उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनावी नतीजों ने हर किसी को चौंका दिया है. एक तरफ जहां बीजेपी नेता 80 में से 80 सीटें जीतने का दावा कर रहे थे, परिणाम आने पर बीजेपी महज 33 सीटों पर सिमट के रह गई. वहीं, 37 सीटों के साथ इस लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. उत्तर प्रदेश की गाजीपुर सीट से भी बीजेपी को बड़ा झटका लगा, जहां मुख्तार अंसारी के भाई और सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने जीत हासिल की.
इस बीच किसी मंच पर भाषण देते, मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वीडियो में अब्बास कहते हैं कि वो सपा प्रमुख अखिलेश यादव से बात करके आए हैं कि अगले छह महीने तक किसी भी अधिकारी का ट्रांसफर नहीं किया जाएगा. पहले अफसरों से हिसाब-किताब होगा, उसके बाद ही किसी को जाने दिया जाएगा.
वीडियो के अंदर मौजूद टेक्स्ट में लिखा है, “अखिलेश यादव से बात करके आया हूँ किसी अधिकारी का ट्रांसफर नहीं होगा, पहले हिसाब किताब होगा - मुख्तार अंसारी का बेटा. इतनी सी seat आने पर इनका ये हाल है गलती से जीत जाते तो हिंदुओ तुम घर मे घुसे फिरते, क्योकि तुमसे लड़ना भी नहीं आता.”
कई लोग इस वीडियो को हालिया बताते हुए यूपी में सपा की जीत के बाद बिगड़े हालात के तौर पर पेश कर रहे हैं. फेसबुक पर ये वीडियो शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “यूपी की गाजीपुर लोकसभा सीट से माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी की जीत के बाद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे को सुनिए.” ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो हालिया नहीं, बल्कि साल 2022 का है, जब अब्बास अंसारी मऊ में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे थे. पुलिस ने अब्बास के इस बयान पर केस भी दर्ज किया था.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इसके बारे में साल 2022 में छपी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. इनके मुताबिक माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव का नाम लेते हुए, उत्तर प्रदेश में सरकार बनने पर अफसरों से हिसाब-किताब करने की धमकी दी थी. तब अब्बास अंसारी सपा गठबंधन के प्रत्याशी थे और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की टिकट पर उत्तर प्रदेश के मऊ से विधानसभा चुनाव लड़ा था.
खबरों के मुताबिक अब्बास ने कोतवाली थाना क्षेत्र के पहाड़पुरा मैदान में 3 मार्च, 2022 को एक जनसभा को संबोधित करते हुए ये विवादित बयान दिया था. भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद, 4 मार्च 2022 को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए अब्बास के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. चुनाव आयोग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अब्बास के प्रचार पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी थी. लेकिन, अब्बास आखिरकार मऊ सदर सीट से जीतने में कामयाब रहे.
बता दें कि अब्बास अंसारी के खिलाफ कई मुकदमे चल रहे हैं, और वो फिलहाल कासगंज जेल में बंद हैं. 5 जून 2024 को भी हेट स्पीच के मामले में वीसी के जरिए अब्बास की अदालत में पेशी कराई गई थी.
साफ है, अफसरों को धमकाते अब्बास अंसारी के दो साल पुराने वीडियो को हालिया बताकर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है.