नामचीन एक्टर्स, नेताओं और न्यूज एंकर्स के एडिटेड वीडियो शेयर करके कुछ सोशल मीडिया यूजर्स 48 घंटे के अंदर डायबिटीज ठीक करने का दावा कर रहे हैं! इन वीडियोज को काफी लोग असली भी समझ रहे हैं क्योंकि इनमें मशहूर हस्तियों की असली आवाज से हूबहू मिलती हुई आवाज सुनाई देती है. साथ ही, इन्हें न्यूज चैनल के लोगो इस्तेमाल कर असली न्यूज रिपोर्ट की तरह दिखाने की कोशिश की गई है.
इनमें एक्टर अक्षय कुमार से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक ये कहते दिखते हैं कि अमुक दवा खाने से डायबिटीज छूमंतर हो जाएगी. लेकिन हकीकत ये है कि ये सभी वीडियो फर्जी हैं. इनमें जिन हस्तियों को दिखाया गया है, उन्होंने ऐसी किसी डायबिटीज की दवा का प्रचार नहीं किया है.
नकली रिपोर्ट में लगाया "आजतक" का लोगो
फेसबुक पर वायरल हो रहे एक वीडियो में ऊपर, दाहिनी तरफ "आजतक" का लोगो लगा है और नीचे "ब्रेकिंग न्यूज" लिखा है. साथ ही बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है, "यह देखकर आप हैरान हो जाएंगे. मधुमेह आपको फिर कभी परेशान नहीं करेगा." हम आपको बता दें कि "आजतक" पर इस तरह तरह जादुई तरीके से डायबिटीज ठीक कर देने वाली कोई भी खबर नहीं दिखाई गई है.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इस वीडियो के शुरुआती दृश्य, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह पर दिए गए भाषण से लिए गए हैं. वायरल वीडियो में इस भाषण के साथ डायबिटीज की दवा का गुणगान करने वाला ऑडियो लगा दिया गया है. 25 जुलाई, 2022 को हुए इस समारोह का असली वीडियो संसद टीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मौजूद है.
अंजना ओम कश्यप का एडिटेड वीडियो
इसमें "आजतक" की एंकर अंजना ओम कश्यप ये कहती नजर आती हैं, कि अविनाश मिश्रा नाम के युवा वैज्ञानिक ने एक ऐसा प्राकृतिक उपचार खोजा है, जिसकी मदद से मधुमेह पूरी तरह ठीक हो सकता है. लेकिन वीडियो का ये हिस्सा भी एडिटेड है.
अगर आप इसे ध्यान से देखें, तो आपको साफ पता लग जाएगा कि अंजना के होठों का मूवमेंट, ऑडियो से बिल्कुल मेल नहीं खा रहा. साफ समझ में आता है कि ये फर्जी ऑडियो अलग से जोड़ा गया है.
अमेरिकी सर्जन की तस्वीर चुराई
इस वीडियो में जिस शख्स को डॉ. अविनाश मिश्रा बताया गया है, वो असल में 'हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ' में कार्यरत प्रोफेसर व सर्जन डॉ. अतुल गवांडे हैं.
वायरल वीडियो में डॉ. अतुल एक जगह कहते दिखते हैं, "मैं गारंटी देता हूं कि ब्लड शुगर का स्तर 48 घंटे में सामान्य हो जाएगा. आपको डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि दो हफ्तों में आप अपने ग्लूकोमीटर को हमेशा के लिए कचरे में फेंक देंगे." रिवर्स सर्च के जरिये हमें पता लगा कि ये वीडियो ‘सीएनबीसी टीवी’ के यूट्यूब चैनल पर 2 मार्च, 2021 को अपलोड किया गया था. इसमें डॉ. अतुल, कोरानाकाल के दौरान सरकार द्वारा रेस्टोरेंट वगैरह खोलने को लेकर अपने विचार रख रहे थे.
अस्पताल की पुरानी तस्वीरों से फैलाया जा रहा भ्रम
वीडियो में दो तस्वीरें अस्पतालों में भर्ती मरीजों की लग रही हैं. हकीकत ये है कि इनमें से पहली तस्वीर 4 जुलाई, 2021 की है जब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती थे और मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ उन्हें देखने गए थे.
वहीं, दूसरी तस्वीर हमें गुरुग्राम के एक ब्रेस्ट कैंसर सर्जन रोहन खंडेलवाल के लिक्डइन पोस्ट में मिली. यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, ये तस्वीर कोरोनाकाल के दौरान एक 90 वर्षीया महिला के ऑपरेशन के बाद ली गई थी. जहां इस तस्वीर में डॉक्टर ने मास्क लगा रखा है, वहीं, वायरल हो रही फोटो में दिख रहे डॉक्टर का चेहरा बदलकर डॉ. अतुल गवांडे का चेहरा लगा दिया गया है. वही अतुल गवांडे, जिन्हें वायरल वीडियो में डॉ. अविनाश मिश्रा बताया गया है.
योगी आदित्यनाथ का पुराना वीडियो भी कर दिया एडिट
वीडियो के अंत में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ये कहते दिखते हैं कि इस दवा से भारत में एक करोड़ चौदह लाख डायबिटीजग्रस्त लोगों का इलाज हो चुका है. लेकिन ये वीडियो भी फर्जी है.
असली वीडियो, योगी आदित्यनाथ के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू का है. ये इंटरव्यू "आजतक" के यूट्यूब चैनल पर 16 जनवरी, 2024 को अपलोड किया गया था. इसमें कहीं भी डायबिटीज की कोई बात नहीं है.
इन सितारों ने नहीं बताया डायबिटीज का रामबाण इलाज
इसी तरह एक दूसरे वीडियो में शाहरुख खान, अक्षय कुमार, हेमा मालिनी, मिथुन चक्रवर्ती और योगी आदित्यनाथ, डायबिटीज की दवाओं का प्रचार करते दिखते हैं. ये वीडियो भी पूरी तरह फर्जी है. इन्हें भी अलग-अलग इवेंट्स और इंटरव्यूज के वीडियो एडिट करके बनाया गया है.
वीडियो के नीचे नाम की एक वेबसाइट का लिंक है, हालांकि वर्तमान में ये लिंक काम नहीं कर रहा है. फर्जीवाड़ा करने वाले लोग अक्सर इसी तरह सेलेब्रिटीज के पुराने वीडियो एडिट करके उनके जरिये मानमाफिक प्रोडक्ट्स का प्रचार करते हैं. पिछले साल इंडिया टुडे के एंकर राजदीप सरदेसाई को हाइपरटेंशन की दवा का प्रचार करते हुए दिखाया गया था. ये विज्ञापन भी पूरी तरह फर्जी था और उस वक्त भी हमने उसकी सच्चाई बताई थी.