पश्चिम बंगाल के मालदा में 27 मार्च को एक प्रदर्शन के दौरान बेकाबू हुई भीड़ ने कई दुकानों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. ये प्रदर्शन मालदा के मोथाबाड़ी इलाके की एक मस्जिद के सामने पटाखे फोड़ने के विरोध में किया गया था. इस घटना के बाद बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस को एक पत्र लिखकर इलाके में पैरामिलिट्री फोर्स तैनात करने की मांग की है.
इस बीच सोशल मीडिया पर इस घटना का एक कथित वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें लोगों की भारी भीड़ किसी इलाके से निकलती गाड़ियों में आग लगा रही है और तोड़फोड़ कर रही है. वीडियो शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “सौगात-ए-मोदी गिफ्ट के बाद अब सौगात-ए-मुसलमान रिटर्न गिफ्ट मालदा ,पश्चिम बंगाल. सुना है सौगात-ए-मोदी मिलने से खुश शान्तिप्रिय समुदाय वालों ने मालदा के हिन्दुओं को तगड़ा रिटर्न गिफ्ट दिया है. ‘सौगात ए मोदी’ मिलने की खुशी में अब मालदा का मुसलमान पूरी तरह नफरत भूल हिंदू भाइयों की बस्ती में दीपावली मना रहा है. बहुत बहुत बधाई मोदी जी.”
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो पश्चिम बंगाल तो क्या भारत का ही नहीं है. दरअसल, ये बांग्लादेश के सिलहट शहर का है, जहां 26 नवंबर, 2023 को एक प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने ये उपद्रव मचाया था.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इसका लंबा वर्जन 27 नवंबर, 2023 के एक यूट्यूब वीडियो में मिला. यहां इसे ‘Prothom Alo’ नाम के एक बांग्लादेशी न्यूज आउटलेट ने शेयर किया था. वीडियो डिस्क्रिप्शन में बांग्ला में लिखा है, “सिलहट में नाकाबंदी के समर्थन में मशाल जुलूस निकाला गया और वाहनों में तोड़फोड़ की गयी.”
थोड़ा और खोजने पर हमें इस वीडियो के बारे में छपी कुछ न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. इनके मुताबिक, सिलहट में 48 घंटे के लिए हुई नाकाबंदी के दौरान 26 नवंबर, 2023 को आगजनी और उपद्रव की कई घटनाएं हुईं. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों ने उस वक्त सत्ता में मौजूद शेख हसीना की सरकार के खिलाफ ये नाकाबंदी करवाई थी. इस दौरान सिलहट के सुबिद बाजार में बड़ी संख्या में लोगों ने गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था. ये लोग नाकाबंदी के समर्थन में मशाल जुलूस निकाल रहे थे.
खबरों के मुताबिक इस दौरान एक एम्बुलेंस और कई रिक्शे आग में जल गए थे. घटना से दहशत में आए कई स्थानीय व्यापारियों ने बाजार में मौजूद अपनी दुकानें बंद कर दी थीं. हालांकि, प्रदर्शन कर रहे राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ शेख हसीना की पार्टी के लोगों ने ही विपक्ष को बदनाम करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था.
हमें पश्चिम बंगाल पुलिस के आधिकारिक X अकाउंट पर इस वीडियो से जुड़ा एक पोस्ट भी मिला. इसके मुताबिक गाड़ियों में आग लगाते लोगों के वायरल वीडियो का मालदा से कोई लेना-देना नहीं है और फिलहाल मालदा में स्थिति नियंत्रण में है.
साफ है, बांग्लादेश में साल 2023 में हुई एक घटना के वीडियो को पश्चिम बंगाल के मालदा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.