scorecardresearch
 

फैक्ट चेक: भारतीय जवान के पैर नहीं छू रहे ये बच्चे

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में इस दावे को भ्रामक पाया. ये वायरल वीडियो भारत में नहीं बल्कि श्रीलंका में शूट किया गया है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
कश्मीरी पत्थरबाज़ों को बच्चों से सीखना चाहिए जो भारतीय जवान के पैर छू रहे हैं.
‘रामदेव अंग’ और ‘पुरुषोत्तम शर्मा’ जैसे कई फेसबुक यूजर्स ने
सच्चाई
वीडियो श्रीलंका से है और जवान भी श्रीलंका का है.

Advertisement

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक जवान के पैर को स्कूली बच्चे छूते दिख रहे हैं. फेसबुक यूज़र्स साथ ही ‘उम्मीद’ जता रहे हैं कि कश्मीर में पत्थर फेंकने वाले भी ऐसा ही करेंगे.

फेसबुक यूजर  “रामदेव अंग” ने वीडियो के साथ हिन्दी कैप्शन दिया है- काश के कश्मीर के पत्थरबाज़ इन नौजवानों से कुछ सीखते #bhartiyasena #INDIANARMY.”

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में इस दावे को भ्रामक पाया. ये वायरल वीडियो भारत में नहीं बल्कि श्रीलंका में शूट किया गया है.

सोशल मीडिया पर इस वीडियो को पिछले कई हफ्तों से देखा जा रहा है. फेसबुक यूज़र ‘पुरुषोत्तम शर्मा’ ने भी ऐसे ही दावे के साथ वीडियो को पोस्ट किया. 

 1.18 मिनट के इस वीडियो में स्कूली बच्चे एक जवान से हाथ मिलाते और उसके पैर छूते देखे जा सकते हैं.  लोगों ने इन पोस्ट पर कमेंट में ‘जय हिन्द’ लिखा है.  उन्होंने यही समझ कर कमेंट किया कि वीडियो भारत से है और बच्चे एक भारतीय जवान के प्रति सम्मान दिखा रहे हैं. 

Advertisement

रिवर्स इमेज सर्च और कीवर्ड सर्च की मदद लेकर हमने पाया कि इस वीडियो को “Choti Monika” ने 30 मई 2019 को यूट्यूब पर पोस्ट किया. साथ ही कैप्शन दिया...श्रीलंकाई सेना का सम्मान करते स्कूली बच्चे.”

एक और यूजर  “London Jaltha” ने भी फेसबुक पर इसी वीडियो को उसी दिन पोस्ट किया. साथ ही सिंहला में कैप्शन दिया- “आप अपने अभिभावकों के बहुत अहम बच्चे हो. आपका भविष्य बहुत सुनहरा है, मेरे बच्चो. दिल से तुम्हारा शुक्रिया.”   

श्रीलंका के कुछ वेबसाइट्स और न्यूज़ चैनल्स ने भी फेसबुक और यूट्यूब पर इस वीडियो को पोस्ट किया. सिंहला न्यूज़ चैनल ‘हीरू न्यूज़’ ने अपने फेसबुक पेज पर इस वीडियो को 30 मई 2019 को अपलोड किया. साथ ही सिंहला में कैप्शन दिया- “युद्ध नायकों के लिए कृतज्ञता.”  इसी वीडियो को छोटी अवधि में ‘हीरू न्यूज़’ ने भी उसी दिन पोस्ट किया. 

AFP फैक्ट चेक के 12 जून 2019 को प्रकाशित एक लेख के मुताबिक वीडियो में सिंहला आवाज़ का अनुवाद इस प्रकार है- “ईस्टर पर बम हमले के बाद स्कूलों में सुरक्षा को लेकर उठी चिंताओं के बाद सुरक्षा बलों ने स्कूलों में सुरक्षा मज़बूत बनाने के लिए कदम उठाए हैं. स्वैच्छिक प्रतिक्रिया में जवानों ने कतारबद्ध होकर बच्चों के मन से डर की किसी भी भावना को दूर करने की कोशिश की, यहां कुछ स्कूली बच्चों को सलामी देते देखा जा सकता है, मोबाइल फोन कैमरा से शूट किया गया.” 

Advertisement

वायरल वीडियो को बारीकी से देखने पर खुलासा होता है कि अधिकतर बच्चे स्कूल में अपना सामान ले जाने के लिए पारदर्शी प्लास्टिक बैग्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.

न्यूज़ रिपोर्ट्स के मुताबिक, बम धमाकों के बाद सुरक्षा कारणों से श्रीलंका प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की थी कि वे अपने बच्चों के स्कूल बैग्स को पारदर्शी बैग्स से बदल दें. 

lankan-children_061919034424.png

lanka-school-boy_061919034327.png

वायरल वीडियो में जवानों ने जो पोशाक पहनी है वो श्रीलंकाई जवानों की अन्य तस्वीरों से मिलती है.

ये सारी पड़ताल और मीडिया रिपोर्ट्स से साफ़ स्थापित होता है कि ये वीडियो भारत से नहीं बल्कि श्रीलंका से है. साथ ही वायरल वीडियो में जो जवान है वो भारतीय जवान नहीं है. 

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Advertisement
Advertisement