयर करते हुए लिखा, "द ग्रेट खली ने मानवता दिखाते हुए सड़क पर जमाती की दुकान से आम खाये, अब फ़ूड पॉइजनिंग से बीमार है क्योंकि केमिकल से आम पकाए थे…" इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
कई लोगों ने वायरल तस्वीर को इसी दावे के साथ एक्स पर भी शेयर किया है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि मुस्लिमों के ठेले के आम खाने से खली के बीमार पड़ने की बात पूरी तरह गलत है. उनकी कंपनी 'कॉन्टिनेंटल रेसलिंग एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड' के मैनेजर अनिल राणा ने आजतक को बताया है कि खली पूरी तरह स्वस्थ हैं.
कैसे पता चली सच्चाई?
कीवर्ड सर्च करने पर हमें 'टाइम्स नाउ नवभारत' की वेबसाइट पर ऐसी कोई खबर नहीं मिली.
खली ने 11 जुलाई, 2024 को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें वो आम खाते दिख रहे हैं. वायरल कोलाज की तस्वीरें इसी वीडियो से ली गई हैं.
इसके बाद हमने खली की कंपनी 'कॉन्टिनेंटल रेसलिंग एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड' के मैनेजर अनिल राणा से संपर्क किया. अनिल ने आजतक को बताया कि खली पूरी तरह स्वस्थ हैं. उन्होंने ये भी बताया कि खली की आम खाने की तस्वीर उस वक्त की है जब वो 11 जुलाई को हिमाचल प्रदेश से कहीं जाते वक्त हरियाणा के यमुनानगर में सड़क किनारे बिक रहे आम के ठेलों के पास कुछ देर के लिए रुके थे.
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले खली का आम खाने वाला वीडियो वायरल हुआ था. उस वक्त ऐसा कहा जा रहा था कि खली ने कांवड़ यात्रा के दौरान खाने-पीने की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगाने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश का विरोध किया और मुस्लिम आमवालों के यहां जाकर आम खाए. लेकिन हकीकत ये है कि ये वीडियो नेमनप्लेट वाला आदेश आने से पहले का है. उस वक्त भी हमने इस दावे का फैक्ट चेक किया था.