डगमगाते हुए एक पुल का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. देखने में ऐसा लगता है मानो पुल का एक जॉइंट ढीला होने की वजह से वो हिल रहा हो. इस पर कई वाहन भी खड़े नजर आते हैं.
इसे शेयर करते हुए लोग सरकार पर सवाल उठा रहे हैं कि कैसे बिहार में हर हफ्ते कोई न कोई पुल गिर रहा है. वीडियो के साथ लोग कैप्शन में लिख रहे हैं, “हंसिए मत, सोचिए हमारा देश कहा जा रहा है. देश में करोड़ों लोगों का Tax का क्या परिणाम निकल रहा है? सरकार टेंडर ऐसे कंपनी को ही क्यों दे रही है जिसका उनके साथ राजनीतिक संबंध हो, आखिर क्यों और कैसे बिहार में हर हफ्ते कोई न कोई पुल गिर रहा है?”
फेसबुक और इंस्टाग्राम पर कई लोग इसी कैप्शन के साथ पुल का वायरल वीडियो शेयर कर चुके हैं. ऐसे ही एक वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
दरअसल, मॉनसून के दौरान बिहार से लगातार पुल गिरने की खबरें आ रही थीं. 5 जुलाई 2024 को छपी आजतक की एक खबर के मुताबिक, उस समय बिहार में 18 दिनों में 12 पुल गिरे थे. एक के बाद एक पुल गिरने की वजह से बिहार सरकार पर सवाल उठ रहे थे. इसी संदर्भ में ये वीडियो वायरल हो रहा है.
लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये बिहार का नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल का पिछले महीने का वीडियो है.
कैसे पता की सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें सुराजीत दासगुप्ता नामक पत्रकार के ट्वीट में मिला. यहां वीडियो को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के नवद्वीप शहर में स्थित गौरंग सेतु का बताया गया है.
इसके बाद कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें ये वीडियो इकोनॉमिक टाइम्स के 4 अक्टूबर के एक फेसबुक पोस्ट में भी मिला. यहां भी इसे नवद्वीप गौरंग सेतु का बताया गया है. साथ ही, पोस्ट में लिखा है कि पुल की खस्ता हालत के बारे में बताए जाने के बावजूद प्रशासन ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया था.
इस पुल के बारे में बांग्ला भाषा में भी कई खबरें छपी थीं. वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने पुल की मरम्मत के लिए गाड़ियों की आवाजाही रोक दी थी जिससे जनता को काफी परेशानी हुई थी. ऐसी समस्या 2021 में भी सामने आई थी जब पुल के एक्सपैंशन जॉइंट खुल गए थे और 15 दिनों तक यहां ट्रैफिक बंद रहा था. इस पुल को गूगल स्ट्रीट व्यू पर भी देखा जा सकता है.
यहां ये स्पष्ट हो जाता है कि ये वीडियो पश्चिम बंगाल का है, न कि बिहार का.