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फैक्ट चेक: गौतस्करों पर कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन नहीं कर रही ये भीड़, दमोह के इस वीडियो की कहानी अलग है

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह मध्य प्रदेश के दमोह का है जिसमें कुछ लोगों के साथ धक्कामुक्की हो रही है. वीडियो में कुछ लोग मुस्लिम टोपी पहने लोग भी नजर आ रहे हैं. 

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
एमपी के दमोह में गौ तस्करों पर हुई कार्रवाई के खिलाफ मुस्लिमों ने एक पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
वीडियो का गौ तस्करी से कोई लेना देना नहीं है. हाल ही में दमोह में कुछ लोगों ने एक मुस्लिम दर्जी और एक इमाम के साथ मारपीट कर दी थी, जिसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भीड़ ने थाने के सामने जमा होकर हंगामा कर दिया था.

सोशल मीडिया पर वायरल गुस्साई भीड़ के एक वीडियो  के साथ कहा जा रहा है कि एमपी के दमोह में गौ तस्करों पर हुई कार्रवाई के खिलाफ मुस्लिमों ने एक पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया. इस वीडियो में सैकड़ो लोगों की भीड़ को हल्ला मचाते देखा जा सकता है. भीड़ में कुछ पुलिसकर्मी भी फंसे दिख रहे हैं, जिनके साथ धक्कामुक्की हो रही है. वीडियो में कुछ लोग मुस्लिम टोपी पहने लोग भी नजर आ रहे हैं. 

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दावे में ये भी कहा गया है कि मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मारपीट की और हाथ काटने की धमकी दी.

एक X यूज़र ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, "दमोह में पुलिस ने कुछ गोमांस तस्करों को गिरफ्तार किया और स्लॉटर हाउस को ध्वस्त कर दिया... जिसके बाद 2000 से अधिक कट्टरपंथी समर्थक दमोह पुलिस स्टेशन पर आए और हाथ काटने की धमकी दी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट भी की।"

 

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का गौ तस्करी से कोई लेना देना नहीं है. हाल ही में दमोह में कुछ लोगों ने एक मुस्लिम दर्जी और एक इमाम के साथ मारपीट कर दी थी, जिसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रही ये भीड़ थाने के सामने जमा होकर हंगामा करने लगी थी.  

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कैसे पता चली सच्चाई?

गूगल पर 'दमोह जेल मस्जिद' सर्च करने से हमें दैनिक भास्कर की एक खबर मिली जिसमें इस घटना के बारे में बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, दमोह जेल के पास स्थित एक मस्जिद परिसर में चार लोगों ने अंसार खान नाम के एक टेलर के साथ मारपीट कर दी थी.  

बवाल की शुरूआत 3 फरवरी की रात को हुई जब लल्लू शर्मा नाम का एक आदमी, अंसार की दुकान पर अपने कपड़े लेने आया था. लल्लू ने अपने कपड़े दो महीने पहले सिलने दिए थे. अंसार ने कुछ कपड़े बना दिये थे और कुछ बाकी थे. 

इसी बात पर लल्लू शर्मा और उनके साथ आये राजू ठाकुर, विक्की शर्मा और एक अन्य शख्स की अंसार से लड़ाई हो गई. उन्होंने अंसार को धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. इस मारपीट में बीच बचाव करने के लिए मस्जिद के पेश इमाम हाफिज रिजवान आए. उनके साथ भी चारों ने मारपीट की. 

इसे लेकर इमाम और टेलर, दमोह कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराने गए. जब आसपास के लोगों को दोनों की पिटाई की खबर मिली तो थाने के बाहर सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हो गए और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे. 

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पुलिस ने इस मामले में चार युवकों- लल्लू शर्मा, राजू ठाकुर, विक्की शर्मा और एक अन्य के खिलाफ धारा 294, 323, 506, 427 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की. सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. 

हमें आजतक के दमोह संवाददाता शांतनु की मदद से एफआईआर की कॉपी भी मिली. इस एफआईआर में कहीं भी गौ तस्करी या गौ हत्या से जुड़ी किसी घटना का जिक्र नहीं है.

शांतनु ने हमें बताया कि 3 फरवरी की रात को पुलिस थाने के बाहर भाषणबाजी भी हुई थी. हाफिज रहमान ने वहां मौजूद लोगों को बताया कि पुलिस ने 24 घंटे में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. इसके बाद पुलिस ने देर रात दमोह में फ्लैग मार्च भी निकाला. 

भाषणबाजी के बीच एक शख्स ने आरोपियों के हाथ और सिर काटने की आपत्तिजनक बात कर डाली. हालांकि इस बात का वहां मौजूद लोगों ने सर्मथन नहीं किया और उसे रोका. इसके बाद पुलिस ने भीड़ को वहां से हटाने की कार्रवाई की. 

इस मामले पर दमोह के एसपी सुनील तिवारी ने कहा है कि आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर समुदाय विशेष के लोग थाने पर आए थे. हमने उन्हें समझाया मगर कुछ लोगों ने साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की. हमने उनमें से 40 के खिलाफ मामला पंजीकृत किया है.   

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गौ हत्या के एंगल का सच जानने के लिए हमने भी सुनील तिवारी से बात की. उन्होंने हमें इस बात की पुष्टि कर दी कि इस मामले का गौ तस्करी या गौहत्या से कोई संबंध नहीं है.

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