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किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने 19 फरवरी को घोषणा की थी कि पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए 21 फरवरी को हजारों किसान जयपुर से दिल्ली कूच करेंगे. लेकिन ‘दिल्ली कूच’ से ठीक पहले रामपाल जाट को राजस्थान पुलिस ने नजरबंद कर दिया.
इसी बीच इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बड़ी संख्या में लोग किसानों के समर्थन में नारे लगाते हुए मार्च करते दिखाई दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर अब कुछ लोग इस वीडियो को राजस्थान के किसानों के दिल्ली कूच से जोड़ रहे हैं.
वीडियो को शेयर कर एक X यूजर ने लिखा, “किसान आंदोलन ‘दिल्ली कूच’ को राजस्थान में ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा हैं..किसान आंदोलन के समर्थन राजस्थान की राजधानी जयपुर में उमड़ा किसान मज़दूरों का जनसैलाब... अभी तक किसी मिडिया किसानों के इस जनसैलाब को नहीं दिखाया है.”
ऐसे ही एक पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है.
‘आजतक फैक्ट चेक’ ने पाया कि वायरल वीडियो सात साल पुराना है और राजस्थान में ‘दिल्ली कूच’ के समर्थन में चल रहे किसानों के आंदोलन का नहीं है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट के रिप्लाई में कई यूजर्स ने इस वीडियो के पुराने होने की बात कही. इससे जानकारी लेते हुए जब हमने कीवर्ड सर्च किया तो हमें इससे मिलता-जुलता एक वीडियो यूट्यूब पर मिला, जिसे वहां 30 जून, 2017 को अपलोड किया गया था. इस वीडियो में ‘बाबूलाल नागर जिंदाबाद’ के नारों को भी सुना जा सकता है.
इसके बाद, जब हमने बाबूलाल नागर के सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाला तो हमें वायरल वीडियो उनके आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर 1 जुलाई, 2017 को अपलोड हुआ मिला.
पोस्ट में दी गई जानकारी के अनुसार ये वीडियो 29 जून 2017 का है जब बाबूलाल ने किसानों की समस्याओं, कर्जा माफी, बुजुर्गों की पेंशन, जैसे कई मुद्दों को लेकर तत्कालीन राजस्थान सरकार के खिलाफ जयपुर में किसानों के साथ रैली निकाली थी. उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी.
घटना के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर से संपर्क किया. उन्होंने ‘आजतक’ को बताया कि ये वीडियो साल 2017 का है जब जयपुर के कलक्ट्रेट सर्किल इलाके में किसानों की रैली आयोजित की गई थी. ये रैली तत्कालीन राजस्थान सरकार और भाजपा की केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ निकाली गई थी. उन्होंने ये भी बताया कि हाल-फिलहाल में उन्होंने ऐसी कोई भी रैली नहीं निकाली है.
साफ है, वायरल वीडियो लगभग सात साल पुराना है और इसका हालिया किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है.