उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू होने जा रहा है, जिसके लिए देश के कोने-कोने से साधु-संत प्रयागराज पहुंच रहे हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर कथित तौर पर कुंभ में आए साधु का एक वीडियो वायरल हो गया है, जो बड़े ही आराम से जलती हुई लकड़ियों पर लेटे हुए दिखाई दे रहे हैं. ये साधु बीच-बीच में में करवट लेते हैं, हाथ से धुएं को अपने से दूर उड़ाते हैं और आराम से आग पर लेटे रहते हैं. कुछ वक्त बाद जब वो खड़े होते हैं तो उनके कपड़े नीचे से थोड़े जले हुए दिखाई देते हैं, लेकिन उन पर आंच भी नहीं आती. लोगों की मानें तो कुंभ में आए इस साधु ने बीबीसी के एक पत्रकार को भी अचंभे में डाल दिया, और उन्होंने ही साधु पर ये वीडियो रिपोर्ट बनाई.
फेसबुक पर ये वीडियो शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “कुम्भ में आये सिद्ध सन्त का गंगा स्रान से पहले #अग्नि स्नान करते देख #बीबीसी के रिपोर्ट की नींद उड़ गई, जो बीबीसी दिन रात हिन्दू धर्म संस्कृति को अन्य धर्मों के अपेक्षा हमेसा नीचा दिखाता रहा, वही बीबीसी कल इसे अपने चेनल पर ब्रॉडकास्ट किया.”
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आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो न तो कुंभ का है और न ही इसे बीबीसी ने बनाया है. ये तमिलनाडु के तंजावूर जिले में रहने वाले एक साधु पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री का वीडियो है.
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कैसे पता लगाई सच्चाई?
कीवर्ड सर्च की मदद से हमें 23 मार्च, 2011 का एक यूट्यूब वीडियो मिला, जो वायरल वीडियो का लंबा वर्जन है. वीडियो के डिस्क्रिप्शन में ‘द फायर योगी’ नाम की एक डॉक्यूमेंट्री के बारे में बताया गया है. ये डॉक्यूमेंट्री इस योगी के बारे में है, जो सांस लेने की एक अनोखी तकनीक का इस्तेमाल करके इस तरह आग से खेलते हैं.
इसके बाद हमें इस साधु के बारे में छपी कुछ रिपोर्ट्स मिलीं. इनके मुताबिक आग के साथ खेलते इस साधु का नाम योगी रामभव है, जो तमिलनाडु के तंजावूर जिले के रहने वाले हैं. ये योगी दावा करते हैं कि पिछले कई सालों से वो कुछ बूंद पानी, केले और दूध पर जिंदा हैं. उनके बारे में एक 47-मिनट की डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई है.
थोड़ा और खोजने पर हमें Amazon की वेबसाइट पर ‘द फायर योगी’ डॉक्यूमेंट्री की डीवीडी मिली. यहां जानकारी दी गई है कि ये डॉक्यूमेंट्री 16 अक्टूबर 2007 को रिलीज हुई थी. माइक वसन नाम के एक शख्स ने इसका निर्देशन किया था.
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नवंबर 2009 में ‘आजतक’ ने भी कुछ डॉक्टरों से इस वीडियो के बारे में बातचीत की थी. इस दौरान एक त्वचा विशेषज्ञ ने बताया था कि कैसे शरीर का आग से सीधा संपर्क न होने के कारण, कपड़ों में केमिकल वगैरह लगाकर और सालों अभ्यास करके शरीर को ट्रेन करके योगी आग से जले नहीं होंगे. साथ ही, इस योगी ने ‘आजतक’ से बातचीत के दौरान बताया था कि वो मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में बारिश कराने के लिए इसी तरह आग में रह कर पूजा-साधना कर चुके हैं. साथ ही, कर्नाटक के गुलबर्गा शहर के दत्तात्रेय मंदिर में उन्होंने हजारों लोगों के सामने चार घंटे तक आग पर लेट कर साधना की थी.
हम ये तो पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि आग पर खेलने वाले इन योगी की इस ट्रिक का सच क्या है. पर इतनी बात साफ है कि ये सालों पुराना वीडियो है जिसका प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ से कोई लेना-देना नहीं है. साल 2022 में भी ये वीडियो वायरल हुआ था. तब हमने इसकी सच्चाई बताते हुए बांग्ला में फैक्ट चेक रिपोर्ट छापी थी.