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फैक्ट चेक: मंदिर की मांग को लेकर चर्चा में आया ये व्यक्ति जिंदा है, मौत की अफवाह हुई वायरल

सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति की तस्वीर वायरल हो रही है और दावा किया जा रहा है कि जो कभी राम मंदिर की मांग करता था, उसकी मौत ऑक्सीजन न मिलने से हो गई. लेकिन ये व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
जो व्यक्ति कह रहा था कि उसे रोटी, सड़क, अस्पताल वगैरह नहीं चाहिए, ऑक्सीजन न मिलने से उसकी मौत हो गई है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
व्यक्ति का नाम जितेंद्र गुप्ता है और वे इस समय पूरी तरह स्वस्थ हैं.

"सड़क नहीं चाहिए, रोटी नहीं चाहिए, मंदिर चाहिए". पूरे जोश से ये नारा लगा रहे एक हिंदूवादी व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर आए दिन देखने को मिलता है. वीडियो में ये व्यक्ति राम मंदिर के लिए अपने जुनून को अलग अंदाज से पेश करता हुआ दिखता है. डिजिटल मीडिया हाउस स्कूपव्हूप का ये वीडियो राजनीतिक मीम्स में खूब इस्तेमाल होता रहा है. लेकिन अब इसी व्यक्ति को लेकर सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि उसका निधन हो गया है. कहा जा रहा है कि जो आदमी कह रहा था कि उसे रोटी, सड़क, अस्पताल वगैरह नहीं चाहिए, ऑक्सीजन न मिलने से उसकी मौत हो गई है.

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दरअसल, कोरोना के मचे विध्वंस ने इस बहस को हवा दे दी है कि देश में मंदिर, मस्जिद या प्रतिमाओं की बजाए जनता और सरकार को स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर ध्यान देना चाहिए जो कोरोना की दूसरी लहर में बुरी तरह चरमरा गई हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया पर ये पोस्ट जमकर वायरल है.  

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है. वीडियो में दिख रहा व्यक्ति इस समय पूरी तरह स्वस्थ है और उसके निधन की खबर झूठी है.

सोशल मीडिया पोस्ट के कैप्शन में लोग लिख रहे हैं, "सड़क नही चाहिए, रोटी नही चाहिए, हमें मंदिर चाहिए ......सुन रहा हूं ये बिना ऑक्सीजन मर गया.......अब इसके मंदिर के जुनून का क्या होगा?" फेसबुक और ट्विटर पर ये भ्रामक जानकरी काफी वायरल हो रही है. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

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कैसे पता की सच्चाई?

इस दावे को अलग-अलग कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है. इन्हीं में से एक कैप्शन को फेसबुक पर खोजने पर हमें रविंदर सिंह नेगी नाम के एक यूजर की पोस्ट मिली. भ्रामक पोस्ट के एक स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए रविंदर ने लिखा है कि व्यक्ति की मौत की खबर झूठी है. रविंदर के मुताबिक व्यक्ति का नाम जीतू गुप्ता है, जो उनके दोस्त हैं, और पूरी तरह स्वस्थ हैं.

इस बारे में हमारी बात रविंदर सिंह नेगी से हुई. उन्होंने हमें यही बताया कि उनके दोस्त जीतू गुप्ता के निधन की खबर अफवाह है. रविंदर की मदद से हमारी बात खुद जीतू (जितेंद्र) गुप्ता से भी हुई. जितेंद्र ने कहा कि वे इस समय पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनके बारे में झूठ फैलाया जा रहा है. जितेंद्र के अनुसार, वे दिल्ली के पटपड़गंज के रहने वाले हैं और मंदिर आंदोलन से काफी सालों से जुड़े हैं. जितेंद्र कंस्ट्रक्शन के साथ-साथ सामज सेवा का भी काम करते हैं. इस अफवाह के खिलाफ उन्होंने दिल्ली पुलिस के साइबर सेल में शिकायत भी दर्ज करवाई है. जितेंद्र ने हमें अपना एक वीडियो भी भेजा जिसमें वो बता रहे हैं कि वे स्वस्थ हैं और उनकी मौत की खबर गलत है.

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जितेंद्र का मंदिर वाला वीडियो दिसंबर 2018 का है जब दिल्ली के रामलीला मैदान में विश्व हिंदू परिषद की "धर्म संसद" का आयोजन हुआ था जिसमें हज़ारों कार्यकर्ता जुटे थे. इस दौरान यूट्यूब चैनल  "ScoopWhoop Unscripted" के एंकर समदीश भाटिया मजाकिया ढंग में लोगों से सवाल-जवाब कर रहे थे. इसी समय जितेंद्र ने जोशीले अंदाज में कहा था कि उन्हें "सड़क नहीं चाहिए, रोटी नहीं चाहिए, मंदिर चाहिए". ये वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर छा गया और और काफी चर्चा में रहा.

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